बाबा रामदेव जी चाहते थे कि विदेशों में जमा ख़ज़ाना भारत लाया जाए और सरकार ने दिखा दिया कि बाहर से लाने की ज़रूरत तो बाद में पड़ेगी, देश के धर्मस्थलों में बहुत जमा है।
आप कहें तो पहले इसी का राष्ट्रीकरण कर दिया जाए ?
अब न तो बाबा जी से जवाब देते बन रहा है और न ही बीजेपी से।
...लेकिन यह सब हुआ क्यों और अब क्या होगा आगे ?
जानने के लिए देखिए यह लिंक
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/indian-tradition.html
अंतिम संस्कार से पूर्ण संपन्न हुआ नेत्रदान
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अंतिम संस्कार से पूर्ण संपन्न हुआ नेत्रदान
केशव कॉलोनी,बूंदी निवासी आशीष और हितेश जैन के पिताजी सुरेश कुमार जैन का
गुरुवार को आकस्मिक निधन हुआ । दोनों ...
2 comments:
जाते हैं दिये हुए लिंक पर!
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