Monday, October 31, 2011

ब्लॉगर्स मीट वीकली (15)

लाजवाब पोस्ट्स का संकलन

ब्लॉगर्स मीट वीकली (15) One Planet One People

http://hbfint.blogspot.com/2011/10/15-one-planet-one-people.html
डा. अनवर जमाल ख़ान

निरन्तर बढ़ रहे साइबर क्राइम के कारण क्या इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी और कानून मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए


दोस्तों आप सभी जानते है देश में इन दिनों साइबर क्राइम तेज़ी से बढा है कोई भी फेक आई डी बनाकर किसी को धमकियां देता है ..अभद्रता करता है उसका मान मर्दन करता है हंसी ठिठोली करता है समाज को दूषित करता है और उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ता है नतीजन उसके होसले बढ़ते है और फिर एक से दो ..दो से चार होकर यह संख्या दिन बा दिन बढती चली जाती है .दोस्तों सारा देश जानता है के देश में साइबर क्राइम एक खतरनाक अपराध है इससे आतंकवाद से लेकर खतरनाक अपराध और अपमान तक की कार्यवाही यह अपराधी कर रहे हैं ..कहने को तो देश में कानून बना है साइबर थाने बने हैं और सभी थानों को इस कानून के तहत मुकदमे दर्ज कर कार्यवाही करने के निर्देश हैं सरकार ने इसे कंट्रोल करने के लियें गृह विभाग..विधि विभाग और इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी विभाग बनाया है इन तीनों विभागों के मंत्रियों और निठल्ले कर्मचारियों पर सरकार के अरबों रूपये खर्च हो रहे हैं लेकिन नतीजा क्या है .....सरकार के प्रधानमन्त्री ..यु पी ऐ अध्यक्ष सोनिया गाँधी ..मंत्री कपील सिब्बल .दिग्विजय सिंह सहित सभी मंत्रियों और नेताओं के गंदे चेहरे अभद्र स्केच उनका मान मर्दन करते हुए फेस बुक और दुसरे ब्लोगों पर निरंतर प्रकाशित किया जा रहे हैं इतना ही नहीं फेस बुक और दुसरे ब्लोगों पर फर्जी आई डी से छेड़छाड़ से लेकर लोगों के अपमान और मान मर्दन सहित साम्प्रदायिकता का जहर फेलाने का दोर चल रहा है ..विज्ञापन एजेंसियां मोबाइल कम्पनियां फोन के माध्यम से संदेश के माध्यम से लोगों को इनाम के नाम पर ठग रही हैं लेकिन हमारे देश की सरकार इसे रोकने के मजबूत कानून होने के बाद भी आजतक ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर उनके चेहरे बेनकाब नहीं कर रही है विधि विभाग और इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी विभाग साइबर क्राइम को रोकने के लियें गंभीर नहीं है इसीलियें करोड़ों की ठगी इसी के माध्यम से हो रही है इंदिरा से लेकर राहुल मनमोहन सिंह से लेकर सभी मंत्रियों का मान मर्दन विधिविरुद्ध तरीके से वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर क्या जा रहा है ..सरकार अगर वक्त रहते नहीं चेती तो यह साइबर अपराध देश में एक दिन समाजों ..राजनितिक पार्टियों और सम्प्रदायों में इतना वैमनस्यता भर देंगे के उसे सम्भालना मुश्किल हो जाएगा .सब जानते है गूगल हो या फेसबुक अगर यहाँ कोई गडबडी करता है तो उसपर इन माइक्रोसोफ्ट कम्पनियों की निगाह रहती है वोह केवल ऐसे लोगों की शिकायत होने पर उनका खाता ब्लोक कर देते हैं लेकिन यह इस समस्या का समाधान नहीं है ब्लोगिंग से लेकर लेखन की दुनिया में भी यह साइबर क्राइम जहर घोल रहा है इसके लियें भारत सरकार और सभी राज्य सरकारों को एक सोफ्ट वेयर के माध्यम से सभी खातेदारों की निजी आई डी देखना होगी उसका वेरिफिकेशन करना होगा और जो फर्जी आई डी से खाते चला रहे हैं जो किसी का माँ मर्दन अपमान कर रहे हैं कानून तोड़ रहे हैं उनके खिलाफ उन्हें चिन्हित कर मुकदमे दर्ज करवाकर उन्हें जेल में डालेगी तब कहीं यह अपराध खत्म होगा ..दोस्तों आप और हम जानते हैं के यह अपराध कई लोग तो केवल खेल खेल में ही कर रहे हैं ऐसे में अगर यह लोग पकड़े गये तो इनका तो जीवन बर्बाद हो जाएगा क्योंकि साइबर अपराधी को कहीं कोई जॉब नहीं देगा और अगर जॉब में होगा तो उसे निकाल देगा ऐसे अपराधी को किसी भी व्यापार व्यवसाय का लाइसेंस भी नहीं मिलेगा ऐसे में खेल खेल में फर्जी आई डी बना कर लोगों को ठगने और उनका मजाक उढ़ाने वाले लोग इसे चेतावनी समझ कर खुद को इस अपराध से अलग कर लेंगे तो उनकी खुद पर ,,हम पर ..देश पर महरबानी होगी ..इस मामले में राष्ट्रपति महोदय और प्रधानमन्त्री महोदया कोई भी पत्र लिखा गया है .... के ऐसे निकम्मे अधिकारी और मंत्री जो समाज की सुक्ख शांति खत्म करने और कानून तोड़ कर समाज में जहर घोलने वालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर सकें तो उन्हें बर्खास्त किया जाए .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Sunday, October 30, 2011

अंदाज ए मेरा: बडी हो रही है मेरी बिटिया

अंदाज ए मेरा: बडी हो रही है मेरी बिटिया: ­­­ अभी कल ही की तो बात है। मेरे घर एक नन्‍ही परी का आना हुआ था। समय कितनी तेजी से बीतता है। कब गोद से उतरकर वो चलने लगी और कब बोलने लग...

Saturday, October 29, 2011

"सच" का साथ मेरा कर्म व "इंसानियत" मेरा धर्म

प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया को आईना दिखाती एक पोस्ट  
मेरे दोस्तों/ शुभचिंतकों/आलोचकों - मुझे इस ब्लॉग "ब्लॉग की खबरें" के संचालक कहूँ या कर्त्ताधर्त्ता भाई डॉ अनवर जमाल खान साहब ने मुझ नाचीज़ "सिरफिरा" को मान-सम्मान दिया हैं. उसका मैं तहे दिल से शुक्र गुजार हूँ. मेरे लिये यहाँ# ब्लॉग जगत में न कोई हिंदू है, न कोई मुस्लिम है, न कोई सिख और न कोई ईसाई है. मेरे लिये "सच" लिखना और "सच" का साथ देना मेरा कर्म है और "इंसानियत" मेरा धर्म है. चांदी से बने कागज के चंद टुकड़े मेरे लिये बेमानी है या कहूँ कि-भोजन के लिए जीवन नहीं किन्तु जीवन के लिए भोजन है. धन के लिए जीवन नहीं किन्तु जीवन के लिए धन है. तब कोई अतिसोक्ति नहीं होगी.
#नोट:-यह पोस्ट "ब्लॉग की खबरें" के लिए लिखी गई थी,जो पहले प्रकाशित हो चुकी है.

     भाई डॉ अनवर जमाल खान साहब ने मुझे सारी शर्तों व नियमों से पहले अवगत कराके मुझे आप लोगों की सेवा करने का मौका दिया है. मैं अपने कुछ निजी कारणों से आपकी फ़िलहाल ज्यादा सेवा नहीं पाऊं. लेकिन जब-जब आपकी सेवा करूँगा. पूरे तन और मन से करूँगा. किसी ब्लॉग की या मंच की नियम व शर्तों में पारदशिता(खुलापन) बहुत जरुरी है. अगर आप यह नहीं कर सकते तब आप ब्लॉग या मंच के पाठकों से और उसके सहयोगियों से धोखा कर रहे हो. भाई खान साहब ने मेरी निजी समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए और उन्हें हल करने में मेरी व्यवस्ताओं को देखते हुए कहा कि -आपकी शैली मुझे पसंद है। आप ब्लॉग जगत की सूचना और पत्रकारिता के लिए आमंत्रित किए गए हैं ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ की ओर से। आप ब्लॉग जगत से जुड़ी कोई भी तथ्यपरक बात कहने के लिए आज़ाद हैं। आइये और हिंदी ब्लॉग जगत को पाक साफ़ रखने में मदद कीजिए। ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ का संपादक मैं ही हूं। आप इसके एक ज़िम्मेदार पत्रकार हैं। आप मुझे दिखाए बिना जब चाहे कुछ भी यहां छाप सकते हैं। यह मंच किसी के साथ नहीं है और न ही किसी के खि़लाफ़ है। यह केवल सत्य का पक्षधर है। हरेक विचारधारा का आदमी यहां ब्लॉग जगत में हो रही हलचल को प्रकाशित कर सकता है। आप अपनी समस्याओं के चलते एक भी पोस्ट न प्रकाशित करें. मगर आपकी नेक नियति का मैं कायल हूँ. इसलिए आप हमें यथा संभव योगदान दें. मुझे आपकी पोस्ट का बेसब्री से इन्तजार रहेगा.

    मेरे दोस्तों/ शुभचिंतकों/आलोचकों-जब किसी तुच्छ से "सिरफिरा" को इतना मान-सम्मान दें और अपने ब्लॉग या मंच के उद्देश्यों से अवगत कराने के साथ ही अपने ब्लॉग भाई की निजी समस्याओं का "निजी खबरे या बड़ा ब्लोग्गर" कहकर मजाक ना बनाये. बल्कि उन्हें हल करने के लिये अपनी तरफ से किसी प्रकार की मदद करने के लिये कदम बढ़ाता है. तब ऐसे ब्लॉग या मंच से "सिरफिरा" तन और मन से न जुडे. ऐसा कैसे हो सकता है.  

    मेरे दोस्तों/ शुभचिंतकों/आलोचकों- आज मेरी पोस्ट में कोई भी गलती हो गई हो तब पूरी निडरता से आलोचना करें. कृपया प्रशंसा नहीं. मेरी आलोचना करें. मैं यहाँ पर आलोचनाओं को प्राथमिकता दूँगा. मेरी प्रशंसा के लिए मेरे ब्लोगों की संख्या दस है. वहाँ अपनी पूर्ति करें. मैंने भाई खान साहब से जल्द ही एक पोस्ट डालने का वादा किया था. उस "कथनी" के लिए आपके सामने एक पोस्ट लेकर आया हूँ. किसी प्रकार की अनजाने में हुई गलती को "दूध पीता बच्चा" समझकर माफ कर देना. 

    बस अपनी बात यहाँ ही खत्म करता हूँ. फिर शेष तब .......जब चार यार(दोस्त, शुभचिंतक, आलोचक और तुच्छ "सिरफिरा") बैठेंगे.
 
     अब आप इन्तजार करें मेरी यहाँ अगली पोस्ट का जिसका उपशीर्षक (मैं हिंदू हूँ , मैं मुस्लिम हूँ  और मैं सिख-ईसाई भी हूँ) और प्रमुख्य शीर्षक "मेरा कोई दिन-मान नहीं है" इस पोस्ट से संबंधित क़ानूनी और तकनीकी जानकारी प्राप्त होने पर ही प्रकाशित होगी. इस पर शोध कार्य चल रहे हैं. थोड़ा सब्र करें.

    आप उपरोक्त पोस्ट को पूरा पढने के लिए यहाँ पर क्लिक करें.

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Tuesday, October 25, 2011

Happy Diwali 2011

दीपावली का पर्व हमारे हिंदू भाईयों का एक ऐसा पर्व है जिसे कि देश के हरेक क्षेत्र में मनाया जाता है।
यह रौशनियों का पर्व है और इस मौक़े पर वे अपनी ख़ुशियों में अकेले नहीं होते बल्कि भारत में रहने वाले सभी समुदायों के लोग उनकी ख़ुशी में शरीक होते हैं।
समय समय पर पड़ने वाले पर्व भारतीय समाज को आपस में जोड़ने में अपनी बहुत अहम भूमिका निभाते हैं।
‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ की यह पहली दीपावली है,
इस मौक़े पर हम सभी के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं और कामना करते हैं कि हम सबको वह ‘ज्ञान‘ वास्तव में प्राप्त हो जिसका प्रतीक प्रकाश है।
ज्ञान से ही मुक्ति है।
जो लोग त्यौहारों के अवसर पर मिलावट करते हैं वे देशवासियों की सेहत से खिलवाड़ करते हैं और यह खिलवाड़ हरेक त्यौहार पर किया जाता है। थोड़े से लालच में पड़कर ये व्यापारी लोगों की जान से खेलते रहते हैं और इसके बावजूद हमारे समाज के सम्मानित सदस्य बने रहते हैं।
जितने लोग इनकी मिलावट का शिकार होकर अपनी जान गंवाते हैं, उनकी तादाद विदेशी आतंकवादियों की गोलियों का शिकार होने वालों से कहीं ज़्यादा है। इसके बावजूद भी मिलावट आज तक कोई मुददा नहीं बन पाई और न ही यह रूक पाई है जबकि इसे रोकने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।
भारत को सशक्त बनाने के लिए यह ज़रूरी है कि हम बुराई पर अच्छाई की विजय को अपने समाज में घटित होते हुए भी देखें।
समय बदल रहा है और भारतीय समाज के ये खुदरा व्यापारी अगर अभी न सुधरे तो मल्टीनेशनल कंपनियां इसी मिलावट को बुनियाद बनाकर हमारा बाज़ार हथिया लेगी और तब वे सुरक्षित उत्पाद बेचने के नाम पर अपने उत्पाद यहां बेचेंगे और ªहम असहाय से होकर उनके उत्पाद बेचेंगे और जिसके कंट्रोल में बाज़ार होता है, देश भी उसी की नीतियों पर चलता है। यह भी एक सच है।
हमारा लालच हमें गुलामी की तरफ़ ले जा रहा है लेकिन इस तरफ़ ध्यान बहुत कम दिया जा रहा है।
दीपावली के मौक़े पर बाहर चाहे जितने दिए जलाएं लेकिन एक दिया अपने भीतर भी ज़रूर जलाएं और निष्पक्ष होकर तथ्यों पर ग़ौर करें और हरेक बुरा और घातक विचार अपने दिलो दिमाग़ से ऐसे ही निकाल फेंकिए जैसे कि इस अवसर पर घर से कूड़ा बाहर फेंका जाता है।
घर शुद्ध हो और उससे भी ज़्यादा ज़रूरी यह है कि मन शुद्ध हो।
मन चंगा तो कठौती में गंगा।
गंगा की शुद्धि पर भी ध्यान दें और हर उस चीज़ पर अपना ध्यान दें जिस पर कि ध्यान देना आपके लिए और समाज के लिए ज़रूरी है और ऐसा हम सब मिल कर करें जैसे कि दीपावली की खुशियां हम सब मिल कर मनाते हैं।
हमारा शुभ हो,
हमारा कल्याण हो,
यह फ़ोरम देशवासियों के लिए पहले और फिर पूरे विश्व के लिए यही कामना उस पालनहार प्रभु से करता है जो कि स्वयं ही प्रकाशस्वरूप है।
आमीन !

Monday, October 24, 2011

समय का फेर

1980 के दशक में लड़की- माँ मैं जीन्स पहनूंगी...
मां- नहीं बेटी, लोग क्या कहेंगे?

2007 के दशक में लड़की- मां मैं मिनी स्कर्ट पहनूंगी...
मां- पहन ले बेटी... कुछ तो पहन ले!!!
http://www.sahityapremisangh.com/2011/10/blog-post_9908.html

Bloggers' Meet Weekly 14

Bloggers' Meet Weekly 14 का लिंक 
अब तुम्हीं से क्या छुपाएं, सब बता जाने के बाद।
हम कहाँ भूखे रहे, ग़म इतना खा जाने के बाद।।
http://hbfint.blogspot.com/2011/10/bloggers-meet-weekly-14-character.html

Sunday, October 23, 2011

पाइये ग़लत धारणाओं से मुक्ति

 
पुस्‍तक '''इस्लामिक आंतकवाद का इतिहास' ' के लेखक स्वामी लक्ष्मीलक्ष्मीशंकराचार्य जी की पुस्‍तक के बारे में कल 'हमारी अन्‍जुमन' पर जानकारी डाली गयी थी, कि आपने इस किताब का स्‍वयं ही रद करके पुस्‍तक 'इस्लाम आतंक? या आदर्श ' में कुरआन में लिखीं जिहादी 24 आयतों को विस्‍तार से समझाया है कि इनमें अच्‍छा ही अच्‍छा है बुरा कुछ भी नहीं, सोचा यह जानकारी हिन्‍दू-मुस्लिम प्‍यार बढाने वाली है क्‍यूं ने इसमें कुछ बढोतरी करके पेश किया जाये जिससे वह भी देख सकें जो कल नहीं देख सके थे, मेरी नजर में तो मुसलमानों को आपने शर्मिन्‍दा कर दिया जो काम उनको करना था वह स्‍वामी जी न कर दिखाया, मैं अल्‍लाह से दुआ करता हूं अल्‍लाह इस नेक काम का उनको बदला दे, आमीन

........

लेखक-स्वामी लक्ष्मीशंकराचार्य

laxmishankaracharya@yahoo.in

ए-१६०१,आवास विकास कॉलोनी,हंसपुरम,नौबस्ता,कानपुर-२०८०२१

इस्लाम आतंक? या आदर्श- यह पुस्तक का नाम है जो कानपुर के स्वामी लक्ष्मीशंकराचार्य जी ने लिखी है। इस पुस्तक में स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य ने इस्लाम के अपने अध्ययन को बखूबी पेश किया है।

स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य के साथ दिलचस्प वाकिया जुड़ा हुआ है। वे अपनी इस पुस्तक की भूमिका में लिखते हैं-
मेरे मन में यह गलत धारणा बन गई थी कि इतिहास में हिन्दु राजाओं और मुस्लिम बादशाहों के बीच जंग में हुई मारकाट तथा आज के दंगों और आतंकवाद का कारण इस्लाम है। मेरा दिमाग भ्रमित हो चुका था। इस भ्रमित दिमाग से हर आतंकवादी घटना मुझ इस्लाम से जुड़ती दिखाई देने लगी।
इस्लाम,इतिहास और आज की घटनाओं को जोड़ते हुए मैंने एक पुस्तक लिख डाली-'इस्लामिक आंतकवाद का इतिहास' जिसका अंग्रेजी में भी अनुवाद हुआ।

पुस्तक में स्वामी लक्ष्मीशंकराचार्य आगे लिखते हैं-

जब दुबारा से मैंने सबसे पहले मुहम्मद साहब की जीवनी पढ़ी। जीवनी पढऩे के बाद इसी नजरिए से जब मन की शुद्धता के साथ कुरआन मजीद शुरू से अंत तक पढ़ी,तो मुझो कुरआन मजीद के आयतों का सही मतलब और मकसद समझाने में आने लगा।
सत्य सामने आने के बाद मुझ अपनी भूल का अहसास हुआ कि मैं अनजाने में भ्रमित था और इस कारण ही मैंने अपनी उक्त किताब-'इस्लामिक आतंकवाद का इतिहास' में आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ा है जिसका मुझो हार्दिक खेद है

==नमूना====

पैम्‍फलेट में लिखी 8 वें क्रम की आयत हैः

''हे 'ईमान' लाने वालो!......और 'काफिरों' को अपना मित्र मत बनाओ, अल्‍लाह से डरते रहो यदि तुम ईमान वाले हो'' सूरा 5, आयत 57

Swami Laxmi Sankaracharya:

यह आयत भी अधूरी दी गई है, आयत के बीच का अंश जान बूझकर छिपाने की शरारत की गई है, पूरी आयत है

'ऐ ईमान लाने वालो! जिन लोगों को तुमसे पहले किताबें दी गई थीं, उन को और काफिरों को जिन्‍होंने तुम्‍हारे धर्म को हंसी और खेल बना रखा है, मित्र न बनाओ और अल्‍लाह से डरते रहो यदि तुम ईमान वाले हो - कुरआन ,पारा6 , सूरा 5, आयत 57

आयत को पढने से साफ है कि काफ़िर कुरैश तथा उनके सहयोगी यहूदी और ईसाई जो मुसलमानों के धर्म की हंसी उडाया करते थे, उन को दोस्‍त न बनाने के लिये यह आयत आई, यह लडाई-झगडे के लिये उकसाने वाली या घृणा फैलाने वाली कहां से है ? इसके विपरीत पाठक स्‍वयं देखें कि पैम्‍फलेट में 'जिन्‍होंने तुम्‍हारे धर्म को हंसी और खेल बना रखा है' को जानबूझकर छिपा कर उसका मतलब पूरी तरह बदल देने की साजिश करने वाले क्‍या चाहते हैं ?

=======स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य ने अपनी पुस्तक में 

मौलाना को लेकर इस तरह के विचार व्यक्त किए हैं-
इस्लाम को नजदीक से ना जानने वाले भ्रमित लोगों को लगता है कि मुस्लिम मौलाना,गैर मुस्लिमों से घृणा करने वाले अत्यन्त कठोर लोग होते हैं। लेकिन बाद में जैसा कि मैंने देखा,जाना और उनके बारे में सुना,उससे मुझो इस सच्चाई का पता चला कि मौलाना कहे जाने वाले मुसलमान व्यवहार में सदाचारी होते हैं,अन्य धर्मों के धर्माचार्यों के लिए अपने मन में सम्मान रखते हैं। साथ ही वह मानवता के प्रति दयालु और सवेंदनशील होते हैं। उनमें सन्तों के सभी गुण मैंने देखे। इस्लाम के यह पण्डित आदर के योग्य हैं जो इस्लाम के सिद्धान्तों और नियमों का कठोरता से पालन करते हैं,गुणों का सम्मान करते हैं। वे अति सभ्य और मृदुभाषी होते हैं।
ऐसे मुस्लिम धर्माचार्यों के लिए भ्रमवश मैंने भी गलत धारणा बना रखी थी।

लक्ष्मीशंकराचार्य अपनी पुस्तक की भूमिका के अंत में लिखते हैं-

मैं अल्लाह से,पैगम्बर मुहम्मद सल्ललल्लाहु अलेह वसल्लम से और सभी मुस्लिम भाइयों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं तथा अज्ञानता में लिखे व बोले शब्दों को वापस लेता हूं। सभी जनता से मेरी अपील है कि 'इस्लामिक आतंकवाद का इतिहास' पुस्तक में जो लिखा है उसे शून्य समझों।

एक सौ दस पेजों की इस पुस्तक-इस्लाम आतंक? या आदर्श में शंकराचार्य ने खास तौर पर कुरआन की उन चौबीस आयतों का जिक्र किया है जिनके गलत मायने निकालकर इन्हें आतंकवाद से जोड़ा जाता है। उन्होंने इन चौबीस आयतों का अच्छा खुलासा करके यह साबित किया है कि किस साजिश के तहत इन आयतों को हिंसा के रूप में दुष्प्रचारित किया जा रहा है।

उन्होंने किताब में ना केवल इस्लाम से जुड़ी गलतफहमियों दूर करने की बेहतर कोशिश की है बल्कि इस्लाम को अच्छे अंदाज में पेश किया है।

अब तो स्वामी लक्ष्मीशंकराचार्य देश भर में घूम रहे हैं और लोगों की इस्लाम से जुड़ी गलतफहमियां दूर कर इस्लाम की सही तस्वीर लोगों के सामने पेश कर रहे हैं।

साभारः

'हमारी अन्‍जुमन'

Wednesday, October 19, 2011

अन्ना केवल अन्ना हैं

फेसबुक अकाउंट हैक

19 Oct 2011, 0937 hrs IST,नवभारत टाइम्स 
दिल्ली के एक नामी पब्लिक स्कूल में सातवीं क्लास के स्टूडेंट ने अपने क्लासमेट का फेसबुक अकाउंट हैक करके एक लड़की के साथ उसकी फोट

Tuesday, October 18, 2011

नवभारत टाइम्स पर भी "सिरफिरा-आजाद पंछी"

नवभारत टाइम्स पर पत्रकार रमेश कुमार जैन का ब्लॉग क्लिक करके देखें "सिरफिरा-आजाद पंछी" (प्रचार सामग्री)
क्या पत्रकार केवल समाचार बेचने वाला है? नहीं.वह सिर भी बेचता है और संघर्ष भी करता है.उसके जिम्मे कर्त्तव्य लगाया गया है कि-वह अत्याचारी के अत्याचारों के विरुध्द आवाज उठाये.एक सच्चे और ईमानदार पत्रकार का कर्त्तव्य हैं,प्रजा के दुःख दूर करना,सरकार के अन्याय के विरुध्द आवाज उठाना,उसे सही परामर्श देना और वह न माने तो उसके विरुध्द संघर्ष करना. वह यह कर्त्तव्य नहीं निभाता है तो वह भी आम दुकानों की तरह एक दुकान है किसी ने सब्जी बेचली और किसी ने खबर.        
अगर आपके पास समय हो तो नवभारत टाइम्स पर निर्मित हमारे ब्लॉग पर अब तक प्रकाशित निम्नलिखित पोस्टों की लिंक को क्लिक करके पढ़ें. अगर टिप्पणी का समय न हो तो वहां पर वोट जरुर दें. हमसे क्लिक करके मिलिए : गूगल, ऑरकुट और फेसबुक पर 

अभी तो अजन्मा बच्चा हूँ दोस्तो
घरेलू हिंसा अधिनियम का अन्याय
घरेलू हिंसा अधिनियम का अन्याय-2
स्वयं गुड़ खाकर, गुड़ न खाने की शिक्षा नहीं देता हूं
अब आरोपित को ऍफ़ आई आर की प्रति मिलेगी
यह हमारे देश में कैसा कानून है?
नसीबों वाले हैं, जिनके है बेटियाँ
देशवासियों/पाठकों/ब्लॉगरों के नाम संदेश
आलोचना करने पर ईनाम?
जब पड़ जाए दिल का दौरा!"शकुन्तला प्रेस" का व्यक्तिगत "पुस्तकालय" क्यों?
आओ दोस्तों हिन्दी-हिन्दी का खेल खेलें
हिंदी की टाइपिंग कैसे करें?
हिंदी में ईमेल कैसे भेजें
आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें
अपना ब्लॉग क्यों और कैसे बनाये
क्या मैंने कोई अपराध किया है?इस समूह में आपका स्वागत है
एक हिंदी प्रेमी की नाराजगी
भगवान महावीर की शरण में हूँ
क्या यह निजी प्रचार का विज्ञापन है?
आप भी अपने मित्रों को बधाई भेजें
हमें अपना फर्ज निभाना है
क्या ब्लॉगर मेरी मदद कर सकते हैं ?
कटोरा और भीख
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी
क्लिक करें, ब्लॉग पढ़ें :-मेरा-नवभारत टाइम्स पर ब्लॉग,   "सिरफिरा-आजाद पंछी", "रमेश कुमार सिरफिरा", सच्चा दोस्त, आपकी शायरी, मुबारकबाद, आपको मुबारक हो, शकुन्तला प्रेस ऑफ इंडिया प्रकाशन, सच का सामना(आत्मकथा), तीर्थंकर महावीर स्वामी जी, शकुन्तला प्रेस का पुस्तकालय और (जिनपर कार्य चल रहा है) शकुन्तला महिला कल्याण कोष, मानव सेवा एकता मंच एवं  चुनाव चिन्ह पर आधरित कैमरा-तीसरी आँख

नवगीत की पाठशाला: १८. ज्योतिर्मय आई दीवाली

नवगीत की पाठशाला: १८. ज्योतिर्मय आई दीवाली: ज्योतिर्मय आई दीवाली पुलकित है हिय में हर आली दीपक थाल लिये श्री पूजन संग गणपति वंदन मधुर गीत स्वर का स्पंदन शोभित है हर ओर गगन के घो...

वक्त की दीमक तुम्हें खा लेगी


राम की तो राम जानें /
खग-मृग से उन्होंने क्या पूछा,
क्या सुना जवाब
पर व्याकुल, एकाकी मैं...
तलाशता रहा तमाम ठीहे,
जहां, कोई खग दिखे,
चोंच में तिनका या चिट्ठियां दबाए...
पर, नदारद सब के सब
पक्षिशास्त्र की किताबों में शामिल ब्योरों बीच कहीं गुटरगूं करते होंगे।
मृग,
`जू' में तालियां बचाते बच्चों के कंकड़ों और व्यर्थ के कुरकुरे संग कन्फ्यूज़ हैं...
सो, खग-मृग के बिना,
मृ़गनयनी तुम्हारे न होने की रपट मैं कहां दर्ज कराता,
किससे पूछता सवाल
बिरला मंदिर के ऐन सामने, कौन-सा है असली पंडित पावभाजी वाला...
यह जरूर तलाशता था..., तभी चिल्लाया कानों के ठीक बगल कोई...
कहो कहां है तुम्हारी वसंतलता...
कहां गई वो मृगनयनी!
मैं निस्तब्ध, अवाक्...
निरुत्तर हूं,
उन शहरों के सभी रास्ते,
जहां हम-तुम साथ-साथ हमेशा `रंगे हृदय' पकड़े गए थे,
मुझसे सवाल करते हैं,
अकेले, तुम अकेले, कहां गई वह...
जिसके साथ तुम ज़िंदा थे भरपूर।
अब उदास मुंह लिए कैसे फिर सकते हो?
राहों ने मेरे तनहा क़दम संभालने से इनकार कर दिया है।
अल्बर्ट हॉल में संरक्षित ममी ने पूछा--
तुम वहां, बाहर, क्या करते हो...
बिना प्रेम का लेप लगाए,
वक्त की दीमक तुम्हें खा लेगी, बेतरह!
शाम के तारे,
दोपहर का ताप
और सुबह का गुलाल...
नहीं सहा जाता कुछ भी मुझसे
न ही मुझे स्वीकार करता है कोई बगैर तुम्हारे...
वसंत,
तुम्हारे न होने को मंजूर कर लिया है मैंने.
इन दिशाओं से, रास्तों और राहगीरों से भी कह दो
मान लें,
हम-तुम कभी साथ नहीं चले,
नहीं रहे!


Chandiduttshukla @ 08824696345
फेसबुक से साभार 

Monday, October 17, 2011

चिंता करें युवराज और पीएम इन वेटिंग लिस्ट ?

कुल मिलाकर बात यह है कि जनता मनमोहनी अर्थव्यवस्था और प्रशासन से खासी परेशान है। महंगाई, भ्रष्टाचार, निजीकरण, राष्ट्रीय संपत्ति और संसाधनों की सरकार के सरंक्षण में काॅरपोरेटी लूट और बढ़ते अमेरिकी दखल से जनता त्रस्त है लेकिन उसके पास और विकल्प भी अभी कहां हैं? 


अमलेन्दु उपाध्याय
http://hastakshep.com/?p=15177

एकं साइट का परिचय

एकं साइट का परिचय आप यहाँ पा सकते हैं -


© http://hindisms.org/hindi-shayari/sher-o-shayari.html#ixzz1b2JjLO00

एक विशेष भेंट : 'माँ' The mother Part 1

Please See Bloggers' Meet Weekly 13

'माँ' The mother Part 1 


यह एक विशेष भेंट है जो कि हम अपने पाठकों की नज़्र कर रहे हैं।
उम्मीद है कि यह भेंट आप सभी भाई बहनों को ज़रूर पसंद आएगी।

मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ
तब कहीं जाकर ‘रज़ा‘ थोड़ा सुकूं पाती है माँ
 

Sunday, October 16, 2011

अंदाज ए मेरा: वेलडन बंगाल टाईगर......

अंदाज ए मेरा: वेलडन बंगाल टाईगर......: मान गए आपको। जज्‍बा हो तो ऐसा। आपके जज्‍बे को देखकर लगता है कि आपको बंगाल टाईगर ऐसे ही नहीं कहा जाता। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री सुश्री...

Saturday, October 15, 2011

पत्रकारों की खरीद फरोख्त और फिर बिक्री .........


जी हाँ दोस्तों भाजपा जो भ्रष्टाचार के खिलाफ खुद को साबित करना चाहती है जो भ्रष्टाचार और लोकपाल मामले में अन्ना का समर्थन करती है वही भाजपा अपने मंत्री और सांसदों के सामने कथित भावी प्रधानमन्त्री की रथयात्रा के पक्ष में खबरें छापने के लियें पत्रकारों को रिश्वत देती हुई रंगे हाथों पकड़ी जा रही हैं ...............भाजपा और नेता सभी पत्रकारों के माजने जानते हैं और यही वजह हे के देश में राजनितिक तोर पर किये गये बढ़े बढ़े अपराध अख़बार ढक कर रखते हैं और नेता जनता का खून चूसते रहते हैं अफसरों का भी यही हाल है अख़बारों को टुकडा डालो और देश को लूट लो ...............लेकिन इस बार सतना में रूपये बाँट रही भाजपा के नेताओं के इस कारनामे को कुछ आदर्शवादी पत्रकारों ने गम्भीरता से लिया और हालात यह रहे के बात निकल कर बाहर आ गयी ..दोस्तों में भी कई वर्षों से पत्रकारिता से जुडा रहा हूँ पत्रकारिता की उंच नीच और खरीद फरोख्त से खूब वाकिफ हूँ ..कोई भी अधिकारी कोई भी नेता केसे पत्रकारों को प्रभावित करता है या पत्रकार ऐसे लोगों को केसे प्रभावित करने के लियें मजबूर कर देते है मेने नजदीक से देखा है में हर दम प्रेस कोंफ्रेंस में शराब पार्टियों और फिर गिफ्ट संस्क्रती के खिलाफ रहा हूँ बड़े नेता तो हर साल होली दीपावली पर विशिष्ठ पत्रकारों के घरों पर लाखों के गिफ्ट बांटते हैं ताकि उनके कच्चे चिट्ठे छुपे रहे...नेता चुनाव लड़ता है तो करोड़ों का बजट केवल अख़बार के लियें अलग निकाल कर रख देता है व्यवसाय करने वाला कोई भी व्यक्ति चालीस फीसदी बजट पत्रकारों के लियें इसीलियें अलग से निकालता है के बाद में शहर में वोह अगर जनता को लूटे तो उसके खिलाफ कोई खबर नहीं छपे कोचिंग हो अस्पताल हों चाहे जो भी हों अगर इन लोगों के यहाँ छापे भी पढ़ते हैं तो अख़बार इन संस्थानों का नाम नहीं देकर केवल एक संस्था लिखकर एक लाइन की खबर बना कर खुद को निष्पक्ष पत्रकार कहने का सोभाग्य प्राप्त करते हैं ..अभी हाल ही में यह गंदगी ब्लोगिंग की दुनिया में भी आने लगी है विज्ञापन और निजी प्रचार के लियें ब्लोगिग्न शुरू कर दी गयी है और लाभ के लियें प्रभावित हो रही है ...........प्रेस कोंसिल के नये अध्यक्ष मार्कड काटजू ने तो साफ़ तोर पर पत्रकारों में से कई पत्रकारों पर रूपये लेकर खबरे छपने नेताओं से पैकेज लेकर उनका चुनावी महिमा मंडन करने के सुबूत सहित रिपोर्ट पेश की है ..हाल ही में प्रेस कोंसिल और चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है के पत्रकार काफी हद तक पेड न्यूज़ छाप कर चुनाव को प्रभावित करते हैं और इसीलियें उत्तर प्रदेश के उप चुनाव में पहले से ही पत्रकारिता और नेतागिरी की इस सांठ गाँठ पर अंकुश लगाने के बारे में रणनीति तय्यार की है यह सर्वविदित है के पत्रकार थोड़े से लालच में नेताओं की वोह छवि जनता के सामने पेश करते हैं जो वोह नहीं होते हैं और जो उनके काले कच्चे चिट्ठे होते हैं उन्हें थोड़े लालच के चक्कर में ढक देते हैं नतीजन जनता भ्रमित होती है और सही नेता का चयन नहीं हो पाता बाद में जनता पांच साल रोती है यही हाल देश में सरकारी दफ्तरों उनकी योजनाओं की क्रियान्विति को लेकर गोस्पिंग पत्रकारिता पर विज्ञापित पत्रकारिता के कारण हो रहा है एक टी वी चेनल तो नेता अगर बुखार में हो ..नये कपड़े सिलवाये ..ज़ुकाम हो जाए या फिर कहीं गलती से कोई अच्छा काम हो जाए तो उसे प्रमुखता से टेलीकास्ट करता है और में शर्मसार से यह सब देखता हूँ भला हो उन चुनिन्दा पत्रकारों का जिनकी वजह से खरीद फरोख्त के खिलाफ आवाज़ उठी है और जल्द इस गंदगी को साफ़ करने की दिशा में प्रेस कोंसिल कोई ना कोई तो कदम उठाएगी लेकिन इसके लियें पत्रकारिता से जुड़े लोगों के जमीर को भी राष्ट्रहित में जगाने की जरूरत है ............काश ऐसा हो जाए के पत्रकारिता देश की निष्पक्ष और तेज़ तर्रार निर्भीक तीसरी आँख हो जाए तो देश सुधार जाए .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Friday, October 14, 2011

दोस्ती को बदनाम करती लड़कियों से सावधान रहे.

यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे...
प्रिय पाठकों, आज दोस्ती के मायने बदल चुके हैं. आप दोस्ती जैसे पवित्र नाम को बदनाम करती लड़कियों से सावधान रहे. आज मेरी फेसबुक पर एक लड़की से हुए वार्तालाप में मेरा अनुभव नीचे देखें और सच्ची दोस्ती की परिभाषा को व्यक्त करता मेरा ब्लॉग देखें (दोस्ती की बड़ी नाजुक होती है डोर http://sachchadost.blogspot.com/2010/11/blog-post.html)
लड़की :-namaskar sirfire j (नमस्कार सिरफिरे जी )
सिरफिरा:-आपको भी नमस्कार जी,
लड़की :-aap kin kin baton ka jawab dene me samarth hain­ ­ (आप किन-किन बातों का जवाब देने में समर्थ हैं)
सिरफिरा:- जैसे-जैसे मौत की घड़ियाँ नजदीक आती गई ! वैसे-वैसे अर्थी उठाने वालों की संख्या बढती गई !!
लड़की :- bekaar hai­ ­ ye wala­ ­(बेकार है ये वाला)
सिरफिरा:-इसको कहते है हिम्मत वाली लड़की, सच बोलने वाली
लड़की :-ji han­ ­,mujhe jo pasand nh aata saaf bol deti hun­ ­(जी हाँ, मुझे जो पसंद नहीं आता साफ़ बोल देती हूँ)
सिरफिरा:-इसी का नाम ईमानदारी और स्पष्टवादिता कहते हैं.
लड़की :-acha btao ab ki kin kin baton ka jawab de te ho aap­ ­(अच्छा बताओ अब कि किन-किन बातों का जवाब देते हो आप)
सिरफिरा:-जिसका जवाब मालूम नहीं होता उसका ईमानदारी और स्पष्टवादिता से मना कर देंगे.
लड़की :- thk hai­ ­ (ठीक है)
सिरफिरा:-किसी को बीच में नहीं लटकाते है.
लड़की :- mera cell recharge kra do ge plz­ ­ (मेरा सेल रिचार्ज करा दोगे प्लीज़)
सिरफिरा:-बिल्कुल नहीं ? यह कार्य कोई हुश्न के दीवाने करते हैं.
 लगभग आधे घंटे के बाद तक जवाब नहीं आने पर क्या हुआ यह जानने के लिये यहाँ पर किल्क करें और पढ़ें.

रविकर जी ने कर दिया कमाल Great Job

चर्चामंच अपनी उत्तम सेवा के लिए पहचाना जाता है। निष्पक्षता इसका विशेष गुण है। कोई बड़े से बड़ा एग्रीगेटर भी ऐसा नहीं है, जिसकी निष्पक्षता पर हिंदी ब्लॉगर्स ने अपना संदेह न जताया हो। बड़े बड़े हिंदी एग्रीगेटर्स के ढेर हो जाने के बाद भी हमें कभी उनकी ज़रूरत महसूस ही नहीं हुई तो इसमें ‘चर्चा मंच‘ की भी अहम भूमिका रही है।
चर्चा मंच से जुड़े हरेक चर्चाकार ने अपना सर्वश्रेष्ठ पेश करने की कोशिश की है। ऐसी ही चर्चाओं के सिलसिले की एक कड़ी के तौर पर यह कड़ी है जिसे आदरणीय दिनेश गुप्ता ‘रविकर‘ जी ने पेश किया है।
लिंक्स की चर्चा एक फ़न है और रविकर जी ने इस फ़न को इसकी ऊंचाई तक पहुंचा दिया है। यह चर्चा देखकर इसका यक़ीन हरेक को हो जाता है। इस चर्चा में सिर्फ़ लिंक्स ही नहीं हैं बल्कि ब्लॉगर्स का परिचय भी है और उनके फ़ोटो भी हैं। सर्वश्रेष्ठ कोटि की यह चर्चा एक अनुपम यादगार है और हिंदी ब्लॉगिंग को समृद्ध करने वाले जिन ब्लॉगर्स का परिचय इसमें कराया गया है, उनके लिए तो यह वास्तव में एक संग्रहणीय पोस्ट है।
एक स्वर्णिम पोस्ट की रचना कर हिंदी ब्लॉगिंग को समृद्ध करने के लिए रविकर जी वास्तव में ही बधाई के पात्र हैं।

तटस्थ रहना पाप नहीं - चर्चा-मंच : 667

इस सुनहरी चर्चा में रविकर जी ने हमें भी शामिल किया है, जिसके लिए हम उनके दिल से शुक्रगुज़ार हैं। मालिक उन्हें इसका अच्छा बदला दे और उनकी क़ाबिलियत में इज़ाफ़ा करे,
आमीन !
रविकर जी ने हमारा परिचय कुछ इस तरह पेश किया है ...

[Anwer+Jamal++With+Prize.JPG]

डॉ. अनवर जमाल

उत्तर प्रदेश में पैदा हुए और जो हाथ लगा पढ़ डाला। जो विषय सामने आया हमने उसे ही पढ़ लिया। सत्य की खोज की, धर्म की खोज की और बरसों की साधना के बाद पता यही चला कि हर जगह सत्य और न्याय का उपदेश दिया गया है जिसे पसंद तो हरेक करता है और चलता कोई इक्का दुक्का ही है। लोगों के सामने यह धर्मतत्व आ जाए, जिसका उपदेश हरेक देश और हरेक काल में दिया गया है, हमारा प्रयास यही है।
मानवीय मूल्यों की रक्षा ऐसे ही होगी और विश्व शांति भी ऐसे ही आएगी।
जब तक इन बुनियादी मूल्यों का चलन समाज में आम नहीं होगा तब तक मानव जाति का कल्याण हो नहीं सकता। हम इस मिशन को समर्पित हैं, यही हमारा परिचय है।


दुनिया बहुत से दार्शनिकों के दर्शन, कवियों की रचनाओं और लोक परंपराओं के समूह को
हिन्दू धर्म के नाम से जानती है।
मनुष्य की बातें ग़लत हो सकती हैं बल्कि होती हैं। इसलिए उन्हें मेरे कथन पर ऐतराज़ हुआ लेकिन मैं ईश्वर के उन नियमों को धर्म मानता हूं जो ईश्वर की ओर से मनु आदि सच्चे ऋषियों के अन्तःकरण पर अवतरित हुए।
ईश्वर के ज्ञान में कभी ग़लती नहीं होती इसलिए धर्म में भी ग़लत बात नहीं हो सकती। ऋषियों का ताल्लुक़ हिन्दुस्तान से होने के कारण मैं उनके धर्म को हिन्दू धर्म कहता हूं।
मैं धर्म के उसी सनातन स्वरूप को मानता हूं जो ईश्वरीय है
और
एक ही मालिक की ओर से हर देश-क़ौम में
अलग-अलग काल में प्रकट हुआ।
उसमें न कोई कमी कल थी जब उसे सनातन और वैदिक धर्म के नाम से जाना जाता था और न ही कोई कमी आज है
जबकि उसे ‘इस्लाम‘ के नाम से जाना जाता है।
क्या कल्याण के लिए और बेहतर भविष्य के लिए चरित्र में सुधार लाज़िमी है ?
*मुझे जानिये मेरी तहरीर के आईने में :*
1- http://auratkihaqiqat.blogspot.com/
2- http://vedquran.blogspot.com/2010/07/way-for-mankind-anwer-jamal.html
3- http://vedquran.blogspot.com/2010/05/unbeatable-india.html
4- *http://www.blogger.com/profile/06580908383235507512*

My Hindi Blogs
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/
http://mankiduniya.blogspot.com/
http://pyarimaan.blogspot.com/
http://commentsgarden.blogspot.com/
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http://islamdharma.blogspot.com/
http://vedquran.blogspot.com/

Thursday, October 13, 2011

हिन्दू धर्म की जानकारी

हिन्दू धर्म की जानकारी देने वाली एक साइट

Hindu Rituals and Practices 

http://www.ratana.in/vedas.html

Wednesday, October 12, 2011

इस्लाम में नारी

इस्लाम में महिला का अधिकार क्या है ?
यह सवाल हिंदी ब्लॉग जगत में बहुत पूछा जाता है , यह वेबसाइट इस विषय पर अच्छी जानकारी देती है -
नर और नारी को अपने अधिकार और कर्तव्यों का सही तौर पर पता हो जाए और वे उन्हें अदा भी कर दें तो घर परिवार और समाज में सुख शांति आ जाएगी, इसमें कुछ शक नहीं है.

Tuesday, October 11, 2011

कमाल की जानकारी Hindi Blogging Tips

आज देखिये आप यह पोस्ट , क्या कमाल की जानकारी है यहाँ ...
सर्च इंजन में सामग्री ढूंढ़ते समय कुछ छोटी-छोटी टिप्स वक्त भी बचा सकती हैं और मेहनत भी

इंटरनेट पर मनचाही सामग्री की तलाश के लिए मदद ली जाती है सर्च इंजन की। सामग्री से जुड़े की-वर्ड को जैसे ही सर्च इंजन में डाला जाता है, हजारों रिजल्ट मिलते हैं। अब समस्या शुरू होती है कि इनमें से कौनसे पेज को खोलकर देखा जाए, जिसमें जरूरत के मुताबिक सामग्री मिल सके। एक-एक कर पेज खोले जाते हैं और उसी रफ्तार से बंद भी कर दिए जाते हैं। अगर किस्मत अच्छी है तो जल्द ही सामग्री मिल जाती है और अगर आप किसी खास चीज को तलाश कर रहे हैं, तो हो सकता है कि इसके लिए कई घंटे लग जाएं। गहन और सटीक सर्च के लिए सर्च इंजन की भाषा समझना जरूरी है। इसके कुछ छोटे-छोटे नियम हैं, जो आमतौर पर काम में नहीं लिए जाते। अगर इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो न केवल सर्च काफी धारदार हो जाएगी, बल्कि वक्त और मेहनत की भी बचत होगी। सर्च को धारदार बनाने के लिए जानिए कुछ टिप्स-
http://tips-hindi.blogspot.com/2010/01/blog-post.htmlhttp://tips-hindi.blogspot.com/2010/01/blog-post.html

अंदाज ए मेरा: अमिताभ बच्‍चन पिछले जन्‍म में भी नायक थे....!

अंदाज ए मेरा: अमिताभ बच्‍चन पिछले जन्‍म में भी नायक थे....!: महानायक। शताब्‍दी का नायक। सुपर हिरो। एंग्री यंग मैन। शहंशाह। बिग बी। ना जाने कितने नामों से जाना जाता है अमिताभ बच्‍चन को। न भूतो न भवि...

Monday, October 10, 2011

गजल सम्राट जगजीत सिंह नहीं रहे

jagjeett-singh.jpg
नई दिल्ली।। मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह का सोमवार सुबह निधन हो गया। वह 70 साल के थे। वह मुंबई के लीलावती अस्पताल में ब्रेन हेमरेज के बाद भर्ती किए गए थे।

सोमवार सुबह 8 बजे उनका निधन हो गया। बांद्रा में रह रहे जगजीत सिंह को 23 सितंबर को ब्रेन हेमरेज के बाद हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाया गया था जहां उनकी सर्जरी की गई थी।

जगजीत सिंह के गीत सुनने के लिए यहां क्लिक करें

कई भारतीय भाषाओं में अपनी गायकी के चलते मील का पत्थर साबित हो चुके जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को हुआ था।

पद्मभूषण से सम्मानित थे जगजीत सिंह। राजस्थान के श्री गंगानगर में जन्मे जगजीत सिंह की चार बहनें और दो भाई थे। परिवार में उन्हें जीत के नाम से पुकारा जाता था। 1970- 80 के दशक के दौरान जगजीत सिंह और उनकी पत्नी चित्रा सिंह , जो खुद भी विख्यात गजल सिंगर हैं , ने भारतीय गायकी जगत में सफलता का चरम पाया। रिकॉर्डेड इंडियन म्यूजिक में सफलता के विशालतम आयाम गढ़ने वाला यह भारत का पहला कपल था।

जगजीत सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां क्लिक करें

उनकी दिल को छू लेने वाली गजलों में शामिल हैं: होठों से छू लो तुम मेरे गीत अमर कर दो , दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है , तुमको देखा तो ये ख्याल आया , अपनी मर्जी से कहां अपने सफर के हम हैं , पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है , होशवालों को खबर क्या जिन्दगी क्या चीज है आदि।

पढें : ऐसे बने वह ‘जीत’ से ‘जगजीत’

बॉलिवुड की हिट फिल्मों जैसे सरफरोश और तरकीब में भी उन्होंने गायकी दी। जगजीत सिंह न सिर्फ गायक थे बल्कि कंपोजर , ऐक्टिविस्ट और उद्योगपति भी थे। हिन्दी और पंजाबी के अलावा उन्होंने उर्दू और नेपाली में गीतों को भी अपनी आवाज दी थी।
 
10 Oct 2011, 1121 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम 

‘ब्लॉग की ख़बरें‘

1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/

13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html

15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html

17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html

21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html

23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html

24- कुरआन का चमत्कार

25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?

26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata

27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1

28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो

29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत

30-
अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
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साहित्य की ताज़ा जानकारी

1- युद्ध -लुईगी पिरांदेलो (मां-बेटे और बाप के ज़बर्दस्त तूफ़ानी जज़्बात का अनोखा बयान)
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

2- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

3- आतंकवादी कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Taliban
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/taliban.html

4- तनाव दूर करने की बजाय बढ़ाती है शराब
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

5- जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
http://vedquran.blogspot.com/2011/07/krishna-consciousness.html

6- समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/rape.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- ख़ून बहाना जायज़ ही नहीं है किसी मुसलमान के लिए No Voilence
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/no-voilence.html

9- धर्म को उसके लक्षणों से पहचान कर अपनाइये कल्याण के लिए
http://charchashalimanch.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

10- बाइबिल के रहस्य- क्षमा कीजिए शांति पाइए
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

11- विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
http://dharmiksahity.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

12- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

13- ‘इस्लामी आतंकवाद‘ एक ग़लत शब्द है Terrorism or Peace, What is Islam
http://commentsgarden.blogspot.com/2011/07/terrorism-or-peace-what-is-islam.html

14- The real mission of Christ ईसा मसीह का मिशन क्या था ? और उसे किसने आकर पूरा किया ? - Anwer Jamal
http://kuranved.blogspot.com/2010/10/real-mission-of-christ-anwer-jamal.html

15- अल्लाह के विशेष गुण जो किसी सृष्टि में नहीं है.
http://quranse.blogspot.com/2011/06/blog-post_12.html

16- लघु नज्में ... ड़ा श्याम गुप्त...
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

17- आपको कौन लिंक कर रहा है ?, जानने के तरीके यह हैं
http://techaggregator.blogspot.com/

18- आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले -रविकर फैजाबादी

19-मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमत

20- मौत कहते हैं जिसे वो ज़िन्दगी का होश है Death is life

21- कल रात उसने सारे ख़तों को जला दिया -ग़ज़ल Gazal

22- मोम का सा मिज़ाज है मेरा / मुझ पे इल्ज़ाम है कि पत्थर हूँ -'Anwer'

23- दिल तो है लँगूर का

24- लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी - Allama Iqbal

25- विवाद -एक लघुकथा डा. अनवर जमाल की क़लम से Dispute (Short story)

26- शीशा हमें तो आपको पत्थर कहा गया (ग़ज़ल)

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