आप सभी के सामने मैं एक विद्यार्थी हूँ. मैं लिखने पढने में निरा बेवकूफ हूँ, पर आप लोंगो के आशीर्वाद से कुछ सीखने की ख्वाहिश मंद हूँ.
अब आप ख़ुद सोचिए कि रूबी सिन्हा कौन है ?
उपरोक्त पंक्तियां उनकी ताज़ा पोस्ट की हैं। जहां वे अपना परिचय दे रही हैं या दे रहे हैं। Screen shot सुरक्षित है .
http://sachchadil.blogspot.com/2011/07/blog-post_01.htmlअब आप ख़ुद सोचिए कि रूबी सिन्हा कौन है ?
29 comments:
आप हमारे बड़े है, लिहाजा मेरे संस्कार कहते हैं की मुझे आपका सम्मान करना ही चाहिए.. पर मुझे कहा गया है की आप विश्वसनीय नहीं है. आप किसी पर भी कोई आरोप लगा देते हैं. मैंने सुना था की आप किसी की बहन-बेटियों की इज्ज़त करना सीखे ही नहीं है.. विशेषकर यदि वह हिन्दू हो. आपका जवाब देना देना उचित तो नहीं पर आवश्यक इसलिए था की आपने मेरे ऊपर आरोप लगा दिए . जबकि मैं आपसे आशीर्वाद की अपेक्षा करती थी. मैं अप्रैल २०१० से आर्कुट पर हूँ. ब्लॉग के बारे में मुझे कुछ खास जानकारी नहीं है. आर्कुट पर हमारे 386 मित्र है जो एक दिन में नहीं हो सकते. आप सर्च करके देख सकते हैं. बस इससे अधिक मैं अपने से बड़े को जवाब देना नहीं सीखा है.
@ रूबी सिंह जी ! इस पोस्ट में तो आरोप की एक लाइन तक नहीं है अलबत्ता अपनी टिप्पणी में मुझ पर आप ज़रूर आरोप लगा रही हैं । जिसने आपको मेरे बारे में इस तरह की बातें कही हैं वह ख़ुद अपने गुरू तक से विश्वासघात कर चुका होगा।
मौक़ापरस्ती और बुज़दिली के मारे ये लोग मेरे बारे में कुछ भी कह सकते हैं लेकिन उनकी बातों को दोहराने से पहले कोई लड़की 10 बार सोचती है , अगर उसका कोई वुजूद सचमुच होता है।
मैं इंसान को पहचान ही लेता हूँ चाहे वह नक़ाब कोई भी लगा ले।
आशीर्वाद तो हम आपको बहुत पहले दे चुके हैं सिंह जी !!!
माना की तेरे(अनवर)दीद के काबिल नहीं है ये(रूबी)
तू शौक इसका देख जरा इंतजार कर....
रूबी जी बधाइयाँ...मुलाकात की इच्छा रहेगी
Anwar ji ke vishay me ruby ko jisne bhi bataya hai bilkul galat bataya hai .hame unse bhai jaisa sneh v samman mila hai aur ham HINDU hi hain .
rubi ji ,
aapse kaha gaya kya aapka swayam ka koi anbhav bhi dr.anwar jamal ji ke bare ma hai yadi hai to vah yahan shayer karen ham bhi to kar rahe hain aur ham jante hain ki ve kitne sahyogi insan hain .
ye aarop-pratyarop yahan shobha nahi deta.
aur aap kah rahi hain ki aapke orkut par 386 frnd hain to o to aapse bhi jyada unke mil jayenge jo kathit yaur par fake i.di rakhte hain ye koi sahi pahchan nahi batayee aapne.
shalini ji, mujhe nahi pata tha ki mere astitv par tabhi sawal uthenge, jab main kuchh karna chahungi. kya mujhe pata tha ki ek varsh se adhik hone ke pashchat mujhe koi jimmedari milegi aur maine fake id bana li thi. aap mere mail par apna mo. no. de de main aapse bat kar lungi. mujhe kisi ko safai nahi deni hai.
dubara yaha nahi aana hai, lihaja koi coment ka jawab nahi dungi.
रूबी जी गलती आप की ही है , अनवर जैसे धार्मिक मुस्लिम से आशीर्वाद की अपेक्षा हास्यास्पद है वो भी किसी हिन्दू महिला के लिए इस्लाम तो अपने मूल में ही ऐसा है की कोई भी धार्मिक मुस्लिम किसी महिला का सम्मान नहीं कर सकता है
@ अंकित जी ! शिखा जी और शालिनी जी ने अनवर जमाल साहब के बारे में बता दिया है कि सही बात क्या है !!!
जिन बातों का जवाब दे दिया गया है, उन्हें दोहराना फ़िज़ूल कहलाता है।
मैंने ख़ुद देखा है कि सुश्री रूबी सिन्हा जी के ब्लॉग पर उनके फ़ोटो के ऊपर ‘मंच संचालक‘ लिखा हुआ था। इस पोस्ट के छपने के बाद उसे बदल कर अब ‘मंच संचालिका‘ लिख दिया है।
इस तरह की हरकतें शक तो पैदा करती ही हैं।
क्या आप से कभी आज तक टंकण की त्रुटी नहीं हुई ??
ग़लत बात ग़लत सोहबत से ही आती है
@ अंकित जी ! आप बता रहे हैं कि इस्लाम की प्रकृति ऐसी है कि कोई भी धार्मिक मुस्लिम किसी हिंदू का सम्मान नहीं कर सकता है।
यह टंकण की त्रुटि नहीं है बल्कि आपकी सोच की ग़लती है।
यह बात आपके मन में आपके मां-बाप ने बिठाई है या आपके गुरूजनों ने या आपके साथियों ने ?
ग़लत बात ग़लत सोहबत से ही आती है।
यह ग़लत सोच आपके दिमाग़ में कैसे आई ?
यह सोचना आपका काम है।
अगर ग़लती केवल टाइपिंग की ही थी तो वह दूर कर ही ली गई है। इसके लिए तो आपको हमारा थैंकफ़ुल होना चाहिए लेकिन आप तो लाल पीले हो कर इस्लाम धर्म तक पर आरोप लगा रहे हैं। इसी तरह के इल्ज़ाम लगाकर आप समझते हैं कि हमने ‘राष्ट्रसेवा‘ कर ली है।
आपकी मर्ज़ी है, जिस रास्ते पर आप चाहे चलें लेकिन एक बार यह लेख आप ज़रूर पढ़ लें।
धन्यवाद !!!
मस्जिद - मंदिर तो हुए , पत्थर से ता'मीर !
इंसां का दिल : राम की , अल्लाह् की जागीर !!
मैंने टंकण की त्रुटी उसे कहा था जिस बारे में आप ने ये पोस्ट लगाई है और मैं भी इस्लाम के बारे में अपने विचार पर ही हूँ आप ने जो लिंक दिया उसे अभी पढ़ता हूँ
@ अनवर जमाल जो लिंक आप ने दिया उस लेख को पढ़ने की आवश्यकता हो आप ही को है वैसे मैं अपने विचार के पक्ष में कुरआन आधारित लेख का लिंक दे रहा हूँ आप पढियेगा जरुर
लौंडियों का क्या करें ?यह कुरआन बताती है !
@ प्रिय अंकित जी ! आप कह रहे हैं कि टंकण की ग़लती की वजह से मुझे ग़लतफ़हमी हो गई थी।
चलिए अगर आपकी बात को ही मान लिया जाए तो यह बताइये कि ग़लती तो थी न ?
आपका साथी ग़लती करे और अगर कोई उस ग़लती को बता दे तो क्या यह कोई जुर्म है ?
जिसकी सज़ा आप उसके धर्म और उसके धर्मग्रंथ पर कीचड़ उछाल कर दे रहे हैं।
यहां तो धर्म कोई मुददा ही नहीं है। इस मंच पर मूर्तिपूजा करने वाले भाई भी सदस्य हैं और वे अपनी देवी देवताओं की पोस्ट बनाकर उसका प्रचार यहां करते हैं। ऐसे सदभावनापूर्ण मंच पर आकर आप आरोप प्रत्यारोप क्यों कर रहे हैं ?
मैं आपसे प्रेमपूर्वक विनती करूंगा कि आप अपनी रीति-नीति पर विचार करें और देखें
सच्ची सुंदरता के लिए अपने मन को सुमन बनाएं Real Beauty
देखिये अब गलती आप ने कर दी "आपका साथी" की जगह "आप की साथी " होना चाहिए था और गलती बताना तो अच्छी बात है अमरे धर्म में तो कहा ही गया है "निंदक नियरे राखिये" परन्तु आप ने तो रूबी जी को परोक्ष रूप से फेक profile बता दिया ये गलत है |
@ प्रिय अंकित जी ! मैं तो वह जानता हूं जो कि ख़ुद रूबी सिन्हा की जानकारी है।
1. अच्छा , ज़रा उनसे पूछ कर आप यही बता दीजिए कि यह फ़ोटो ख़ुद उनका ही है या फिर इसे भी उन्होंने गूगल से उठाकर लगा लिया है ?
जैसे कि फ़ेक आईडी बनाने वाले अक्सर किया करते हैं।
2. दूसरी बात यह है कि ‘निंदक नियरे राखने के लिए बड़ा कलेजा‘ चाहिए होता है जो कि इस हिंदी ब्लॉग जगत में केवल अनवर जमाल के पास है।
हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल में हमने डा. श्याम गुप्ता और तारकेश्वर गिरी जैसे लोगों को भी सदस्य बना रखा है जो कि हमें अज्ञानी, मूर्ख और पाकिस्तान का एजेंट कहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि एक ब्लॉग है ‘अहसास की परतें-समीक्षा‘। इस ब्लॉग के मालिक ने जिस ईमेल आईडी से यह ब्लॉग बनाया, उसमें मेरे नाम के साथ गाली जोड़कर अकाउंट बनाया और फिर उससे यह ब्लॉग बनाया। इस ब्लॉग पर मेरे फ़ोटो लगाकर गालियां लिखीं। जिन्हें शिखा जी ने भी देखा है और उनके कहने पर ही उसने उन्हें हटाया। इन भाई जैसी निंदा कोई क्या करेगा ?
लेकिन इसके बावजूद हमने इनके ब्लॉग को आशीर्वाद दिया और उसे भरपूर समर्थन भी दिया, इन्हें आमंत्रित भी किया और अपने साझा मंच में सम्मानित सदस्य बनाया और आज तक इनकी सदस्यता रदद नहीं की। इन्हें पूरी आज़ादी है कि ये जो चाहें लिख सकते हैं।
अपनी राय ज़ाहिर करने और निंदा करने की आज़ादी की इस जैसी मिसाल आप दूसरी कहीं दिखा नहीं सकते।
धन्यवाद !!!
अनवर जी आप विषय को परिवर्तित कर रहे हैं | जहाँ तक रूबी सिन्हा का प्रश्न है तो उस पोस्ट पर ही मैंने भी उनको पहली बार देखा था यद्यपि बाद में मैंने उनकी कुछ पुरानी गतिविधियाँ भी देखी थी और उस टंकण त्रुटी की तरफ मेरा ध्यान भी गया था परन्तु पहली बार में ही किसी को नकली प्रोफाइल बता देना ये एक नकारात्मक कार्य है जिससे यह प्रतीत होता है की आप उनको अपने शत्रु पक्ष मान लिया था जी की मेरे अनुसार नहीं होना चाहिए |
अब इसके बाद रूबी सिन्हा जी के द्वारा अपना वास्तविक चित्र न लगाने या अपनी वास्तविक जानकारी न देने का प्रश्न है तो मुझे नहीं लगता है की यह गलत है महिलायें सुरक्षा कारणों से अक्सर ऐसा करती हैं और उनको करना चाहिए | फेसबुक पर मेरे 2200 मित्र है जिसके से लगभग मैं 100 ऐसी महिलाओं को जनता हूँ जिन्होंने अपना वास्तविक चित्र नहीं लगा रखा है परन्तु वो नकली प्रोफाइल नहीं हैं तो मेरे विचार से केवल चित्र के आभाव में किसी को नकली नहीं कहा जाना चाहिए |
दूसरी बात ये की गर्व तो अच्छी बात है परन्तु गर्वोक्तियाँ कुछ संकेत करती हैं "इतना बड़ा दिल केवल अनवर जमाल के पास है " ये गर्वोक्ति आप के पतन के प्रारंभ का संकेत है मुझे नहीं पता की इस्लाम क्या कहता है परन्तु हिंदुत्व के अनुसार तो इश्वर का आहार भक्तों का घमंड है और आप तो धार्मिक व्यक्ति हैं तो शायद आप के गर्व के समाप्त होने का समय आ गया है |
अब जहाँ तक निंदकों को निकट रखने की बात है तो आप के एक मित्र सलीम खान ने अपने निजी ब्लॉग में मेरे विरुद्ध एक पोस्ट लगाई थी जो की फोटोशोप पर की गयी खुराफात थी और विशिद्ध रूप से उकसावे वाले करुवाई थी परंतुमैने न तो कोई जवाबी कार्यवाई की और अन ही उनके अपने फेसबुक की मित्रसूची से बहार किया तो वीर और भी हैं आप के अतिरिक्त इस ब्लॉग जगत में (यदि आप मुझे ब्लॉग जगत में मानते हैं तो )|
रूबी सिंह लड़का है या लड़की ?
@ प्रिय अंकित जी !
1- अहंकार एक अपवित्र भाव है और ईश्वर पवित्र है। पवित्र ईश्वर का आहार अहंकार नहीं हो सकता।
इसके बावजूद यह बात सही है कि ईश्वर घमंडी लोगों को प्रिय नहीं रखता। इसीलिए ज्ञानी लोगों ने सदा ही ‘विनय‘ की शिक्षा दी है।
कोई बात अहंकार, घमंड और तकब्बुर तब कहलाई जाती है जबकि आदमी अपने अंदर कोई ऐसा दावा करे जो उसमें सिरे मौजूद ही न हो और इसी के साथ वह दूसरों को अपने से घटिया समझे।
यह असत्य का ही एक और रूप हुआ।
यानि एक तो वह बात सिरे से ही आदमी में नहीं है और उस पर तुर्रा यह है कि वह दूसरों को भी तुच्छ समझने लगे, यह ग़लत है।
दूसरी ओर हम देखते हैं कि श्री रामचंद्र जी रावण से और अन्य अनेक दुष्टों से कहते हैं कि तुम मेरे बराबर नहीं हो, मेरी बात मान लो और सुधर जाओ, तुम्हारा कल्याण हो जाएगा।
...तो अपने गुणों का यह वर्णन अहंकार नहीं है बल्कि मात्र एक सत्य का बयान है ताकि लोगों का भला हो जाय।
आप दिखाएं कि आपने अपने गालियां देने वालों को कब अपने ब्लॉग में साझीदार किया है ?
2- रूबी सिंह जी की हिमायत आपको करते देखकर मुझे ‘शोले‘ फ़िल्म का अमिताभ बच्चन याद आ गया। जब वह मौसी के पास धर्मेंद्र के लिए हेमा जी का हाथ मांगने जाता है तो वह बताता है कि बस वह पी भी लेता है, जुआ भी खेल लेता है और क़दम बहक जाते हैं तो कोठे पर भी चला जाता है। कमाता चाहे भले ही न हो लेकिन वैसे है लड़का बहुत नेक।
यही बात आप कह रहे हैं कि रूबी सिंह जी का लिखते में हाथ भी थोड़ा सा बहक जाता है और फ़ोटो भी उन्होंने अपना नहीं लगा रखा है लेकिन रूबी सिन्हा है लड़की ही।
भाई कमाल है आपके यक़ीन का भी। इतने यक़ीन से तो केवल रूबी सिन्हा जी के पति ही बता सकते हैं और रूबी सिंह जी की शादी अभी हुई नहीं होगी,
तो फिर आप कैसे कह सकते हैं कि जो छिपा बैठा है, वह लड़का है या लड़की ?
मुझे पता था की आप मर्यादा की सीमाओं का उल्लंघन करेंगे ही| सबसे पहले तो तुम इस लायक नहीं की अपनी तुलना राम से करो दूसरी बात जहाँ तक तुम्हारे ब्लॉग में भागीदार बनाने का प्रश्न है तो ये उन लोगों की भी महानता है की उन लोगो ने तुम्हारे साथ आना स्वीकार किया |
अब बात रूबी सिन्हा की , आप ऐसे शब्दों और कुतर्कों का प्रयोग करने लगे हैं की मैं असहज हो कर पीछे हट जाऊं , वैसे मुझे आप से आइसे बेहूदा तर्कों की ही आशा थी | मुझे इस लिए ये पता है की रूबी सुन्हा लडकी है क्यों की मैं हर किसी को तब तक अच्छा मनाता हूँ जब तक की वो सिद्ध ना कर दे की वो अच्छा नहीं है और आप शायद आप लोगों को तब तक बुरा मानते हैं जब तक की वो सिद्ध ना कर दे को वो बुरा नहीं है |
हरेक आदमी ख़ुद जान लेगा कि ‘रूबी सिन्हा कौन है ?
@ प्रिय बंधु अंकित जी ! आप तो ‘रीयल स्कॉलर‘ की उपाधि धारण किए हुए हैं और आपको पता नहीं है कि भारत में श्री रामचंद्र जी और सीता माता के उदाहरण देना एक सामान्य रिवाज है। उनके उदाहरण देने को आप उनसे तुलना मान रहे हैं। यह ग़लत बात है।
ऊपर से आप क्रोधित भी हो रहे हैं। कभी ‘आप‘ और कभी ‘तुम‘ कहकर संबोधित कर रहे हैं। ग़ुस्से में ऐसा ही होता है। आप उस गाली के साथ ईमेल आईडी बनाने वाले को भी महान कह गए, यह भी ग़ुस्से का ही असर है वर्ना भारतीय संस्कृति ऐसा नहीं मानती।
रूबी सिन्हा जी लड़की हैं, इसके समर्थन में तो ख़ुद रूबी जी ही कोई प्रमाण नहीं दे सकी हैं तब आप कहां से दे सकते हैं ?
आप दोनों मात्र स्टेटमेंट दे रहे हैं।
स्टेटमेंट सुबूत नहीं होता।
इसके बावजूद अगर आप उन्हें ‘लड़की‘ ही मानना चाहते हैं तो मानिए, हमें कोई आपत्ति नहीं है।
संयम खोकर बात करने से कोई फ़ायदा नहीं है। इस मुददे पर काफ़ी बहस हो चुकी है और सभी लोग समझदार हैं, इस बहस को देख हरेक आदमी ख़ुद जान लेगा कि ‘रूबी सिन्हा कौन है ?‘
ब्लॉग जगत का सबसे पहला समाचार आपके सामने लाता रहेगा नित नई हक़ीक़तें, कृप्या सहयोग करें।
आप हमारे भाई हैं, इसलिए आप ग़ुस्सा थूक दीजिए।
जिस रोज़ रूबी सिन्हा जी किसी प्रोग्राम में शिरकत करेंगी और उनकी ओरिजनल फ़ोटो हम तक पहुंच जाएगी तो सारी हक़ीक़त ख़ुद सामने आ जाएगी।
आप नाहक़ चिंता क्यों कर रहे हैं ?
बढ़िया है वैसे अगर आप खबरें देते हैं तो कभी हमारे ब्लॉग की भी खबर दीजियेगा हम भी सक्रियता बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं और आशा है सफल भी होंगे इसके अतिरिक्त आप हमें तो नकली ID नहीं मानते हैं ना क्योंकी हम भी आज तक किसी कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्राप्त नहीं कर सके हैं |
आपका यहां सदा स्वागत है
@ प्रिय बंधु अंकित जी !
1- जब तक ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ का उपयोग उनके प्रचार के लिए नहीं किया गया, हमने भी उनकी हक़ीक़त जानने की कोशिश नहीं की कि ‘रूबी सिन्हा कौन है ?‘
लेकिन जब ‘ब्लाग की ख़बरें‘ को उनके लिए इस्तेमाल किया गया तो हमें जिज्ञासा हुई कि यह बहन जी आखि़र कौन हैं ?
हम नहीं चाहते कि ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ के मंच से लोगों को भ्रमजाल में फंसाया जाए।
भ्रमजाल को काटकर असल हक़ीक़त सामने लाना ही एक पत्रकार का बल्कि एक इंसान का कर्तव्य होता है और यही हमारी सोच है।
2- आपके प्रति हमारे मन में अभी तक कोई शक पैदा नहीं हुआ है। अगर आप अपने ब्लॉग का या किसी पोस्ट का प्रचार इस मंच पर चाहते हैं तो आप लेख तैयार करके blogkikhabren@gmail.com पर ईमेल कर दीजिए। लेख आपके नाम से ही प्रकाशित कर दिया जाएगा या ज़रूरी समझा गया तो उसमें एडिटिंग करके पेश कर दिया जाएगा। ऐसा केवल लेख की उपयोगिता को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
आप अपने मित्रों के ब्लॉग और उनकी पोस्ट का प्रचार भी यहां कर सकते हैं।
ऐसे लेख भेजते समय उनके शीर्षक में ‘प्रकाशनार्थ-‘ब्लाग की ख़बरें‘ ज़रूर लिखें ताकि दूसरी ईमेल के साथ डिलीट न कर दी जाएं।
यह आपका भी मंच है, हरेक हिंदी भाषी ब्लॉगर के लिए है यह मंच। आपका यहां सदा स्वागत है।
कृप्या इसकी गुणवत्ता बनाए रखने में हमारी सहायता करें।
धन्यवाद !
लिंक पर हो आये हैं!
अनवर भाई, रूबी सिन्हा शादी शुदा है और मेरे खाश मित्र की पत्नी है. वे मेरी बहन की जैसी है. मैं उन्हें सम्मान देता हूँ. आपके द्वारा अपमानजनक भाषा में लिखे गए कमेन्ट और पोस्ट को शायद मैं कभी नहीं भूल पाऊ, आप ब्लॉग जगत में निष्पक्ष पत्रकारिता की बात करते है. पर आप कितने निष्पक्ष है मैं जानता हूँ. रूबी जी को मैं तब से जानता हूँ जब मई खुद ब्लॉग की दुनिया से दूर था. आप शायद नहीं जानते मैं बता दू सिन्हा और सिंह में क्या फर्क होता है. एक राजपूत है तो दूसरा सवर्ण, मैं छठा था की उनके लगभग ४०० के करीब पहुँच रहे आर्कुट मित्र भी ब्लॉग से जुड़े और हिंदी लेखन को बढ़ावा दे, पर आप हिन्दू विरोधी हैं यह आपने साबित कर दिया है. जिन हिन्दू भाइयो को प्रमाण चाहिए वे रूबी जी से बात भी कर सकते है पर आप नहीं. क्योंकि आपके धर्म का संस्कार मैं जानता हूँ. बचपन से जिसे बहन कहते हैं उसी को बीबी बनाने में भी परहेज़ नहीं करते. आज से एक हिन्दू महिला का अपमान का अपमान करने का आरोप लगाकर मैं आपसे सम्बन्ध ख़त्म करता हूँ. आज के बाद मैं आपके किसी ब्लॉग पर नहीं आऊंगा.
हिन्दू धर्म के बारे में गलत बात बोलने से परहेज कीजिये अन्यथा मैं जिस भाषा का प्रयोग करूँगा वह आपको पसंद नहीं आएगा. अभी तक मैं आपका सम्मान कर रहा हूँ. यदि आप चाहते है की आगे भी सम्मान करता रहू तो आपको आवरण हटा के बात करनी होगी. मैं आज तक किसी का अपमान न तो किया और न ही करना चाहता हूँ. आपका ब्लॉग की खबरे निष्पक्ष नहीं है. यह आप भी जानते हैं. हल्ला बोल के बारे में मैंने ही खबर दी थी पर आपने मिटा दिया. खबर तो खबर होती है चाहे किसी के बारे में हो. अब मैं ब्लॉग की खबर के लिए एक ब्लॉग बनाऊंगा और आपसे सफल होकर दिखाऊंगा यह मेरा वडा ही नहीं आपको चैलेन्ज है. आप अच्छी तरह जानते है जो मैं ठान लेता हूँ करके दिखाता हूँ. जब मेरा और आपका LBA पर विवाद हुआ था, तभी मैंने BBLM की नीव रखी और २००९ में बने LBA को BBLM ने मात्र चार माह में पछाड़ दिया इससे आप भी वाकिफ है. हिन्दू मुसलमानों के के बीच में दरार पैदा करने की आदत छोड़ दीजिये, भारत माता की दोनों आँखों को आपस में फोड़ने का प्रयत्न जो आप द्वारा किया जा रहा है वह सफल नहीं हो पायेगा. वीर अब्दुल हमीद और अशफाक उल्लाह खान जैसे लोंगो की तरह बनिए. मियन आज भी आपका सम्मान करता हूँ यदि आप चाहते हैं की यह सम्मान बरकरार रहे तो सुधार लाईये. घटिया ब्लोगिंग की परम्परा का त्याग कीजिये यह मेरी सलाह है. और अंकित जी बेहूदा सवालो में समय मत वक्त जाया कीजिये. .
आज से मैं आपके ब्लॉग की खबरे और HBFI जैसे मुस्लिम संगठनो से दूर हो रहा हूँ. मैं जानता हूँ यह कमेन्ट आप हटा देंगे. पर यह सन्देश सभी तक पहुचेगा. यह मेरा वादा है. आप इस स्तर तक सिर्फ नाम कमाने के लिए उतर सकते हैं यह उम्मीद मैंने नहीं की थी. आपको अंतिम प्रणाम, मैं आपके किसी सवाल का जवाब देने नहीं आऊंगा. धन्यवाद.
आपके धर्म का संस्कार मैं जानता हूँ. बचपन से जिसे बहन कहते हैं उसी को बीबी बनाने में भी परहेज़ नहीं करते...
@ हरीश सिंह जी !
आपने सिंह और सिन्हा में अंतर भी ख़ूब ही बताया है कि
आप शायद नहीं जानते मैं बता दू सिन्हा और सिंह में क्या फर्क होता है ? एक राजपूत है तो दूसरा सवर्ण
क्या राजपूत सवर्ण नहीं होते ?
एक झूठ को छिपाने के लिए आदमी को सौ झूठ बोलने पड़ते हैं और फिर भी सच छिप नहीं पाता।
पहले अंकित जी ने इस्लाम के संस्कार जानने का दावा किया और अब आप कर रहे हैं।
यह पोस्ट धर्म से संबंधित नहीं है बल्कि व्यक्ति विशेष से संबंधित है। बार बार धर्म का विषय छेड़ कर आप अस्ल बहस से लोगों का ध्यान हटा देना चाहते हैं, इसे हरेक आदमी समझ रहा है।
आप ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ देने वाला एक और अख़बार शुरू कर रहे हैं, यह हमारे लिए ख़ुशी की ही बात है।
आपका ब्लॉग इस ब्लॉग से ज़्यादा सफल अवश्य ही होगा। इसका हमें पूरा विश्वास है। आपकी सफलता के लिए हम दुआ करते हैं और आपके अख़बार की ख़बर भी हम छापेंगे, बस आप सूचित कर देना।
आप एक नई और अच्छी शुरूआत करने जा रहे हैं, इसलिए हम आपको कोई जवाब आपके लहजे में नहीं देंगे।
वैसे भी आजकल ज़रा हमारा मूड नहीं है इस टाइप की बातें करने का !
धन्यवाद !!!
रही बात हिंदू विरोधी होने की तो देखिए आप मेरी यह पोस्ट
प्यार का रिश्ता ही इंसानियत की पहचान है I love my India
मैंने इस्लाम के संस्कार जानने का दावा नहीं किया था साक्ष्य भी दिए थे और कुरआन पर आधारित साक्ष्य दिए थे मैं अभी भी उसी बात पर कायम हूँ क्यों की मेरे पास तथ्य हैं और रूबी जी पर आप क३ए आक्रमण का कारण भी उनका हिन्दू होना और आप का धार्मिक मुस्लिम होना है |
प्यारे भाई अनवर जमाल जी ! आपके लेख आपके ब्लॉग पर हम एक अर्से से पढ़ते
आ रहे हैं। हमने आपके लेख बाद में पढ़े हैं जबकि हम आपको जानते पहले से
हैं। आपने हमारे साथ कई प्रोजेक्ट्स में काम किया है। इस दरम्यान ऐसा भी
हुआ कि आप दो महीने तक लगातार हमारे घर पर ही सोये और हमारे परिवार के एक
सदस्य की तरह रहे। हमने साथ साथ सफ़र भी किए और इस दरम्यान एक दूसरे के
नजरिए को भी जाना और बहुत गहराई से जाना। बरसों हो गए इस संबंध को और आज
भी इसमें वैसी ही ताजगी है और यह तब है जबकि हम ख़ुद को नास्तिक कहते हैं
और पूजा पाठ से भी दूर ही रहते हैं और आप एक आस्तिक हैं। आप एक धर्मनिष्ठ
मुस्लिम हैं और इस्लामी उसूलों की पाबंदी हर जगह और हर हाल में करते हैं।
शूटिंग के दौरान भी जैसे ही नमाज़ का समय होता था तो आप मेक-अप धोकर नमाज़
अदा करने के लिए खड़े हो जाते थे और वह भी अकेले नहीं बल्कि दस पांच
आदमियों को साथ लेकर, पूरी जमात के साथ। आपकी सख्ती उसूलों के साथ है
लेकिन अपने साथियों के साथ आपका बर्ताव नर्म है। महिला कलाकारों के साथ
आपके रवैये को हमेशा ही आदर्श पाया।
यह तो आपकी वह छवि है जो कि आपसे मिलने वालों के दिलो-दिमाग में है और
हमारे सामने भी आपका यही रूप है लेकिन ब्लॉग की दुनिया में आपका यह रूप
लोगों के सामने खुलकर नहीं आ सका है।
लोग यहां पर जिस तरह की भाषा आपके लिए बोलकर चले जाते हैं, उसे देखकर
हमारा दिल दुखी होता है। वे बोलकर चले जाते थे और हम पढ़कर चुप हो जाते थे
लेकिन आज दिल ने चाहा कि कुछ कहा जाए तो हम ने आपके बारे में कहा है और
दिल से ही कहा है।
आपको हमने सदा एक छोटे भाई की तरह देखा है और हमने ही नहीं हमारी पत्नी
और हमारे बच्चों ने भी आपको अपना भाई और अपना चाचा ही समझा है। आपने भी
इन रिश्तों की मर्यादा को हमेशा निभाया है। आप हमारे परिवार का अभिन्न
अंग हैं।
आपकी कद्र हम जानते हैं और दिल से आपकी और आपके विचारों की कद्र करते हैं।
यह पोस्ट तो एक मामूली सी घटना है। हमने आपके इससे बड़े बड़े काम देखे हैं,
जो आपने किए हैं और सबके लिए किए हैं। परेशानी में वे लोग आज भी आपकी तरफ़
मदद के लिए देखते हैं।
आपसी सहयोग और आपसी सदभाव की यही भावना हमारे समाज और हमारी संस्कृति की
पहचान है। इस पहचान को किसी भी कीमत पर मिटने नहीं देना चाहिए।
हम आपकी इस बात से पूरी तरह सहमत हैं।
In the end I'd like to say that we shouldn't indulge ourselves into petty conflicts and behave like pseudo intellectuals
I strongly believe that....
'IN WAR WHICHEVER SIDE MAY CALL ITSELF THE VICTOR. THERE ARE NO WINNERS BUT ALL ARE LOSERS.'
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