स्वामी लक्ष्मीशंकराचार्य जी से हमने मुलाक़ात की तो उन्हें बहुत सादा पाया। हमने लखनऊ में उनके आवास पर 8 मई 2011 को भेंट की थी और उनका एक इंटरव्यू भी रिकॉर्ड किया था। उनकी किताब ‘इस्लाम आतंक ? या आदर्श‘ को सबसे पहले हमारे एक दोस्त एजाज़ उल हक़ साहब ने अपने ब्लॉग सिरातल मुस्तक़ीम पर पेश किया था। इस किताब में स्वामी जी ने क़ुरआन शरीफ़ की उन 24 आयतों के बारे में सही जानकारी दी है जिनके बारे में कुछ शरारती तत्व ग़लत जानकारी देकर भ्रम और नफ़रत फैलाते रहते थे। उनकी बरसों की मेहनत पर पानी फेरकर भारतीय समाज को एकता के सूत्र में बांधने के लिए यह एक किताब ही बहुत है।
और जिस वक़्त तारे गिर पड़ेगा (2)
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सूर, तक़वीर मक्का में नाज़िल हुआ और इसकी 29 आयतें हैं जिस वक़्त आफ़ताब की
चादर को लपेट लिया जाएगा (1)
और जिस वक़्त तारे गिर पड़ेगा (2)
और जब पहाड़ चलाए जाएँ...
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