Saturday, March 31, 2012

अपने ही दस बच्चों की मां को दुल्हन बनाया Dulha Dulhan

बारात लेकर गया और अपने ही दस बच्चों की मां को दुल्हन बनाकर लाया रामौतार Dulha Dulhan 

by


  • DR. ANWER JAMAL

  • हरदोई/एजेंसी ! बेटी के हाथ पीले करने की खातिर किसी बाप को अगर पहले अपने हाथ पीले करने पडे़ तो यह सुनने में ही अजीब लगेगा...
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    शरीयत, तरीक़त, मारिफ़त, हक़ीक़त Sufi & Tasawwuf

    पीर उस सालिक को साधना के मार्ग पर बढ़ने का रास्ता दिखाते हैं। सूफ़ी गुरुओं ने साधकों को साधना के लिए ये चार सोपान निर्धारित किए हैं –
    1. शरीयत
    2. तरीक़त
    3. मारिफ़त
    4. हक़ीक़त
    1. शरीयत - शरीयत अर्थात धर्मग्रंथ, अल्लाह के बताए क़ानून का नाम है। अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए शरीयत की पाबन्दी ज़रूरी है। इसे हमारे यहां के संदर्भ में कर्मकांड कहा जा सकता है। शरीयत के तीन अंग हैं – इल्म (ज्ञान), अमल (कर्म) और इख़लास (निष्ठा)। जबतक ये तीनों जीवन में नहीं उतरेंगे, शरीयत पर पूरा अमल न होगा।
    2. तरीक़त – तरीक़त का अर्थ है बाहरी क्रिया-कलाप से परे होकर केवल हृदय की शुद्धता द्वारा भगवान का ध्यान। तरीक़त अन्तःपक्ष पर वार्ता करती है, यानी हृदय को कैसे शुद्ध किया जाए, मन में ईश-प्रेम को कैसे उतारा जाए। इसे उपासना कांड के रूप में समझा जा सकता है। जब गुरु (पीर) सूफ़ी साधक (सालिक) को अपने संरक्षण में ले लेता है, तो वह उसे ‘तरीक़त’ के पालन में, यानी साधना में लगा देता है।
    साधना के प्रारंभिक सात सोपान हैं –
    1. अनुताप
    2. आत्म-संयम
    3. वैराग्य
    4. दारिद्र्य
    5. धैर्य
    6. ईश्वर-विश्वास, और
    7. संतोष
    साधक को इन सात सोपानों को पार करना होता है। जब वह इन सात सोपानों को पार कर लेता है, तो साधक चतुर्विध सोपानों का अधिकारी हो जाता है। 
    पूरी पोस्ट के लिए देखें मनोज कुमार जी की पोस्ट :
     साधना की चार अवस्थाएं

    मेरा फोटो

    Friday, March 30, 2012

    टेलीपैथी सिखाने वाला हिन्दी ब्लॉग

    टेलीपैथी सिखाने वाला एक नया ब्लॉग अब हिन्दी में

    Easy Telepathy


  • RELAXATION EXERCISE BY WILLIAM HEWITT

    ब्लॉग पर नया डैशबोर्ड लगाने वाला है New Dashboard

    एक ज़रूरी सूचना  
    जल्दी ही सभी ब्लोग्स पर नया डैशबोर्ड लगाने वाला है ।
    हिंदी 2 टेक के मुताबिक़
    लिंक पर देखें पूरी जानकारी.
    http://www.hindi2tech.com/2012/03/blog-post_29.html 

    ग़ज़लगंगा.dg: खता क्या है मेरी इतना बता दे

    खता क्या है मेरी इतना बता दे.
    फिर इसके बाद जो चाहे सजा दे.

    अगर जिन्दा हूं तो जीने दे मुझको
    अगर मुर्दा हूं तो कांधा लगा दे.

    हरेक जानिब है चट्टानों का घेरा
    निकलने का कोई तो रास्ता दे.

    न शोहरत चाहिए मुझको न दौलत
    तू मेरा नाम मिट्टी में मिला दे.

    अब अपने दिल के दरवाज़े लगाकर
    हमारे नाम की तख्ती हटा दे.

    जरा आगे निकल आने दे मुझको 
    मेरी रफ़्तार थोड़ी सी बढ़ा दे.

    ठिकाना चाहिए हमको भी गौतम
    ज़मीं गर वो नहीं देता, खला दे. 

    ---देवेंद्र गौतम 
    ग़ज़लगंगा.dg: खता क्या है मेरी इतना बता दे:

    'via Blog this'

    Wednesday, March 28, 2012

    गायत्री मंत्र की शुद्धता Great Research Work

    वेद कुरआन ब्लॉग पर 
    गायत्री मंत्र का पाठ प्राचीन पद्धति से किया जाए तो उसकी शुद्धता प्रकट हो जाती है
    अब हमें गायत्री मंत्र के विषय में लगभग सारी ज़रूरी जानकारी हासिल हो चुकी है। हम देख सकते हैं कि जिस गायत्री मंत्र की स्फुरणा विश्वामित्र के अंतःकरण में हुई और जिसे देखकर उनके विरोधियों ने भी उसकी महानता को स्वीकार किया। अगर वास्तव में ही इस मंत्र में किसी प्रकार का मात्रा दोष होता तो सबसे पहले तो उनके विरोधी ही इस दोष को चिन्हित करते ?
    उनके किसी भी विरोधी ने, यहां तक कि उनकी योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले वसिष्ठों ने भी गायत्री मंत्र के ‘निचृत‘ होने जैसा कोई दोष न पाया। जो दोष गायत्री मंत्र के रचनाकाल में किसी को नज़र न आया। वह दोष आज आर्य-सनातनी विद्वानों को क्यों नज़र आ रहा है ?
    इस विशय में वेद मर्मज्ञ विद्वान प्रा. ह. रा. दिवेकर ने अपने 50 साल के षोध के बाद लिखा है कि

    विचार करने पर यह जान पड़ता है कि उस समय का मंत्र पाठ आज हम जिस प्रकार मंत्र पाठ कर रते हैं, वैसा न था.

    गायत्री मंत्र रहस्य भाग 3 The mystery of Gayatri Mantra 3

     इस लेख का पिछला भाग यहां पढ़ें-  http://www.vedquran.blogspot.in/2012/03/3-mystery-of-gayatri-mantra-3.html

    Tuesday, March 27, 2012

    सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर प्रतियोगिता में पुरस्कार Sony Ericsson



    प्राप्त पुरस्कार: सोनी एरिक्सन एक्सपीरिया मिनी(Sony Ericsson Xperia Mini)

    संक्षिप्त परिचय: मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से संबद्ध और पेशे से पत्रकार तथा साहित्य और समाज  के बारे में संवेदनशील मदन मोहन सिंह जी दैनिक जागरण के सेंट्रल डेस्क – नोएडा में बतौर उप समाचार संपादक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आपकी लेखन में गहरी अभिरुचि ने बेहद महत्वपूर्ण संपादकीय सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर प्रतियोगिता में आपको पुरस्कार का हकदार बनाया।
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    'ब्लॉग की ख़बरें' की तरफ़ से भी मुबारकबाद.

    100 चुनिन्दा हिंदी ब्लॉग

    १०० चुनिन्दा हिंदी ब्लॉग परिकल्पना पर देखें :

    परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण-2011 (भाग-10)

    वर्ष-2011 के 100 ब्लॉग
    इसी के साथ परिकल्पना वार्षिक ब्लॉग विश्लेषण के कार्यों को संपन्न किया जा रहा है, 

    Monday, March 26, 2012

    डा. अयाज़ साहब का ख़याल देखिये Bloggers' meet weekly (36)

    सोने पर सुहागा वाले डा. अयाज़ साहब का ख़याल देखिये :

    ब्लॉगर्स मीट वीकली (36) Vajr aasan

    हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल

    ब्लॉगर्स मीट वीकली (36) Vajr aasan

    http://hbfint.blogspot.com/2012/03/36-vajr-aasan.html

     पेशे खि़दमत है-

    प्रस्तुतकर्ता
    जीवन के अलग अलग रंग होते हें और सबके संघर्ष का रंग भी अलग अलग होता है किसी के लिए vah किस रूप में सामने आता है और उसको कौन कैसे अपने ढंग से अपने अनुकूल बना कर आगे चलता है कि वह सारी चुनौती अपने पैर समेट कर पीछे हो जाती है। आज अपनी कहानी सुना रहे हें डॉ अनवर जमाल खान --

    चुनौती जिन्दगी की: संघर्ष भरे वे दिन (१६)


    सन 2020 तक भारत में काम करने लायक़ लोगों का प्रतिशत कुल आबादी का 64 प्रतिशत हो जाएगा। इनकी आयु 15-59 होगी । समाजशास्त्रियों को डर है कि रोज़गार के अवसर देकर इस ऊर्जा का रचनात्मक उपयोग न किया गया तो भारत एक भयंकर गृहयुद्ध में फंस जाएगा। भारत को विनाश से बचाना है तो हरेक हाथ को काम देना होगा.

    यह  एक दमदार पोस्ट है.

    आपका क्या ख़याल है ?

    Saturday, March 24, 2012

    जियो तो ऐसे जियो - Steve Jobs

    जियो तो ऐसे जियो ,जैसे हर दिन आखरी हो

    "जब मैं 17 साल का था तो मैंने  पढ़ा था जो कुछ ऐसा था ,' अगर आप हर दिन को इस  तरह जिए कि मानो वह आपका आखिरी दिन है तो एक दिन आप बिलकुल सही जगह होगे .'
    इस वाक्य ने मुझ पर गहरा प्रभाव डाला और उसके बाद से यह मेरा नियम हो गया कि मैं हर दिन अपना चेहरा आईने में देखता हूँ और अपने आप से पूंछता हूँ ,अगर आज मेरी जिंदगी का आखरी दिन हो तो क्या मैं वह करना चाहूँगा जो मैं आज करने वाला हूँ और लगातार कई दिनों तक जब इसका जबाब नहीं होता है तो मैं समझ जाता हूँ कि मुझे कुछ बदलने की जरूरत है.

    ब्रह्मा जी ने ब्रह्म विद्या सिखाकर हमें मनुष्य बनाने का मिशन आज के दिन से शुरू किया था.

    होली आकर जा चुकी है और नया हिन्दू वर्ष आरम्भ हो गया है .
    हिन्दू धर्म की मान्यता है कि ब्रह्मा ने चैत्र मास के प्रथम दिन प्रथम सूर्योदय होने पर की.
    'ब्लॉग की ख़बरें' की ओर से 
    विक्रमी संवत 2069 के शुभ आगमन पर
    नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं ...

    ...लेकिन विचारणीय तथ्य यह है कि ब्रह्मा ने सृष्टि किस चीज़ की की थी ?
    क्योंकि सूर्य, पृथ्वी और ऋतुएँ  तो पहले से ही थीं ?
    दरअसल ब्रह्मा का यह मिशन भौतिक पदार्थों की सृष्टि करना नहीं था बल्कि उनकी योजना एक नयी मानव जाती उत्पन्न करने की थी, एक ऐसी मानव जाति  जो  आध्यात्मिक और वैज्ञानिक शक्तियों से परिपूर्ण हो और उनके पुत्रों में यह गुण थे भी.
    ब्रह्मा जी ने ब्रह्म विद्या सिखाकर हमें मनुष्य  बनाने का मिशन आज के दिन से शुरू किया था.
    ब्रह्मा कौन  थे और उनके पुत्र  कौन थे और वे कहाँ  रहते  थे ?
    यह सारी जानकारी  वेद और पुराण  देते  हैं . 
    आज लोगों में पुराणों की मजाक बनाने का और उन्हें कोरी गप्प कहने  का प्रचलन है लेकिन हकीक़त यह है कि मानव जाति का अति प्राचीन इतिहास पुराणों मौजूद है. 
    हिन्दू जाति का कैलेण्डर उसके ज्ञान विज्ञानं  का एक अच्छा उदाहरण  है.  
    देखिये यह लेख : 
    ....
    कालांतर से बना है कैलेंडर
    डॉ. मनोहर भंडारी

    यह कथन पूर्णत: सत्य है कि भारतीय काल गणना पद्धति सबसे प्राचीन है और वैज्ञानिक भी। हमारे यहाँ सृष्टि की रचना के साथ ही कालगणना का शुभारंभ माना गया है। ऎसा कहा जाता है कि सृष्टि की रचना का प्रथम दिन चैत्र मास का प्रथम दिवस था। ब्रह्मपुराण के मुताबिक "चैत्रमास के प्रथम दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी।" यथा- चैत्रं मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमेहनि।
    ज्योतिष शास्त्र में इस बात का उल्लेख है कि जब सृष्टि की रचना हुई और पूर्व क्षितिज पर सूर्यदेव प्रकट हुए तब सूर्य का होरा था, अतएव सृष्टि की रचना का प्रथम दिवस रविवार माना गया है। दरअसल, ज्योतिष मतानुसार एक अहोरात्र (दिन रात) में २४ होरा होते हैं और २५वाँ होरा जिस ग्रह का होता है उससे संबंधित वार होता है। इस पच्चीसवें होरा में सूर्योदय भी होता है। उदाहरणार्थ रविवार की शुरूआत के पश्चात पच्चीसवाँ होरा चंद्रमा का होता है अतएव रविवार के पश्चात सोमवार आता है। इसी क्रमानुसार मंगलवार, बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार और शनिवार का नामकरण हुआ है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में अवस्थित अशोक चक्र के २४ खंड भी इस सतत प्रवाहमान होरा चक्र के प्रतीक बताए गए हैं। समूचे विश्व में वारों का यही क्रम है। अंग्रेजी के सैटरडे सैटर्न अथवा शनि, संडे सूर्यवार और मन डे या मून डे चंद्रवार के ही पर्याय हैं।

    इसी तरह भारतीय मासों के नामकरण में तारा विज्ञान का हाथ रहा है। चैत्रमास की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में भ्रमण करता है और वैशाख पूर्णिमा को विशाखा नक्षत्र में। दूरबीन द्वारा तारामंडल को देखकर उक्त कथन की वैज्ञानिक पुष्टि की जा सकती है। अर्थात् भारतीय माहों के नामकरण पूर्णत: तारा विज्ञान के आधार पर किए गए हैं। इस तारतम्य मे यह कहना कतई अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं है कि कैलेंडर शब्द पूर्णत: भारतीय है। वास्तव में कैलेंडर शब्द कालान्तर शब्द का बिगड़ा हुआ स्वरूप है। समय को संस्कृत में कालान्तर कहा जाता है। कैलेंडर शब्द की रोमन उत्पत्ति की कथा अविश्वसनीय और अजीब है। भारतीय वर्ष का प्रारंभ चैत्र अर्थात मार्च में होता है। वस्तुत: कैलेंडर शब्द कालांतर का ही अपभ्रंश है। 
    और देखें यह लेख :
    http://bmrnewstrack.blogspot.in/2012/03/2069.html 

    Friday, March 23, 2012

    आसन सिखाने वाले बाबा और टैक्स चोरी

    आर्यावर्त पर एक रिपोर्ट

    बाबा पर टैक्स चोरी के आरोप.

     
    बाबा रामदेव काले धन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते आ रहे हैं। लेकिन 'तहलका' पत्रिका ने योग गुरु और उनके ट्रस्टों के कामकाज पर एक रिपोर्ट प्रकाशित कर उनके 'काले' सच को सामने लाने का दावा किया है।

    तहलका में 'बाबा रामदेव्ज एपिक स्विंडल' शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में बाबा रामदेव से जुड़े ट्रस्टों पर टैक्स चोरी के सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2004-05 में बाबा रामदेव से जुड़े ट्रस्ट दिव्य फार्मेसी ने 6, 73, 000 रुपये की दवाओं की बिक्री दिखाकर 53000 रुपये बिक्री कर के तौर पर चुकाए। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तरह से पतंजलि योग पीठ के बाहर लोगों को हुजूम लगा रहता था, उस हिसाब से आयुर्वेदिक दवाओं का यह आंकड़ा बेहद कम था। 

    पीठ पूरे देश में और विदेशों में दवाएं पार्सल के जरिए भी भेजता था। रामदेव की लोकप्रियता और उनकी दवाओं की बिक्री को देखते हुए उत्तराखंड के बिक्री कर विभाग (एसटीओ) को बाबा रामदेव के ट्रस्ट के बिक्री के आंकड़ों पर शक हुआ। एसटीओ ने उत्तराखंड के सभी डाकखानों से सूचना मांगी। डाकखाने से मिली जानकारी ने एसटीओ के शक को पुख्ता कर दिया। तहलका में छपी रिपोर्ट में डाकखानों से मिली सूचना के हवाले से कहा गया है कि वित्त वर्ष 2004-05 में दिव्य फार्मेसी ने  2509.256 किलो ग्राम दवाएं 3353 पार्सल के जरिए भेजा था। इन पार्सलों के अलावा 13,13000 रुपये के वीपीपी भी किए गए थे। इसी वित्त वर्ष में दिव्य फार्मेसी को 17, 50, 000 रुपये के मनी ऑर्डर मिले थे। 

    इसी सूचना के आधार पर बिक्री कर विभाग की विशेष जांच शाखा (एसआईबी) ने दिव्य फार्मेसी में छापा मारा। तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जगदीश राणा ने छापे के दौरान एसआईबी टीम का नेतृत्व किया था। रिपोर्ट में राणा ने कहा, 'तब तक मैं भी रामदेव जी का सम्मान करता था। लेकिन वह कर चोरी का सीधा-सीधा मामला था।' राणा के मुताबिक उस मामले में ट्रस्ट ने करीब 5 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की थी। पत्रिका ने इन्हीं तथ्यों के आधार पर बाबा रामदेव के काले धन के आंदोलन और सरकार पर काले धन को संरक्षण देने के आरोपों पर सवाल उठाए हैं।

    वज्रासनःकब करें,कब नहीं ? Vajrasan

    कुमार राधारमण जी बता रहे हैं 

    वज्रासनःकब करें,कब नहीं ?

    भोजन के बाद यदि खाना व्यवस्थित ढंग से पच जाए तो शरीर की असंख्य बीमारियां स्वत: ही नष्ट हो जाती हैं। इसके विपरित यदि किसी व्यक्ति को पाचन से संबंधी कोई परेशानी है तो उसे कई प्रकार के रोग होने की पूरी संभावनाएं रहती हैं। भोजन पचाने और पाचन तंत्र को व्यवस्थित रखने के लिए एक सबसे अच्छा योगासन बताया गया है। वह आसन है वज्रासन। 

    वज्रासन ऐसा आसन है जो भोजन के बाद भी किया जा सकता है। इस आसन का सबसे बड़ा लाभ यही है कि खाना पचाने में ये मददगार है। नियमित रूप से वज्रासन किया जाए तो व्यक्ति पूर्णत: स्वस्थ बना रह सकता है।

    वज्रासन की विधि-
    खाने के बाद कुछ देर विश्राम करें। फिर किसी शांत एवं समतल स्थान पर कंबल या अन्य कोई आसन बिछाएं। इसके बाद घुटनों को मोड़कर इस तरह से बैठें कि पैरों के पंजे पीछे की ओर हो जाएं और नितंब दोनों एडिय़ों के बीच में आ जाएं। दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलाकर रखें। एडिय़ों में अंतर भी बनाए रखें। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। पीछे की ओर न झुकें और शरीर सीधा रखें। अब हाथों को और शरीर को ढीला छोड़ दें। कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद करें और ध्यान सांस की ओर रखें। इस अवस्था में कुछ देर बैठे रहें। ऐसा प्रतिदिन भोजन के बाद किया जाना चाहिए। 
    -----------------------
    यह पोस्ट पढ़कर हमने कहा :
    पैगम्बर हजरत मौहम्मद साहब स. ने फ़रमाया है कि 'नमाज़ में शिफा है'
    नमाज़ में खड़े होने से लेकर बैठने तक जितनी भी हालतें हैं वे सभी हालतें हिन्दी में आसन कहलाती हैं. जिस तरीके से नमाज़ में बैठा जाता है उसे हिंदी में वज्रासन कहा जाता है. वज्रासन के बहुत फ़ायदे बताये जाते हैं लेकिन नमाज़ में जिस तरीके से बैठा जाता है उसके फायदे वज्रासन से भी ज्यादा हैं. इसकी वजह यह है कि वज्रासन में तो योगी अपने दोनों पैर के पंजे पीछे निकाल देता है जबकि नमाज़ी अपने दाहिने पैर का पंजा ज़मीन पर ही रखता है. इस तरह पैर के अंगूठे पर ख़ास तौर पर प्रेशर पड़ता है. एक्यूप्रेशर और सु-जोक के मुताबिक़ पैर के अंगूठे का ताल्लुक़ दिमाग़, आँख, नाक,कान,गला और गर्दन से होता है. इस तरह बैठने से पैर के तलवों और पिंडलियों पर भी दबाव थोडा ज्यादा और बेहतर तरीके से पड़ता है.

    ग़ज़लगंगा.dg: आदमी के भेष में शैतान था

    आदमी के भेष में शैतान था.
    हम समझते थे कि वो भगवान था.

    एक-इक अक्षर का उसको ज्ञान था.
    उसके घर में वेद था, कुरआन था.

    सख्त था बाहर की दुनिया का सफ़र
    घर की चौखट लांघना आसान था.

    ख्वाहिशें मुर्दा पड़ी थीं जा-बा-जा
    दिल भी गोया एक कब्रिस्तान था.

    रूह की कश्ती में कुछ हलचल सी थी
    जिस्म के अंदर कोई तूफ़ान था.

    हर कदम पर था भटक जाने का डर
    शहर के रस्तों से मैं अनजान था.

    इश्रतों की दौड़ में शामिल थे हम
    दूर तक फैला हुआ मैदान था.

    मैं निहत्था था मगर लड़ता रहा
    चारो जानिब जंग का मैदान था.

    मौत की पगडंडियों पे भीड़ थी
    जिन्दगी का रास्ता वीरान था.

    अपनी किस्मत आप ही लिखता था मैं
    जब तलक मेरा समय बलवान था.

    जिन्दगी की मेजबानी क्या कहें
    हर कोई दो रोज का मेहमान था.

    इतनी बेचैनी भी होती है कहीं
    मैं समंदर देखकर हैरान था.

    ---देवेंद्र गौतम

    ग़ज़लगंगा.dg: आदमी के भेष में शैतान था

    Wednesday, March 21, 2012

    सूफ़ीमत Sufism

    ब्लॉगर मनोज कुमार जी का विचार  
    सूफ़ीमत की संपूर्ण साधना प्रेमाश्रित रही है। सूफ़ियों के लिए प्रेम का लक्ष्य ईश-सान्निध्य प्राप्ति है। इसी के लिए वह साधना करता है, इसी के लिए वह दुख सहता है, पीड़ाओं को सहन करता है। इसी के लिए वह तड़पता है, परेशान रहता है। जब वह मंजिल पा लेता है, अपने को मिटा कर वह उसी का हो जाता है, जिसको उसने अपना प्रियतम बनाया था। व्यक्ति साधना की उच्चभूमि में पहुंचने पर भी इनकी दृष्टि में लोकरक्षा और लोकरंजन के प्रति गहरा सरोकार बना रहा। परम्परा को स्वीकार करते हुए भी रूढ़ एवं जर्जर तत्वों की जकड़न को इन्होंने स्वीकार नहीं किया।
     
    प्रेम मानव मन की नैसर्गिक क्षुधा है। प्रेम के लिए किसी प्रकार की संहिता का बनाया जाना संभव नहीं है। प्रेम अतर्कपूर्ण है। तर्क और प्रेम एक साथ नहीं रह सकते। तर्क प्रेम का निषेध करता है। अवरोध उत्पन्न करता है। जब कोई प्रेम करता है तो वह अतर्कपूर्ण बन जाता है। इसी तरह जब कोई तर्कनिष्ठ होता है तो वह प्रेमपूर्ण नहीं रह जाता। प्रेम का अनुभव नितांत वैयक्तिक होता है। इसलिए सूफ़ी-साधक प्रेम के जिन नियमों का पालन कर परमात्मा से तादातम्य स्थापित करता है, वे नियम उसके नितांत वैयक्तिक होते हैं। जैसे संसार की प्रत्येक वस्तु का स्वभाव अपने मूल की ओर लौटना है, उसी तरह आत्मा भी अपने मूल की ओर लौटना चाहती है। प्रत्येक आत्मा में उसी की ओर लौटने की इच्छा निहित रहती है। साधारण व्यक्ति मोहमाया में पड़कर अपनी आत्मा की इस नैसर्गिक क्षुधा की उपेक्षा ही नहीं करता बल्कि उसकी इच्छा का इतना दमन करता है उसे आत्मा की आवाज़ तक सुनाई नहीं देती। जब साधारण व्यक्ति के भीतर परमात्मा को जानने की जिज्ञासा उत्पन्न होती है, तब वह अध्यात्म-मार्ग पर चलना शुरु करता है। ऐसे व्यक्ति को सालिक (साधक) कहते हैं।
    http://www.testmanojiofs.com/2012/03/2.html 

    मुस्लिम ज़्यादा हो गए हैं कैथोलिक्स से Roman Catholics

    बता रहे हैं डा. ज़ाकिर नाइक






















     
     
    Islam has surpassed Roman Catholicism  as the world's largest religion, the Vatican newspaper said Sunday.
    "For the first time in history, we are no longer at the top: Muslims have overtaken us," Monsignor Vittorio Formenti said in an interview with the Vatican newspaper L'Osservatore Romano. Formenti compiles the Vatican's yearbook.

    He said that Catholics accounted for 17.4 percent of the world population -- a stable percentage -- while Muslims were at 19.2 percent.


    "It is true that while Muslim families, as is well known, continue to make a lot of children, Christian ones on the contrary tend to have fewer and fewer," the monsignor said.

    Formenti said that the data refer to 2006. The figures on Muslims were put together by Muslim countries and then provided to the United Nations, he said, adding that the Vatican could only vouch for its own data.

    When considering all Christians and not just Catholics, Christians make up 33 percent of the world population, Formenti said.

    Spokesmen for the Vatican and the United Nations did not immediately return phone calls seeking comment Sunday.
    Source  :  http://islamic-research-foundation.blogspot.in/2012/03/vatican-islam-surpasses-roman.html

    Tuesday, March 20, 2012

    ‘सबका धर्म एक है, सम्पूर्ण मानव जाति एक है‘ विषय पर गोष्ठी AMU में

    ‘वेद क़ुरआन‘ ब्लॉग की ख़ास पेशकश
    ‘सबका धर्म एक है, सम्पूर्ण मानव जाति एक है‘ विषय पर गोष्ठी का आयोजन जामिया उर्दू अलीगढ़ में

    विश्वस्तरीय ख्याति प्राप्त धर्मगुरू एवं महान बुद्धिजीवी स्वामी ब्रजानंद जी महाराज ने कहा है कि सम्पूर्ण विश्व में आठ मुख्य बातें हैं जिनको लेकर एक मनु एक आदम की संतान छोटे छोटे संकुचित ख़ानों में बंट गई है।
    उन्होंने कहा कि यदि आठ प्रकार के भ्रम को दूर कर लिया जाए तो चाह कर भी मनुष्यों के बीच किसी प्रकार का विघटन नहीं हो सकता।
    स्वामी जी ने कहा कि
    1. धर्म एक है.
    2. ईश्वर एक है.
    3. ईष्ट एक है.
    4. मानव एक है.
    5. सबका मंत्र एक है.
    6. सभी महापुरूष एक हैं.
    7. सबके दुःख का कारण एक है, मन द्वारा निर्मित संस्कार.
    8. दुःख निवारण का उपाय एक है, भक्ति की पराकाष्ठा में मन का विलय.

    अरे भई साधो......: गरीबी मिटाने का नायाब फार्मूला

    शहरी क्षेत्र में 28 .65 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 22 .42  रुपये में क्या-क्या किया जा सकता है उसकी क्रय शक्ति क्या हो सकती है..? कभी सोचा है आपने..? शायद नहीं लेकिन हमारे देश के योजना आयोग ने इसपर विचार किया है और इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि एक परिवार के भरण-पोषण के लिए इतनी राशि काफी है. प्रतिदिन इससे कम खर्च करने वाले ही गरीबी रेखा के अंदर आते है. इससे ज्यादा खर्च करने वाले बीपीएल नहीं माने जा सकते. वे एपीएल की श्रेणी में आयेंगे. इस फार्मूले का निर्धारण करने के साथ ही देश में गरीबों की संख्या 40 .72  करोड़ से घटकर 34 .47  करोड़ पर चली आई. क्यों! है न यह गरीबी मिटाने का अनूठा फार्मूला..?इस रेखा को छोटा करते जाइये गरीबी स्वयं कम होती जाएगी. इस लिहाज़ से जिन्हें न्यूनतम मजदूरी मिल रही है उन्हें अमीरों में गिना जाना चाहिए. उन्हें करदाताओं की श्रेणी में लाया जाना चाहिए. क्योंकि वे तो गरीबी रेखा से काफी ऊपर हैं. 
    यह भारत ही है जहां शासन तंत्र जनता के साथ इस तरह का भद्दा मजाक कर सकता है और जनता चुप रह सकती है. दूसरा कोई देश होता तो इस अवधारणा के जनकों को उनके परिवार के साथ एक टेंट में कैद कर भरण-पोषण के लिए इतनी ही रकम प्रतिदिन देकर देखती कि वे कैसे अपना परिवार चलाते हैं. अपनी बुनियादी जरूरतों को इतने पैसों में कैसे पूरा करते है. यदि वे कर दिखाते तो तो उनके चरण छूती. नहीं कर पाते तो गला................!

    ----देवेंद्र गौतम 
    अरे भई साधो......: गरीबी मिटाने का नायाब फार्मूला

    Monday, March 19, 2012

    ब्लॉगर्स मीट वीकली (35)

    ब्लॉगर्स  मीट वीकली (35)
    सबसे पहले मेरे सारे ब्लॉगर साथियों को प्रेरणा अर्गल का प्रणाम और सलाम / फिर आप सबका स्वागत करने के लिए मैं ब्लोगर्स मीट वीकली (३५) प्रस्तुत कर रही हूँ /आप सब इस मीट में शामिल होइए और अपने उतम विचार देकर हमारा उत्साह वर्धन करिए /आप सबके उत्तम विचारों का यहाँ हमेशा स्वागत रहेगा /आभार / 

    आज सबसे पहले मंच की पोस्ट्स 

    http://hbfint.blogspot.in/2012/03/35-love-improves-immunity.html

    अविनाश वाचस्पति जी-[खुला विरोध ]

    [खुला विरोध ]


    अविनाश वाचस्पति जी ,
    नमस्कार ,
    आपकी इस पोस्ट की मैं निंदा करती हूँ .




    [Posted on by अविनाश वाचस्पतिin Labels: भारत की जीत]









    बस कमी यह रह गई
    वह नहीं नाचीं
    तबीयत नासाज रही जरासी।''



    सोनिया जी एक महिला [मह+इलच+आ=जो श्रेष्ठ है ] हैं .उनके प्रति आपके ये उद्गार समस्त नारी जाति को अपमानित करते प्रतीत होते हैं .व्यंग्य की भी एक सीमा होती है .............बस भगवती देवी शर्मा जी के शब्दों में -"नारी की गरिमा को गिराने में घाटा ही घाटा है"


    शिखा कौशिक

    Saturday, March 17, 2012

    अरे भई साधो......: सरकार बनाई तो अब भुगतो

    हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्वविख्यात अर्थशास्त्री हैं. लेकिन उनका अर्थशास्त्र आम भारतीयों के पल्ले नहीं पड़ रहा है. बजट में रेल किराया से लेकर तमाम जरूरी जिंसों के दाम बढ़ा दिए. टैक्स में कोई खास छूट नहीं दी. रसोई गैस और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तरी की धमकी दे रहे हैं. फिर भी उनका दावा है कि इस बजट से महंगाई घटेगी. कैसे?....यह नहीं बता रहे. विद्वान आदमी हैं उन्हें समझाना चाहिए. यह चमत्कार कैसे होगा...............

    अरे भई साधो......: सरकार बनाई तो अब भुगतो

    दोगुना जीना चाहते हैं तो जीवन साथी पर आनंद रस बरसाइये Better Sex Better Life

    अंग्रेज़ों ने पता लगाया कि रेड मीट नुक्सान दे रहा है और वीरू भाई को फ़ौरन यक़ीन आ गया कि जब अंग्रेज़ों ने तय कर लिया है तो ज़रूर नुक्सान देता होगा।
    हमें अंग्रेज़ों की चालबाज़ियां पता हैं।
    इनकी रिसर्च पर भी रिसर्च करने की ज़रूरत होती है क्योंकि दुनिया के सामने रिसर्च के नाम पर वही परोसते हैं जिससे दुनिया के व्यापार पर इनका क़ब्ज़ा हो जाए।
    हमने फ़ौरन अपने पुराने ग्रंथ चरक संहिता में टटोला तो वहां रेड मीट खाने के लाभ ही लाभ बताए गए हैं।
    अंग्रेज़ कह रहे हैं कि रेड मीट खाने से आंत का कैंसर हो जाता है और हमारे महान भारतीय बुज़ुर्ग कह रहे हैं कि इससे यक्ष्मा का रोगी तक ठीक हो जाता है।
    किस की बात सही मानी जाए ?
    1. स्वदेशी विचार मंच पर बैठकर सोचा तो भी भारतीय बुज़ुर्गों की बात मानना हमारा फ़र्ज़ बनता है।
    2. फिर निष्पक्ष होकर सोचा कि अंग्रेज़ तो अपने किसी प्लान को लाने से पहले तरह तरह के शोशे छोड़ते हैं, उनकी बात अर्थलाभ से प्रेरित हो सकती है लेकिन हमारे चरक जी तो महर्षि हैं और उन्हें किसी से किसी लाभ का लालच था ही नहीं। इस लिहाज़ से भी उनका पलड़ा भारी बैठता है।
    3. इसके बाद ‘मैं कहता आंखन देखी‘ के आधार पर जांच की गई तो पाया कि रेड मीट रोज़ खाने के बावजूद हमारे कुनबे में तो क्या क़बीले में भी किसी को आंत का कैंसर न हुआ।
    अब सवाल यह खड़ा हुआ कि ‘या इलाही ! माजरा क्या है ?‘
    ...तो माजरा भी समझ में आ गया कि पश्चिमी विज्ञानियों के नतीजे केवल शरीर को सामने रखकर निकाले गए हैं जबकि आदमी केवल शरीर ही नहीं है, उसमें मन बुद्धि और आत्मा भी है और हरेक का जीवट अलग अलग भी होता है। इसी जीवट के बल पर भारतीय उन परिस्थितियों में भी जी लेते हैं जिनकी कल्पना मात्र से ही पश्चिमी लोगों के पसीने छूट जाएं। जिसका जीवट शक्तिशाली होता है उसकी जीवनी शक्ति भी अधिक होती है। अंग्रेज़ी में इसे इम्यून सिस्टम कहा जाता है।
    रिसर्च करने वालों ने यह भी पाया है कि जो लोग बचपन में भी प्यार से वंचित रहे और बड़े होकर भी अपने जीवन साथी से भावनात्क रूप से असंतुष्ट रहे, ऐसे लोग भी कैंसर की चपेट में आ जाते हैं।
    रिसर्च करने पर यह भी पाया गया कि सेक्स करने से इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है।
    असल बात यह है कि सही समय पर विवाह हो जाए और वे आपस में प्यार भरा संतुष्ट जीवन जिएं। इससे लोगों का इम्यून सिस्टम फ़ौलादी बन जाएगा। यही कारण है कि हमारे रिश्तेदारों में रेड मीट रोज़ खाया जाता है और अल्लाह का शुक्र है कि आज तक उनमें से किसी एक को भी कैंसर न हुआ।
    जिन देशों में ये रिसर्च हो रही हैं, वहां फ़ैमिली नाम की चीज़ ही बहुत कम रह गई है।
    भावनात्मक रूप से टूटे हुए लोगों पर किए गए परीक्षण उन पर लागू नहीं होते जो कि भावनात्मक रूप से संतुष्ट जीवन जी रहे हैं।
    अगर आपने अपने जीवन साथी को तन मन और आत्मा तीनों स्तर पर संतुष्ट कर दिया तो उसके रोम रोम से, उसके दिल से आपके लिए दुआएं निकलेंगी और तब बीमारियां आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकतीं। तन के स्वस्थ रहने में मन का रोल बहुत अहम है। हमारे भारतीय बुज़ुर्ग ऐसा कहते हैं और हम यही मानते हैं और आधुनिक परीक्षणों से भी इसकी सत्यता प्रमाणित हो चुकी है।
    अंग्रेज़ों की रिसर्च पर यक़ीन करने वालों के लिए उनकी ही एक रिसर्च पेश ए खि़दमत है, देखिए

    Regular Sex Improves Health and Doubles Life Expectancy

    (NaturalNews) You probably already know that Broccoli, carrots, and oranges are good for you. Yet it's rarely mentioned that having regular sex is not only fantastically fun, but brilliant for your health! A study at Queens University in Belfast published in the British Medical Journal tracked the sexuality of about 1,000 middle-aged men over the course of a decade. The study compared men of a similar age and health and showed that men who reported the highest frequency of orgasm lived twice as long as though who did not enjoy sex.

    Yoga, treadmills, and weightlifting are all great ways to keep in shape. But the fact that sex is so beneficial to our health is rarely discussed. Every muscle in the body can be worked and toned, particularly the pelvis, buttocks, stomach and arms. Sex has been proven to lower blood pressure, improve cholesterol, and increase circulation. The heartbeat rises from 70 to 150 beats per minute. In fact, people who regularly indulge are half as likely to have heart attacks and strokes than those who don't have sex at all.

    Sex is also wonderful for weight loss since 30 minutes will burn 200 calories! In addition sex calms food cravings because it stimulates the production of phenetylamine, a natural amphetamine that regulates the appetite.

    Having regular orgasms is one great way to protect against coughs and colds. Sex saturates the blood with an antibody called immunoglobulin A that is known to boost immunity. At the moment of climax, a powerful chemical called DHEA is released, which also balances the immune system, as well as aids in tissue repair, improves cognition, and promotes bone growth.

    Having regular sex can also help beat stress. Oxytocin is a hormone released just before orgasm and helps the body to secrete endorphins, or the inner positivity and chill out hormone. It is a useful remedy for insomniacs, and delivers relaxation to people who are overworked and stressed out. Tension affects the digestive system, so one of the side effects of sex is that the body is able to absorb the nutrients from food more easily.

    Several studies have shown that semen just might be a natural antidepressant. Woman who had regular unprotected sex were less likely to be depressed than women who did not have sex or used a condom. One explanation might be that the vagina absorbs all sorts of goodies from her lover's spunk including zinc, calcium, potassium, and protein.

    Sexual stimulation has been proven to be an analgesic. According to the famous professor and sexologist Beverly Whipple, when women masturbated to orgasm, their pain tolerance threshold and pain detection threshold increased significantly from 74.6 to 106.7. This most pleasurable of painkillers is helpful for ailments such as headaches, muscle pains, and menstrual cramps.

    Sex promotes the production of collagen, which keeps the skin supple and gives it that peachy glow. As women get older, their juices can dry up. Keeping sexually active is the best cure, as well as the most delicious. Furthermore, sex is one of the best ways to stay young in spirit.

    Source : http://www.naturalnews.com/025393.html


    http://www.blogger.com/comment.g?blogID=232721397822804248&postID=1479782171766584651&page=1&token=1331920389536

    Friday, March 16, 2012

    सबसे बढ़िया है शाकाहारी होना हालाँकि एक डॉक्टर के रूप में मैं ऐसा नहीं कह सकता -Dr. T. S. Daral

    यह एक अच्छी और ईमानदार टिप्पणी है.

    डॉ टी एस दराल ने कहा…
    सबसे बढ़िया है शाकाहारी होना । हालाँकि एक डॉक्टर के रूप में मैं ऐसा नहीं कह सकता । see  : http://veerubhai1947.blogspot.in/2012/03/blog-post_14.html

    अरब और हिंदुस्तान का ताल्लुक़

    डा. अनवर जमाल ख़ान  
    अरब और हिंदुस्तान का ताल्लुक़ आज से नहीं है बल्कि पहले दिन से है, इस बात को वही लोग जानते हैं जो कि तत्व को जानते हैं।
    इस बात को यह ब्लॉग बताता है . डा. अनवर जमाल ख़ान  का अर्थात हमारा कहना है कि हम सब एक हैं और यह कि हम सबको प्यार मुहब्बत के साथ रहना चाहिए क्योंकि हम सब एक परिवार हैं और हमारा तीर्थ भी एक ही है और हमारा मालिक भी सिर्फ और सिर्फ एक है.
    हमने काबा के इमाम डा. शैख़ अबू इब्राहीम अलसऊद का भाषण सुना जो कि अरबी में था और फिर उर्दू में भी उसका अनुवाद करके बताया कि उन्होंने यह कहा कि मुसलमान दीन की दावत का काम करें और लोगों के साथ नरमी का बर्ताव करें चाहे उनका अक़ीदा कुछ भी हो।
    इस मौक़े पर इमामे हरम ने पैग़ंबर हज़रत मुहम्मद साहब स. की ज़िंदगी का एक वाक़या बताया कि मदीने की उनकी मस्जिद में एक आदमी आया और उसने वहां  पेशाब करना शुरू कर दिया। पैग़ंबर साहब के साथियों ने उसे रोकना चाहा तो आपने उन्हें रोक दिया और जब वह पेशाब कर चुका तो उस जगह को पानी मंगा कर धो दिया।
    उनके इस बर्ताव से वह आदमी बहुत प्रभावित हुआ और उसकी ज़िंदगी उस दिन के बाद से पूरी तरह बदल गई।
     
    काबा वह पहला घर है जो मालिक की इबादत के लिए बनाया गया है। इसे हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने सबसे पहले बनाया था। आदम अलैहिस्सलाम को स्वयंभू मनु कहा जाता है। जब उनके बाद जल प्रलय आई तो उसका असर इस घर पर भी पड़ा था। इसके बाद हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने आज से लगभग 4 हज़ार वर्ष पहले काबा की जगह पर कुछ दीवारें ऊंची की थीं। छत वह डाल नहीं पाए क्योंकि तब यह इलाक़ा बिल्कुल निर्जन था। उन्होंने वहां अपने बेटे हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम को उनकी मां के साथ आबाद किया। उस समय उस घर में कोई मूर्ति वग़ैरह न थी। बस उस पैदा करने वाले मालिक को ही पूजा जाता था। तब हिंदुस्तान से भी लोग वहां जाते थे। मक्का को भारतीय लोग मख के नाम से जानते हैं। यज्ञ के पर्यायवाची के तौर पर ‘मख‘ शब्द भी बोला जाता है जैसा कि तुलसीदास ने विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा हेतु श्री रामचंद्र जी के जाने का वर्णन करते हुए कहा है कि
    *प्रात कहा मुनि सन रघुराई। निर्भय जग्य करहु तुम्ह जाई॥
    होम करन लागे मुनि झारी। आपु रहे मख कीं रखवारी॥1॥
    भावार्थ:-सबेरे श्री रघुनाथजी ने मुनि से कहा- आप जाकर निडर होकर यज्ञ कीजिए। यह सुनकर सब मुनि हवन करने लगे। आप (श्री रामजी) यज्ञ की रखवाली पर रहे॥1॥

    ‘मख‘ शब्द वेदों में भी आया है और मक्का के अर्थों में ही आया है। यज्ञ को यज भी कहा जाता है। दरअस्ल यज और हज एक ही बात है, बस भाषा का अंतर है। पहले यज नमस्कार योग के रूप में किया जाता था और पशु की बलि दी जाती थी। काबा की परिक्रमा भी की जाती थी। बाद में यज का स्वरूप बदलता चला गया। हज में आज भी परिक्रमा, नमाज़ और पशुबलि यही सब किया जाता है और दो बिना सिले वस्त्र पहने जाते हैं जो कि आज भी हिंदुओं के धार्मिक गुरू पहनते हैं।
    क़ुरआन ने यह भी बताया है कि मक्का का पुराना नाम बक्का है , 
    मक्का का ज़िक्र बाइबिल में इसी नाम से आया है। देखिए किताब ज़बूर 84, 4 व 6
    बाइबिल में यहां मक्का का नाम ‘बक्का‘ बताया गया है। 
    ‘बक्का‘ का अर्थ है रूलाने वाला। जो यहां आता है, वह यहां से वापस नहीं जाना चाहता और जब उसे लौटना पड़ता है तो वह रोता है। ‘बुक्का‘ शब्द उर्दू हिंदी में रोने के अर्थों में आज भी प्रचलित है।
    संस्कृत में रूलाने वाले को रूद्र कहा जाता है। वेदों में कई रूद्रों का ज़िक्र आया है उनमें से एक मक्का है।
    ऋग्वेद 5,56,1 में मरूतगण को रूद्र के पुत्र कहा गया है।
    मरूतगण का अर्थ मरूस्थलवासी है।
    इन मरूतगणों की वेदों में बहुत प्रशंसा आई है और इन्हें इंद्र से भी ज़्यादा महान कहा है।
    यह सब बातें हमें याद हो आईं जैसे ही हमें पता चला कि देवबंद में काबा के इमाम डा. शैख़ अबू इब्राहीम अलसऊद तशरीफ़ ला रहे हैं। 
    See  :

    अरब और हिंदुस्तान का ताल्लुक़- 1

     Picture _
    This was historic day in Deoband. The Imam of Ka'ba, Shaikh Abu Ibrahim Sa'ud ibn Ibrahim ibn Muhammad ash-Shuraim visited Darul Uloom Deoband today on 4 March 2012 Sunday.
    He arrived in Darul Uloom Deoband via helicopter and landed here around 1 O'clock. Mufti Abul Qasim Nomani presented him Words of Thanks in the grand Jama Rashid and welcomed him in Deoband.

     

     
     

    Wednesday, March 14, 2012

    रिश्तों की धूप छांव India & Pakistan

    यह ख़बर ज़रा ख़ास है और इसे पेश करने वाले का अंदाज़ भी कुछ ख़ास ही है लिहाज़ा इसे ज्यों का त्यों पेश किया जा रहा है ताकि आप भी इसका लुत्फ़ उठा सकें-

    हाल में यह खबर भारतीय मीडिया में छाई रही कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जहीर-उल-इस्लाम बॉलिवुड अभिनेता शाहरुख खान के रिश्तेदार हैं। इससे पहले कौन आईएसआई का चीफ बना, कौन नहीं, इससे आम तौर पर हमारे देश के सामान्य लोगों को कोई मतलब नहीं रहता था। लेकिन जहीर साहब को लेकर उत्सुकता इसलिए जागी कि उनका भारतीय लिंक है और वह भी कोई मामूली नहीं। वह एक भारतीय सुपर स्टार के मामा हैं। दरअसल जहीर साहब हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नैशनल आर्मी (आईएनए) के मेजर जनरल शाहनवाज खान के भतीजे हैं और शाहरुख खान की दिवंगत मां लतीफ फातिमा नवाज उनकी गोद ली हुई बेटी थीं। इससे पहले बॉलिवुड अभिनेता सैफ अली खान के चाचा मेजर जनरल इसफंदयार अली खान पटौदी के आईएसआई चीफ बनने की अफवाहें भी उड़ी थीं।
    इस तरह की खबरें कुछ पल के लिए ही सही, हर भारतीय के भीतर एक अलग तरह का अहसास जगाती हैं, जिसे बयान करना बहुत आसान भी नहीं है। ये एक अजीब सा रोमांच पैदा करती हैं। आईएसआई के चीफ किसी भारतीय के रिश्तेदार हैं, तो इससे क्या फर्क पड़ता है? क्या इससे आईएसआई की नीतियां बदल जाएंगी या कामकाज में तब्दीली आ जाएगी? शायद नहीं, पर यह सोचकर अच्छा लगता है कि पाकिस्तान के प्रशासन में अहम पद पर बैठा एक शख्स किसी न किसी रूप में हमसे भी जुड़ा है। जनरल मुशर्रफ शासन प्रमुख के रूप में चाहे जैसे भी रहे हों, पर पुरानी दिल्ली के लोगों को यह बात हमेशा गुदगुदाएगी कि जनरल का रिश्ता उनके मोहल्ले से रहा है।
    हम अपनी साझा विरासत को अपने जेहन से बाहर निकाल ही नहीं सकते। वह हमारी सोच में, हमारे व्यवहार में झलक ही जाएगी। याद कीजिए, कॉमनवेल्थ गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी में जब पाकिस्तानी दल मार्च करता आया तो तालियों की कैसी गड़गड़ाहट गूंजी थी। उसमें आत्मीयता का ज्वार उमड़ रहा था। यही हाल वहां भी है। कोई भारतीय वहां जाता है, तो लोग उत्सुकता से दिल्ली, मुंबई और लखनऊ का हाल पूछने लगते हैं। वहां भी शाहरुख और सलमान की फिल्मों के पॉप्युलर होने और बॉलिवुड के गानों पर पाकिस्तानियों के मस्त होकर नाचने में वही जज्बा दिखता है, जिसे सियासत की नजरों से समझना मुश्किल है।

    अंदाज ए मेरा: एक अनोखी चिडिया

    अंदाज ए मेरा: एक अनोखी चिडिया: ''एक ऐसी चिडिया जो स्‍कूल जाती है। प्रार्थना में शामिल होती है। पढाई करती है। मध्‍यान्‍ह भोजन करती है। बच्‍चों के साथ खेलती है।'' इस चिडिया ...

    मूत्र मार्ग संक्रमण की रोकथाम Infection





    Good news – specially to

    The Early Stages of Kidney Failure Patients:

     
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    See :

    ‘ब्लॉग की ख़बरें‘

    1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
    http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

    2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
    http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

    3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
    http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

    4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
    http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

    5- इंसान का परिचय Introduction
    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

    6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
    http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

    7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
    http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

    8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
    http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

    9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
    http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

    10- दुआ की ताक़त The spiritual power
    http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

    11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
    http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

    12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
    http://shakuntalapress.blogspot.com/

    13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
    http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

    14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
    http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html

    15- अमीर मंदिर गरीब देश
    http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

    16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
    http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html

    17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
    http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

    18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
    http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

    19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
    इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
    http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

    20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
    http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html

    21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
    http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

    22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
    http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html

    23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
    http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html

    24- कुरआन का चमत्कार

    25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?

    26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata

    27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1

    28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो

    29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत

    30-
    अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
    Increase traffic

    साहित्य की ताज़ा जानकारी

    1- युद्ध -लुईगी पिरांदेलो (मां-बेटे और बाप के ज़बर्दस्त तूफ़ानी जज़्बात का अनोखा बयान)
    http://pyarimaan.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

    2- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
    http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

    3- आतंकवादी कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Taliban
    http://hbfint.blogspot.com/2011/07/taliban.html

    4- तनाव दूर करने की बजाय बढ़ाती है शराब
    http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

    5- जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
    http://vedquran.blogspot.com/2011/07/krishna-consciousness.html

    6- समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/rape.html

    7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
    http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

    8- ख़ून बहाना जायज़ ही नहीं है किसी मुसलमान के लिए No Voilence
    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/no-voilence.html

    9- धर्म को उसके लक्षणों से पहचान कर अपनाइये कल्याण के लिए
    http://charchashalimanch.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

    10- बाइबिल के रहस्य- क्षमा कीजिए शांति पाइए
    http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

    11- विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
    http://dharmiksahity.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

    12- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
    http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

    13- ‘इस्लामी आतंकवाद‘ एक ग़लत शब्द है Terrorism or Peace, What is Islam
    http://commentsgarden.blogspot.com/2011/07/terrorism-or-peace-what-is-islam.html

    14- The real mission of Christ ईसा मसीह का मिशन क्या था ? और उसे किसने आकर पूरा किया ? - Anwer Jamal
    http://kuranved.blogspot.com/2010/10/real-mission-of-christ-anwer-jamal.html

    15- अल्लाह के विशेष गुण जो किसी सृष्टि में नहीं है.
    http://quranse.blogspot.com/2011/06/blog-post_12.html

    16- लघु नज्में ... ड़ा श्याम गुप्त...
    http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

    17- आपको कौन लिंक कर रहा है ?, जानने के तरीके यह हैं
    http://techaggregator.blogspot.com/

    18- आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले -रविकर फैजाबादी

    19-मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमत

    20- मौत कहते हैं जिसे वो ज़िन्दगी का होश है Death is life

    21- कल रात उसने सारे ख़तों को जला दिया -ग़ज़ल Gazal

    22- मोम का सा मिज़ाज है मेरा / मुझ पे इल्ज़ाम है कि पत्थर हूँ -'Anwer'

    23- दिल तो है लँगूर का

    24- लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी - Allama Iqbal

    25- विवाद -एक लघुकथा डा. अनवर जमाल की क़लम से Dispute (Short story)

    26- शीशा हमें तो आपको पत्थर कहा गया (ग़ज़ल)

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