भाई इसकी चिंता जब BHU वाले नहीं कर रहे हैं तो आप क्यों कर रहे हैं ?
हम तो खैर हैं ही बेफिक्र. बात यह है कि आज 'भाषा,शिक्षा और रोज़गार' नामक ब्लॉग से यह जानकारी दी जा रही है :
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बीएचयू में मदरसा छात्रों को भी दाखिला मिलेगा
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने दाखिला संबंधी अर्हता को वर्ष २०११-१२ के सत्र में कुछ अहम रियायतें दी हैं। पहली बार मदरसा छात्रों को भी बीए में प्रवेश के लिए मौका दिया गया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिलिया से मान्यता प्राप्त मदरसों से १२वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले यहां दाखिला पा सकेंगे। यूनिवर्सिटी एडमिशन कोआर्डिनेशन बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रो. आरसी यादव ने इसकी पुष्टि की।
अर्हता संबंधी इस बदलाव को प्रवेश परीक्षा फार्म (यूईटी) में भी स्पष्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मदरसों से सीधे यहां दाखिला देने की परिपाटी इसी बार से शुरू हुई है। बीते वर्ष बीए में ७९८४ आवेदकों में ९.७८ फीसदी मुस्लिम थे। इसी तरह बीए (सोशल साइंस) में यह फीसदी ९.४१ था। बकौल प्रो. यादव, इस वर्ष अभी ऐसे विद्यार्थियों की संख्या गणना नहीं हुई लेकिन नई अर्हता से अब यह संख्या बढ़ने के आसार हैं। बता दें कि अभी भी विलंबित शुल्क के साथ आवेदन किया जा सकता है। फार्म जमा होने की अंतिम तिथि १५ मार्च है। आवेदन आनलाइन भी किया जा सकता है। ऐसे मामलों में बैंक चालान नंबर आदि उसी पर अंकित करना होगा और उसकी प्रति विश्वविद्यालय को डाक से प्रेषित करनी होगी या खुद यहां के काउंटर पर जमा करना होगा(अमर उजाला,वाराणसी,10.3.11)।
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