ग़ज़लगंगा.dg: ग़म की धूप न खाओगे तो खुशियों की बरसात न होगी: ग़म की धूप न खाओगे तो खुशियों की बरसात न होगी . दिन की कीमत क्या समझोगे जबतक काली रात न होगी . जीवन के इक मोड़ पे आकर हम फिर से मिल...
हमने इन्सान को मशक़्क़त में (रहने वाला) पैदा किया है
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सूरए अल बलद मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी बीस (20) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
मुझे इस शहर (मक्का) की कस...