यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे... |
लोगों के बादशाह
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सूरए अन नास मक्का या मदीना में नाजि़ल हुआ और इसकी छः (6) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) तुम कह दो म...
2 comments:
पढ़ा है.
@भूषण जी, आपका धन्यवाद!
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