Sunday, March 6, 2011

भारतीय ब्लॉग लेखक मंच के संस्थापक हरीश सिंह का साक्षात्कार भाग-२

BBC के कार्यक्रम में हरीश सिंह {बैठे हुए} व अन्य
हरीश सिंह ने कहा सलीम खान एक गैरजिम्मेदार व्यक्ति, अभी सलीम पर लगेंगे और भी आरोप, डॉ श्याम गुप्ता और डॉ, अनवर जमाल की भी होगी घेराबंदी. LBA _AIBA _HBFI _ABBs जैसे संगठन आयेंगे घेरे में....पढ़ते रहिये कही मौका चूक  न जाय. . 
मौके पर उपस्थित लोग 
आपने पढ़ा की कैसे भारतीय ब्लॉग लेखक मंच के संस्थापक हरीश सिंह ने  कल दावा किया था की वे सलीम खान , अनवर जमाल , डॉ. श्याम जैसे ब्लोगरो सहित कुछ संगठनो  की पोल खोलेंगे. साथ ही महाभारत २०११ {प्रथम} के बारे भी चर्चा करेंगे.  आज वे फिर हमारे साथ है. सिंह साहब "ब्लॉग की खबरे" की तरफ से आपका स्वागत है. आपकी आज्ञा हो तो आगे चर्चा  की जाय.
हरीश सिंह...  अरे भाई जब आये है तो बात करेंगे ही और घबराईये मत आपकी बात हमारे साथ चलती रहेगी. अच्छा यह बताईये आपने अपने संपादक को मिठाई खिलाई की नहीं.
ब्यूरो....... हा खिलाई थी सर, बड़े खुश हो रहे थे, कह रहे थे हम तो समझते है की सिर्फ अख़बार और चैनल वालो की ही दावत होती है, पर यहाँ भी मिठाई खाने के लिए मिल गयी. बड़े खुश थे बच्चो  को भी खिलाई, भाभी को तो उन्होंने अपने हाथ से खिलाया था. ख़ुशी के मारे भाभी ने दांत से उनकी अंगुली भी काट ली. एक झोलाछाप डाक्टर से दवाइयां ली.
हरीश सिंह ... .. हा हा हा हा क्या बात है, कह दीजियेगा अपनी उम्र का ख्याल रखे, इस उम्र में आशिकी सूझ रही है... इतनी ख़ुशी अच्छी नहीं. वे मेरी ख़बरें छापते रहे, मैं रोज़ मिठाई खिला दूंगा.
ब्यूरो........ सर आपने कहा था की "उत्तरप्रदेश ब्लोगर असोसिएसन" शुरू करने पर विवाद हुआ तो आपने नाम बदल दिया. ?
हरीश सिंह..... जीहा आपने सच कहा UBA शुरू करने का मकसद मेरा एक सपना है. जो अब BBLM  है इसके बारे में हम विस्तृत चर्चा करेंगे. फ़िलहाल  LBA पर मैं जरुर पदाधिकारी था और हूँ भी  किन्तु इस ब्लॉग का उद्देश्य जो मेरी समझ में आया की यहाँ पर ब्लोगरो की भीड़ जमा करनी है, जब कोई संगठन शुरू किया जाता है तो उसका एक मकसद होना चाहिए, एक नियमावली होनी चाहिए. सलीम भाई ने ब्लॉग की परिकल्पना की, जिसे चाहा अध्यक्ष बना दिया, जिसे चाहा पद वितरित कर दिया. जिन पदों पर जो लोग रखे गए उनमे से किसी को भी जिम्मेदारी नहीं बताई गयी. सब पद पाकर मगन थे. ब्लॉग पर क्या लिखा जा रहा,  क्या हो रहा है,  इस पर नियंत्रण रखने वाला कोई नहीं. हर घर की एक मर्यादा होती है किन्तु यहाँ  पर क्या हुआ, जिसने जो चाहा लिख दिया, जिसने जो चाही टिप्पणी कर दी और चले गए. किसकी भावनाए आहत हुयी कोई मतलब  नहीं. धर्म के माखौल उडाये जाने लगे किसी से कोई लेना देना नहीं. .... कोई हिन्दू पर तो कोई मुस्लिम  पर उड़ा रहा है और पदाधिकारी चुप होकर तमाशा देख रहे है. .. जब हम परिवार बनाये तो परिवार के दायित्वों को भी निभाएं पर यहाँ किसने निभाए,  निश्चित ही रविन्द्र प्रभात अध्यक्ष पद के लायक थे, वे जो ब्लॉग और ब्लोगरो की विवेचना करते थे उससे लगता था की वे काफी अध्यन करते थे..... पर जब असली जिम्मेदारी आई तो मैदान छोड़कर फरार हो गए. यह कैसा अनुशासन है ... अरे यार कुछ तो जिम्मेदारी होनी चाहिए. 
ब्यूरो........ लेकिन सलीम भाई का क्या दोष है ?
हरीश सिंह....... क्यों उनका दोष क्यों नहीं है. वाही तो सबसे बड़े दोषी है. आप जानते है, परिवार के दो जिम्मेदार होते है. एक जो मालिक होता है. सबका ख्याल रखता है. और एक मुखिया होता है जो परिवार के साथ समाज का भी ख्याल रखता है... आखिर आप संयोजक है जब परिवार के लोग आपस में लड़ रहे है तो आप चुप बैठकर तमाशा देख रहे रहे है. आपको सामने आना था लोंगो को समझाना  था. हर विवाद में परिवार के मुखिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है आप चुप  होकर तमाशा नहीं देख सकते... नया गठन करने से पूर्व आपको चाहिए था की आप कारण बताते रविन्द्र प्रभात क्यों भाग गए. . संगठन में बदलाव किया गया तो किससे राय ली गयी,  फिर संगठन के पदाधिकारियों की क्या जिम्मेदारी है. इनमे से तो कुछ ऐसे चेहरों को शामिल किया गया है जो काफी दिनों से दिखाई ही नहीं दे रहे है. वही दूसरी तरफ जब LBA पर हमने अपने परिवार की पोस्ट लगायी तो उन्हें पढ़ने के बाद फिर भी लोग हमपर आरोप लगाये, हमें गलियां दी, न जाने क्या क्या कहा, यहाँ तक की उसी नाम पर एक सज्जन ने संगठन बना डाले. उन्हें तो किसी ने कुछ नहीं कहा, हम लोग तो वहा पर जाकर folow भी कर आये और वे सज्जन गधे के सर से सींग की तरह गायब हो गए. हमारे घर में आज तक नहीं आये. सलीम खान बोले क्यों नहीं, भैया हरीश भाई को गाली मत दो, वे हमसे पूछकर ही LBA पर पोस्ट लगायी है. यह कैसा अन्याय है, संगठन के लोंगो को भला बुरा कहा जा रहा है औए वे चुप्पी साधे पड़े है.
ब्यूरो ... आपके कहने का मतलब है की सलीम खान गैरजिम्मेदार है ?
हरीश सिंह........ जी नहीं मैं उन्हें गैर जिम्मेदार नहीं लापरवाह मानता हूँ. पहले आप संगठन की निति बनाईये.. पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बाँटिये.... और जो लोग नियमो का पालन न करें उन्हें खुद बहार का राश्ता दिखाएँ. आज तक वे कर पाए क्या. अरे यार जो लोग नाकाबिल हैं, कामचोर है, ऐसे लोंगो की जरुरत ही क्या है.
वे तो मायावती जी की तरह खुद ही सरकार चला रहे हैं. जो उनके गुणगान करता रहे. वह मंत्रिमंडल में रहेगा नहीं तो बाहर. 
ब्यूरो..... वही काम तो आप भी कर रहे हैं ? "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" के सर्वेसर्वा बने है कोई पद क्यों नहीं बांटते.......?
हरीश सिंह.......... जी नहीं, हमने शुरुवात में ही कह दिया था की यह कोई संगठन नहीं परिवार है... परिवार में पद नहीं जिम्मेदारिया दी जाती हैं मैंने पहले ही कहा है की हम और मिथिलेश इस मंच के पहरेदार है मालिक नहीं, हमारे सभी परिवार के सदस्य बराबर के जिम्मेदार है. सभी अपनी जिम्मेदारिया निभाए, इस परिवार में शामिल होने वाले किसी भी धर्म के मानने वाले हो यहाँ  पर सिर्फ इंसानियत  धर्म को माने... और प्रेम, इंसानियत ,  भाईचारे को बढ़ावा  दे. 
ब्यूरो....... लेकिन यह कैसे होगा, आपने जो प्रतियोगिता आयोजित की है उससे भला कैसे प्रेम बढेगा, मुझे तो लगता है काफी विवाद शुरू होने वाले हैं ? आपने दो धुर विरोधियों को जज बना दिया है. आपसी सहमति कैसे बनेगी........?
हरीश सिंह...... मैं जानता हु डॉ. श्याम गुप्ता और डॉ. अनवर जमाल में वैचारिक विरोध भले है किन्तु उनका फैसला सभी मानेंगे और आपको विश्वास दिलाता हूँ की उन्हें आपसी सहमती बनाने  पर मैं मजबूर कर दूंगा..... 
 ब्यूरो...... { आश्चर्य से} आखिर यह कैसे संभव  है, यह तो कदापि नहीं हो सकता. निश्चित  रूप से विवाद होगा, कही आपकी प्रतियोगिता खटाई  में न पड़ जाय... ?
हरीश सिंह....... यह राज़ मैं इंटरव्यू के अंतिम अध्याय में खोल दूंगा, अभी नहीं बता सकता... चालाकी मत दिखाईये.... और यह लीजिये पैसे आज मिठाई के साथ समोसे भी ले लीजियेगा.... अपने संपादक से बता  देना की वह यह न कहे की मैं इमानदार गरीब हु बल्कि बात यह है की इमानदार गरीब नहीं होता बल्कि गरीब ही इमानदार होता है..... और आज कह देना आज भाभी जी को बचा कर खिलाएं ऐसा न हो दूसरी अंगुली भी कट जाय.... हा हा हा हा........
ब्यूरो...... यह रही हमारी  और हरीश सिंह की वार्ता उन्होंने जाते जाते वादा किया है की अभी और भी राज खोलेंगे सब के बारे में, प्रतियोगिता के बारे में भी बताते रहेंगे. फ़िलहाल आप अपनी लेखनी को धार दीजिये नहीं तो महाभारत में हिस्सा न लेने  पर पछताना पड़ेगा. और हा हमारे संपादक ने इस साक्षात्कार की लोकप्रियता देखकर बेचने का निर्णय भी लिया है.. इस मामले  में LBA . AIBA ..... HBFI  जैसे संगठन अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने की बात कर रहे है, हो सकता है की कुछ ले दे कर मामला तय हो जाय.... संपादक का कहना है की यदि ऐसे समझौते होते रहे तो शीघ्र ही दाल रोटी का खर्चा चलने लगेगा.. तो दोस्तों कल फिर मिलेंगे. तब तक के लिए खुदा हाफिज़....

5 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

ब्लॉग जगत में पहली बार इंटरव्यू का धारावाहिक आपने पेश करके एक नई सोच जाहिर की है , शुक्रिया .

हरीश सिंह said...

अनवर भाई कल आप के कमेन्ट में मजा आया था, आज नहीं आया, सहयोग रहा तो इस ब्लॉग पर क्या-नया और पहली बार होगा मैं दिखाऊंगा. पर कमेन्ट तो दिल से किया कीजिये, पोस्ट पढने के बाद जो मन में भाव आये वही सच्ची टिप्पणी है. संकोच नहीं करना चाहिए. हमे लगता है " सलीम भाई" के बारे में ऐसा कहना आपको बुरा लगा होगा.. पर पोस्ट में ऐसो कोई बात नहीं. शब्दों में छुपे भाव को देखिये ... सलीम भाई हमें प्रिय है उनकी कमियों को बताना एक सच्चे मित्र की पहचान है... और यह भी तो हो सकता है की यह हमारी ग़लतफ़हमी भी हो और उसे दूर करना उनका काम, यह टंग खिंचाई नहीं स्वच्छ पत्रकारिता है...... और भाई आप संपादक है , संपादक का काम होता है खबरों का संपादन करना. यदि भाई लोग किसी को मेरी बात बुरी लगे तो मुझे नहीं मन हनी का मुकदमा संपादक महोदय पर करना. बिना रिश्वत लिए खबरे नहीं छापते, जब हमें कही खबर लेने भेजते है तो धीरे से कान में कहते है भाभी के लिए कुछ लेते आना..
www.upkhabar.in
--
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com

http://blostnews.blogspot.com

हरीश सिंह said...

अनवर भाई कल आप के कमेन्ट में मजा आया था, आज नहीं आया, सहयोग रहा तो इस ब्लॉग पर क्या-क्या नया और पहली बार होगा मैं दिखाऊंगा. पर कमेन्ट तो दिल से किया कीजिये, पोस्ट पढने के बाद जो मन में भाव आये वही व्यक्त करना ही सच्ची टिप्पणी है. संकोच नहीं करना चाहिए. हमे लगता है " सलीम भाई" के बारे में ऐसा कहना आपको बुरा लगा होगा.. पर पोस्ट में ऐसो कोई बात नहीं. शब्दों में छुपे भाव को देखिये ... सलीम भाई हमें प्रिय है उनकी कमियों को बताना एक सच्चे मित्र की पहचान है... और यह भी तो हो सकता है की यह हमारी ग़लतफ़हमी भी हो और उसे दूर करना उनका काम, यह टांग खिंचाई नहीं स्वच्छ पत्रकारिता है...... और भाई आप संपादक है , संपादक का काम होता है खबरों का संपादन करना.
यदि भाई लोग किसी को मेरी बात बुरी लगे तो मुझ पर नहीं मान हानि का मुकदमा संपादक महोदय पर करना. बिना रिश्वत लिए खबरे नहीं छापते, जब हमें कही खबर लेने भेजते है तो धीरे से कान में कहते है भाभी के लिए कुछ लेते आना.. और घर जाकर कहते हैं खरीद कर लाया हूँ.

DR. ANWER JAMAL said...

@ भाई हरीश सिंह जी ! जो आप सोच रहे हैं वह बात नहीं है । दरअस्ल आज हमारी पत्नी जी ने हमारी ड्यूटी बच्चों को मैथ की तैयारी के लिए लगा दी है सो अपने आँगन की धूप में लेटे हए हम अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं और कहते हैं न कि चोर चोरी से जाए लेकिन ब्लॉगर ब्लॉगरी से न जाए।
हमने मैडम की आँख बचाकर आपकी पोस्ट पढ़ी । हमारे क़हक़हे बेअख़्तियार जो बुलंद हुए तो हमारी बीवी ने हमें ब्लॉगरी करते रंगे हाथों पकड़ लिया ।
खैर , आपकी मौजूदगी चाहे आटे में नमक की मानिंद ही सही लेकिन मज़ेदार है । दूसरे ब्लॉगर्स आटा हैं तो आप जैसे लोग नमक हैं । आटा भी ज़रूरी है और नमक भी । कचरा मेरी नज़र में कोई भी नहीं है जैसा कि कुछ तथाकथित बड़ेनुमा बेकार चिंता व्यक्त करते हुए कहते रहते हैं।
आपने LBA परिवार के सदस्यों और उसके जिम्मेदारों की मनोदशा को बेहतरीन तरीक़े से उजागर कर दिया है।
ब्लॉगिंग में , मैं गुटबाज़ी के ख़िलाफ़ हूं । सलीम जी हों या समीर जी , जिसकी भी टाँग आपके शिकंजे आए उसे छोड़ना मत , मैं टाँग पकड़ने पर नहीं बल्कि छोड़ने पर नाराज़ होता हूँ।
आप मालिक हैं भाई, ब्लॉग के भी और इसकी नीतियों के भी । मैं लड़ूं या कोई मुझसे लड़े , मैं कभी किसी से नफ़रत नहीं करता और उसका बुरा नहीं चाहता । इस अख़बार में भी मैंने दोस्त दुश्मन समझे बिना हरेक को न्यौता भेजा है।
हम लड़ेंगे और प्यार से साथ रहेंगे। यह अद्भुत प्रयोग है । आप जो भी करें उसमें अद्भुत होने के पुट का समावेश ज़रूर करें। ब्लॉगिंग के परंपरागत ढाँचे को ध्वस्त करना मेरी प्राथमिकताओं में से था , जिसे मालिक की दया से तक़रीबन ध्वस्त कर ही चुका हूँ । अब बारी है नवीन सृजन की वह आप कीजिए ताकि ब्लॉगिंग याद करे कि किसी ठाकुर से पाला पड़ा था ?
हरेक को पूरी छूट है कि वह इस ब्लॉग पर या HBFI पर आकर हिंदू धर्म या हिंदुत्व , RSS , मोदी , जैन , बुद्ध , ओशो , पूँजीवाद , साम्यवाद , योग , सूफ़ी दर्शन या अपनी निजी सोच ; जिसका चाहे प्रचार करे और खुलकर करे क्योंकि यह मेरा निजी अख़बार नहीं है बल्कि यह ब्लॉग जगत के हरेक ब्लॉगर का अख़बार है और हरेक को अधिकार है कि वह अपनी विचारधारा का प्रचार यहाँ बेखटके कर सकता है। मेरा उससे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
एक संपादक को ऐसा ही होना चाहिए और मैं ऐसा ही हूं भी ।
मुझे अपने इस विचार पर आपकी समीक्षा चाहिए। अपने इंटरव्यू की सीरीज़ में आप मेरा यह स्टेटमैंट अपनी बहस का विषय बनाएंगे तो मुझे भी आपसे रौशनी मिलेगी और दूसरे साथी लेखकों की शर्म और झिझक भी दूर हो जाएगी कि यहाँ क्या लिखें और क्या न लिखें ?
और इस सबका मक़सद यही है कि सच अपने तमाम पहलुओं के साथ दुनिया के सामने आ जाए ताकि हम सबकी ग़लतफहमियाँ दूर होकर हम जान लें कि हम सब एक ही परिवार हैं और इस परिवार का मुखिया और मालिक एक ही ईश्वर अल्लाह है । इस धरती पर न्याय और शांति की स्थापना के लिए यह बहुत ज़रूरी है और मैं अपने हरेक कर्म और वचन से इसी के लिए प्रयासरत हूँ ।
दयालु मालिक हमें मार्ग दिखाए और हमें मंजिल तक पहुँचाए !
आमीन !!

Saleem Khan said...

ब्लॉग जगत में पहली बार इंटरव्यू का धारावाहिक आपने पेश करके एक नई सोच जाहिर की है , शुक्रिया .

‘ब्लॉग की ख़बरें‘

1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/

13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html

15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html

17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html

21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html

23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html

24- कुरआन का चमत्कार

25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?

26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata

27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1

28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो

29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत

30-
अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
Increase traffic

साहित्य की ताज़ा जानकारी

1- युद्ध -लुईगी पिरांदेलो (मां-बेटे और बाप के ज़बर्दस्त तूफ़ानी जज़्बात का अनोखा बयान)
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

2- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

3- आतंकवादी कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Taliban
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/taliban.html

4- तनाव दूर करने की बजाय बढ़ाती है शराब
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

5- जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
http://vedquran.blogspot.com/2011/07/krishna-consciousness.html

6- समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/rape.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- ख़ून बहाना जायज़ ही नहीं है किसी मुसलमान के लिए No Voilence
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/no-voilence.html

9- धर्म को उसके लक्षणों से पहचान कर अपनाइये कल्याण के लिए
http://charchashalimanch.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

10- बाइबिल के रहस्य- क्षमा कीजिए शांति पाइए
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

11- विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
http://dharmiksahity.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

12- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

13- ‘इस्लामी आतंकवाद‘ एक ग़लत शब्द है Terrorism or Peace, What is Islam
http://commentsgarden.blogspot.com/2011/07/terrorism-or-peace-what-is-islam.html

14- The real mission of Christ ईसा मसीह का मिशन क्या था ? और उसे किसने आकर पूरा किया ? - Anwer Jamal
http://kuranved.blogspot.com/2010/10/real-mission-of-christ-anwer-jamal.html

15- अल्लाह के विशेष गुण जो किसी सृष्टि में नहीं है.
http://quranse.blogspot.com/2011/06/blog-post_12.html

16- लघु नज्में ... ड़ा श्याम गुप्त...
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

17- आपको कौन लिंक कर रहा है ?, जानने के तरीके यह हैं
http://techaggregator.blogspot.com/

18- आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले -रविकर फैजाबादी

19-मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमत

20- मौत कहते हैं जिसे वो ज़िन्दगी का होश है Death is life

21- कल रात उसने सारे ख़तों को जला दिया -ग़ज़ल Gazal

22- मोम का सा मिज़ाज है मेरा / मुझ पे इल्ज़ाम है कि पत्थर हूँ -'Anwer'

23- दिल तो है लँगूर का

24- लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी - Allama Iqbal

25- विवाद -एक लघुकथा डा. अनवर जमाल की क़लम से Dispute (Short story)

26- शीशा हमें तो आपको पत्थर कहा गया (ग़ज़ल)

join india