tag:blogger.com,1999:blog-4914247499088270007.post2440069800039837370..comments2023-11-05T13:41:33.460+05:30Comments on Blog News: ब्वायफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के रिश्ते की खराबी की शिकार हुई है Jiya KhanDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4914247499088270007.post-55761374950803905892013-07-05T14:59:34.642+05:302013-07-05T14:59:34.642+05:30उम्दा .उम्दा .HAKEEM SAUD ANWAR KHANhttps://www.blogger.com/profile/08512249720424531395noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4914247499088270007.post-27360199639254826402013-06-12T17:19:16.395+05:302013-06-12T17:19:16.395+05:30@ शिखा जी ! ऐसे समाचार भी आये दिन मिलते रहते हैं ज...@ शिखा जी ! ऐसे समाचार भी आये दिन मिलते रहते हैं जब किसी की पत्नी मायके जाकर बैठ जाती है और पति उसे लाने के लिए सालों चक्कर काटता रहता है और नाकाम और निराश होकर आत्महत्या कर लेता है.<br /><br />विवाहिताओं द्वारा अपने प्रेमियों की मदद से अपने पतियों की हत्या भी इसी समाज का सच है.<br />इसके बावुजूद औरत को ज्यादा झेलना पड़ता है. यह भी सच है.<br />इसका इलाज यही है कि औरत अपनी ज्यादा केयर करे. समाज से बेवफ़ा मर्दों का सफ़ाया मुमकिन नहीं है. बेवफ़ा मर्दों को सज़ा देकर भी औरत के नुक़्सान की भरपाई मुमकिन नहीं है.<br />ऐसे बेवफ़ा मर्द को दुनिया की कोई दूसरी औरत न अपनाए तो बेवफ़ा मर्द बिलकुल सीधे हो जायेंगे.<br />औरत अपनी केयर न करे और दूसरी औरतें उसका साथ न दें तो औरत का भला मर्द कैसे कर देंगे ? <br />किसी को दोष देकर औरत की समस्याएँ न हल हुई हैं और न ही हो सकती हैं.<br />आप देखेंगी कि जल्दी ही सूरज पंचोली जी को इमोशनल सहारा देने के लिए कोई न कोई लड़की उनकी बग़ल में खड़ी होगी. चाहे आगे चलकर उसका हश्र जिया खान से भी ज़्यादा बुरा क्यों न हो !<br />लडकियां कब सबक सीखेंगी और कब सिखाना सीखेंगी ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4914247499088270007.post-67306840053034973662013-06-12T09:55:14.545+05:302013-06-12T09:55:14.545+05:30सही में ये एक दुखद घटना है किसी के भी साथ हो दुःख...सही में ये एक दुखद घटना है किसी के भी साथ हो दुःख अपने बच्चे की तरह ही होता है ऐसा करने से पहले वो माँ बाप की बिलकुल नहीं सोचते कैसे कैसे पाला है कुछ अधिकार तो उनके जीवन पर माँ बाप का भी तो होता होगा ,जब लड़के लडकियां ऐसा कदम उठाते हैं (आदर्शों के विपरीत ) इतनी हिम्मत दिखाते हैं तो मानसिक रूप से इतने कमजोर क्यों हो जाते हैं इनके विपरीत परिणामो के लिए पहले से ही तैयार क्यों नहीं रहते क्यों अपने पीछे अपने परिवार को अपने शुभ चिंतकों को दुखी करके जाते हैं Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4914247499088270007.post-27989100456972357132013-06-11T23:06:32.232+05:302013-06-11T23:06:32.232+05:30अनवर जी -
इस मुद्दे पर कोई दो राय नहीं कि मर...अनवर जी -<br />इस मुद्दे पर कोई दो राय नहीं कि मर्यादा का उल्लंघन किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं है.जो नैतिक बंधन समाज द्वारा स्थापित किये गए हैं वे पुरुष व् स्त्री दोनों के लिए सामान हैं पर स्त्री उन्हें ज्यादा निभाती आई है इसलिए वो पूजी जाती है पर यहाँ प्रश्न है कि जब पुरुष व् स्त्री दोनों मर्यादा का उललंघन करते हैं तब स्त्री ही क्यों आत्म हत्या कर उसका प्रायश्चित करती है ?पुरुष क्यों नहीं आगे बढ़कर अपने इन संबंधों को वैधता प्रदान करने की कोशिश करता .छली पुरुष क्यों एक स्त्री को छल कर दूसरी को छलने के लिए बढ़ लेता है और पहली स्त्री को आत्म हत्या के लिए विवश कर देता है . Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.com