(ऐ रसूल) क्या हमने तुम्हारा सीना इल्म से कुशादा नहीं कर दिया (जरूर किया)
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सूरए अल इन्शिरा मक्के में नाजि़ल हुआ और इसकी आठ (8) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) क्या हमने तुम्ह...
Monday, April 11, 2011
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‘ब्लॉग की ख़बरें‘
1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html
2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html
3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html
4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html
6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments
9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html
10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html
11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/
13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html
14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html
15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html
16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html
17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html
18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html
19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html
20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html
21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html
22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html
23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html
24- कुरआन का चमत्कार
25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?
26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata
27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1
28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो
29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत
30- अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html
2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
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3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html
4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
5- इंसान का परिचय Introduction
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6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
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8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
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9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
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10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html
11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/
13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html
14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html
15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html
16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
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17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html
18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html
19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html
20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html
21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html
22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html
23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html
24- कुरआन का चमत्कार
25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?
26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata
27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1
28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो
29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत
30- अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
साहित्य की ताज़ा जानकारी
1- युद्ध -लुईगी पिरांदेलो (मां-बेटे और बाप के ज़बर्दस्त तूफ़ानी जज़्बात का अनोखा बयान)
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
2- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
3- आतंकवादी कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Taliban
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/taliban.html
4- तनाव दूर करने की बजाय बढ़ाती है शराब
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
5- जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
http://vedquran.blogspot.com/2011/07/krishna-consciousness.html
6- समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/rape.html
7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
8- ख़ून बहाना जायज़ ही नहीं है किसी मुसलमान के लिए No Voilence
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/no-voilence.html
9- धर्म को उसके लक्षणों से पहचान कर अपनाइये कल्याण के लिए
http://charchashalimanch.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
10- बाइबिल के रहस्य- क्षमा कीजिए शांति पाइए
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
11- विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
http://dharmiksahity.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
12- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
13- ‘इस्लामी आतंकवाद‘ एक ग़लत शब्द है Terrorism or Peace, What is Islam
http://commentsgarden.blogspot.com/2011/07/terrorism-or-peace-what-is-islam.html
14- The real mission of Christ ईसा मसीह का मिशन क्या था ? और उसे किसने आकर पूरा किया ? - Anwer Jamal
http://kuranved.blogspot.com/2010/10/real-mission-of-christ-anwer-jamal.html
15- अल्लाह के विशेष गुण जो किसी सृष्टि में नहीं है.
http://quranse.blogspot.com/2011/06/blog-post_12.html
16- लघु नज्में ... ड़ा श्याम गुप्त...
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
17- आपको कौन लिंक कर रहा है ?, जानने के तरीके यह हैं
http://techaggregator.blogspot.com/
18- आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले -रविकर फैजाबादी
19-मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमत
20- मौत कहते हैं जिसे वो ज़िन्दगी का होश है Death is life
21- कल रात उसने सारे ख़तों को जला दिया -ग़ज़ल Gazal
22- मोम का सा मिज़ाज है मेरा / मुझ पे इल्ज़ाम है कि पत्थर हूँ -'Anwer'
23- दिल तो है लँगूर का
24- लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी - Allama Iqbal
25- विवाद -एक लघुकथा डा. अनवर जमाल की क़लम से Dispute (Short story)
26- शीशा हमें तो आपको पत्थर कहा गया (ग़ज़ल)
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
2- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
3- आतंकवादी कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Taliban
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/taliban.html
4- तनाव दूर करने की बजाय बढ़ाती है शराब
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
5- जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
http://vedquran.blogspot.com/2011/07/krishna-consciousness.html
6- समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/rape.html
7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
8- ख़ून बहाना जायज़ ही नहीं है किसी मुसलमान के लिए No Voilence
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/no-voilence.html
9- धर्म को उसके लक्षणों से पहचान कर अपनाइये कल्याण के लिए
http://charchashalimanch.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
10- बाइबिल के रहस्य- क्षमा कीजिए शांति पाइए
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
11- विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
http://dharmiksahity.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
12- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
13- ‘इस्लामी आतंकवाद‘ एक ग़लत शब्द है Terrorism or Peace, What is Islam
http://commentsgarden.blogspot.com/2011/07/terrorism-or-peace-what-is-islam.html
14- The real mission of Christ ईसा मसीह का मिशन क्या था ? और उसे किसने आकर पूरा किया ? - Anwer Jamal
http://kuranved.blogspot.com/2010/10/real-mission-of-christ-anwer-jamal.html
15- अल्लाह के विशेष गुण जो किसी सृष्टि में नहीं है.
http://quranse.blogspot.com/2011/06/blog-post_12.html
16- लघु नज्में ... ड़ा श्याम गुप्त...
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html
17- आपको कौन लिंक कर रहा है ?, जानने के तरीके यह हैं
http://techaggregator.blogspot.com/
18- आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले -रविकर फैजाबादी
19-मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमत
20- मौत कहते हैं जिसे वो ज़िन्दगी का होश है Death is life
21- कल रात उसने सारे ख़तों को जला दिया -ग़ज़ल Gazal
22- मोम का सा मिज़ाज है मेरा / मुझ पे इल्ज़ाम है कि पत्थर हूँ -'Anwer'
23- दिल तो है लँगूर का
24- लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी - Allama Iqbal
25- विवाद -एक लघुकथा डा. अनवर जमाल की क़लम से Dispute (Short story)
26- शीशा हमें तो आपको पत्थर कहा गया (ग़ज़ल)
10 comments:
आपने विषय को गहराई से समझने का प्रयास किया है और उसे सच्चाई से कहने का साहस भी किया है। यही सच हमें मार्ग दिखाता है। आपने सच कहा है कि हमें रचने वाला परमेश्वर एक ही है। इसीलिए हरेक देश में रहने वाले इंसानों की बनावट एक ही है। जब हम ग़ौर से देखते हैं तो पता चलता है कि हमारे माता-पिता भी एक ही हैं। अंतर मात्र इतना है कि अलग-अलग भाषाओं में उनके नाम अलग-अलग हैं। जैसे कि सूर्य को अरबी में शम्स कहा जाता है लेकिन इन दोनों ही नामों से अभिप्रेत एक ही चीज़ होती है।
कालांतर में वासनाओं में जीने वालों ने खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढालने के नाम पर बहुत सी चीज़ें और बहुत सी नई परंपराएं धर्म में मिला दीं। हिंदू धर्म के साथ भी यही किया गया और इसलाम के साथ भी और यह काम हमेशा हुआ। इन्हीं कुरीतियों ने समाज को बहुत कष्ट दिया है। ये कुरीतियां कभी धर्म नहीं थीं। धर्म कभी कष्ट नहीं देता, कभी अनिष्ट नहीं करता। कल्याण धर्म में ही निहित है। हमारा कल्याण ईश्वर के प्रति अपनी इच्छाओं को समर्पित करके उसके मार्गदर्शन में जीवन गुज़ारने में ही है। इसीलिए
हमारे पूर्वज हमें ईश्वर से जोड़ते हैं जो कि कल्याणकारी है The Lord Shiva and First Man Shiv ji
अल्लाह के रसूल (स.) ने फ़रमाया-
‘ज़ुल्म से बचते रहो, क्योंकि ज़ुल्म क़ियामत के दिन अंधेरे के रूप में ज़ाहिर होगा और लालच से भी बचते रहो, क्योंकि तुम से पहले के लोगों की बर्बादी लालच से हुई है। लालच की वजह ही से उन्होंने इन्सानों का खून बहाया और उनकी जिन चीज़ों को अल्लाह ने हराम किया था, उन्हें हलाल कर लिया।‘
हरीश भाई :
कई बार आप के लेखों में हिन्दू विरोध झलकता है मगर मैं औरों की तरह आप को मुल्ला हरीश खान नहीं कहूँगा..
मेरे कुछ प्रश्न हैं..कृपया लेख लिखकर हो सके तो स्पस्ट कर दें..
... माना मैंने हिन्दू धर्म बहुत ख़राब है..मैं इस्लाम स्वीकार करना चाहता हूँ..कौन सा इस्लाम स्वीकार करूँ..
१ अलकायदा का इस्लाम
२ तालिबान का इस्लाम
३ पाकिस्तान का इस्लाम
४ हिंदुस्तान के सिमी और कश्मीर का इस्लाम
५ या एक सीधे साधे सच्चे भारतीय मुस्लमान का इस्लाम जिसको इस मार काट से लेना देना नहीं है...मगर इस्लामिक विश्व बहुमत उसको गद्दार कहता है...और भारत में वो अपने कुछ गद्दार बंधुओं के कारण शंका की दृष्टि से देखा जाता है???
....आप को वर्ण व्योस्था बुरी लगती है ..
१ क्या आप को लगता है वर्ण व्योस्था वही थी जिसका विकृत रूप कालांतर में हम देख रहें है और आप परोस रहें है..अगर हो सके तो पढ़ें क्या वर्ण व्योस्था प्रासंगिक है ?? क्या हम आज भी उसे अनुसरित कर रहें हैं??
२ क्या आप पूरे यकीन और प्रमाण के साथ कह सकतें है की इस्लाम में जातिवाद वर्णवाद नहीं है...
और हाँ हरीश भाई:
आप जैसे अनुभवी व्यक्ति से कश्मीरी पंडितो के विस्थापन का कारण एवं कारकों पर एक लेख मिल जाए तो इस पापी हिन्दू का जीवन धन्य हो जाए...
आप के जबाब की प्रतिच्छा रहेगी
दूरियों को पाटना ही हमारा काम होना चाहिए
@ आशुतोष जी ! धर्म ईश्वर की ओर से होता है और सत्य हमेशा मंगलकारी होता है। यह परम सत्य है। इसी परम सत्य को हिंदू ऋषियों ने जाना पहचाना और इसी का ज्ञान लोगों को दिया। उनके धर्म का नाम ही हिंदू धर्म है और हरीश सिंह जी को अपने हिंदू होने पर गर्व है लिहाज़ा उन्हें हिंदू धर्म में कमी नज़र नहीं आती है और उन्होंने कहा भी है कि गीता में संपूर्ण सत्य विद्यमान है। उन्होंने कमी बताई है हिंदू समाज में और यह इतिहास से सिद्ध है, आपने भी माना है कि कालांतर में कई तरह के विकार समाज में फैले और तमाम सुधारों के बावजूद ये विकार आज भी समाज में देखे जा सकते हैं। इन्हीं में से कुछ का ज़िक्र उन्होंने किया है। उन्होंने इन्हीं कुरीतियों का विरोध किया है जो कि एक आदमी को दूसरे आदमी से दूर करती हैं। कुरीतियों के विरोध को हिंदू विरोध की संज्ञा नहीं दी जा सकती और न ही देनी चाहिए वर्ना समाज सुधार का कार्य असंभव हो जाएगा।
राजा राम मोहन राय ने जब सती प्रथा का विरोध किया और हिंदू कन्याओं को शिक्षा देनी की शुरूआत की तो धर्माचार्यों द्वारा उनके कामों को हिंदू धर्म को मिटाने वाला कहा गया, जो कि सही नहीं था। आज यह बात सब जानते हैं। अगर हरीश जी की बातों को आप उन्हीं के कथन से समझने की कोशिश करते तो आसानी से उनकी मंशा आप समझ लेते और अगर आप उनकी पोस्ट पर मेरी टिप्पणी भी पढ़ लेते तो आपको यह भी पता चल जाता कि एक आदमी एक साथ ही हिंदू और मुस्लिम हो सकता है।
मुस्लिम वह है जो कि अपनी इच्छाओं पर न चलकर ईश्वर के प्रति पूर्णतः समर्पित होकर उसके आदेशों को पालन करता है। ईश्वरीय ज्ञान के आलोक में चलने वाला आदमी कभी अज्ञान के अंधेरों में नहीं भटक सकता। इसलाम एक ही है, उसका स्रोत है ईश्वरीय ज्ञान कुरआन और उसे अपने आचरण से जीवंत से करने वाले पैग़ंबर हज़रत मुहम्मद साहब स. का जीवन चरित्र और उनके कथन। अगर आप मुस्लिम अर्थात ईश्वर के प्रति समर्पित होकर जीवन गुज़ारने के इच्छुक हैं तो आप कुरआन और हदीस, दोनों का अध्ययन खुद कर लीजिए । सत्य सरल और स्पष्ट है, निष्पक्ष होते ही आप पर तुरंत खुल जाएगा। जिन कामों से उनमें आपको रूकने के लिए कहा जाए, उनसे आप रूक जाएं और जिन कामों को करने के लिए कहा गया है, उन्हें आप करने लगें। बस, हो गए आप मुस्लिम।
लेकिन अगर ये सवाल आप सत्य और ज्ञान पाने के उद्देश्य से नहीं कर रहे हैं तो फिर आपको कोई नहीं बता पाएगा कि ईश्वर के आदेश के अनुसार जीवन कैसे व्यतीत किया जाए ?
मुस्लिम समाज में भी जब ईश्वरीय ज्ञान के बजाय बादशाहत और व्यक्तिवाद हावी हो गया और जनता भी ज्ञान के बजाय अपनी इच्छाओं के पीछे चलने लगी तो मुसलमानों में भी बहुत से मत बन गए और बहुत सी ख़राबियां पैदा हो गईं। ख़राबियों को दूर करना और दूरियों को पाटना ही हमारा काम होना चाहिए, न कि इन्हें बाक़ी रखना या इन्हें और ज़्यादा बढ़ा देना।
मत-मतांतर में बंटी हुई मानवता को एक करने के लिए प्रयास किये जाएं, आज यह समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।
इस विषय में आप मेरा एक और लेख देख सकते हैं-
शांति के लिए वेद कुरआन The absolute peace
अनवर जमाल भाई मेरे मुह खोलते ही मुश्लिम विरोधी का तमगा लग जाता है..
कुछ बोलूं तो सांप्रदायिक हो जाता हूँ..
मेरा और आप का उद्देश्य शायद एक ही है..हरीश जी को केवल हिन्दू धर्म की कुरीतियाँ याद आती है ..मैंने कब कहा की नहीं है मगर कुछ अच्छी बातें भी है.. है उसे भी दिखाएँ...
अगर आप सिर्फ गलतियाँ निकले तो स्वाभाविक प्रतिक्रिया होगी..में भी लिखता हूँ इस्लाम की कुरीतियों के खिलाफ मगर साथ में ये भी बताता हूँ की हिन्दुस्थान का ९८% मुस्लमान शांति चाहते है...अगर ऐसा नहीं होता तो हिंदुस्तान में गृहयुद्ध हो जाता...अगर कलाम की मिसाएल नहीं होती तो अरुणांचल चीन में होता .....
लेकिन ये तुष्टिकरण ठीक नहीं है जमाल भाई चाहे हिन्दू तुष्टिकरण हो या मुस्लिम तुष्टिकरण..हरीश भाई क्यों कर रहें है नहीं मालूम...मेरे कई मित्र मुश्लिम है जिनको कोई समस्या नहीं मेरे घर में आने से या मुझे अपने घर बुलाने से..
मगर..
मैं उसे देशद्रोह मानता हूँ जो कश्मीर में हो रहा है जो कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ..उसे करने वाला अगर कोई हिन्दू है तो वो भी देशद्रोही है कोई सिख मुस्लिम या इसाई है तो वो भी...इस बात को लोग इस्लाम विरोध से क्यूँ देखतें है..
अगर भारत क्रिकेट मैच हारता है और जामिया मिलिया में पटाके फोड़ने पर मैंने कुछ कहा तो में मुश्लिम विरोधी हूँ..भारत के हारने पर अगर बनारस के मंदिर में भी पटाके फोड़े जाए तो भी मैं विरोध करूँगा..क्यों करतें है हरीश भी हम लोग तुष्टिकरण के लिए M F HUSSAIN जैसे गद्दार का समर्थन..भारत माँ,दुर्गा देवी को नंगा कर के क्या मिला उसे..माफ़ी के साथ कहूँगा क्या मुहम्मद साहब का चित्र भी वो गद्दार नंगा बनता तो क्या आप लोग उसका समर्थन करते???????? सबको मालूम है अफजल क्यों दामाद बन के बैठा है..क्यों नहीं लटकी फासी इंदिरा जी के हत्यारों की???क्युकी वे सिख थे?? कौन कर रहा है कश्मीर में अफजल और SIMI का समर्थन..अगर वो एक हिन्दू कर रहा है तो वो भी गद्दार है...
अनवर भाई आप बताये कितने लोग आप जैसे सोचते है विश्व जनमत में..इसलिए मैं कहता हूँ हमारे देश में एक नया धर्म है "भारतीय मुसलमान" जो सौहार्द चाहता है... तो मैं इस्लाम के खिलाफ हूँ..तो मैं साम्प्रदायिक हूँ..
अनवर भाई मैं तो स्वीकार कर रहा हूँ की नहीं होना चाहिए था गुजरात ...मगर किसी ने ये नहीं बताया की गोधरा में ट्रेन के अन्दर २ माह के बच्चे को जला देना कहाँ का न्याय है कौन धर्म सिखाता है...
और अनवर भाई स्वाभाविक प्रतिक्रिया हुई जो इन राजनेताओं ने भुना लिया दंगे करा के हमारे बिच..
सत्य ये है की तुष्टिकरण की बजाय हमे अपने धर्म की कुरीतियों को स्वीकार कर सौहार्द बनाना चाहिए..चाहे वो हिन्दू हो या मुश्लिम...और सर्वोपरी राष्ट्र धर्म को मानना होगा..तभी इसका निदान होगा...
सनातन धर्म और इसलाम के एकत्व को पहचान लिया जाए तो भारत का उद्धार हो जाएगा
@ मित्र आशुतोष ! हिंदू और मुस्लिम एक माता-पिता की संतान हैं और एक ही ईश्वर की रचना हैं। ये सभी प्रेम से उपजते हैं लेकिन जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, वे प्रेम के बजाय लालच के अधीन हो जाते हैं। लालच से हरेक धर्म-मत रोकता है। जहां भी जुल्म हुआ या हो रहा है, उसके पीछे आपको लालच ही नज़र आएगा। लालच का अंजाम तबाही है, जिसे हम सभी किसी न किसी रूप में भोग रहे हैं। पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो उसके पीछे भी लालच ही था और उससे पहले हिंदू राजाओं ने सैकड़ों हज़ारों टुकड़ों में बार-बार भारत माता को बांटा तो उसके पीछे भी लालच ही था।
लालच को कैसे कंट्रोल किया जाए ?
यह आज की ज्वलंत समस्या है।
लालच ही भ्रष्टाचार कराता है और लालच ही धर्म से विचलित करता है। राष्ट्रवाद लालच को रोकता नहीं है बल्कि बढ़ाता है। जितने लोगों को आप राष्ट्रवादी समझते हैं। आप उनके शादी-ब्याह और रोज़ाना के काम देख लीजिए, उनके कारोबार के अकाउंट्स देख लीजिए, ज़्यादातर आपको टैक्स चोर मिलेंगे।
लालच का ख़ात्मा धर्म करता है। धर्म बताता है कि तुम्हें एक दिन मरना भी है और फिर अपने कर्मों का फल भोगना है, इसलिए लालच से बचो और संयम से रहो। न्याय करो, दया और प्रेम करो। मानव बनो।
हरीश जी का मौजूदा लेख उनके पिछले लेखों की श्रृंखला का ही एक हिस्सा है। उनमें उन्होंने हिंदू धर्म की खूबियों का बयान किया है। अगर आप उन्हें पढ़ लेते तो आपको यह भ्रम न होता कि वे मुसलमानों का तुष्टिकरण कर रहे हैं।
मुसलमान भला उन्हें दे ही क्या सकते हैं ?
जिसे पाने के लिए वे ग़लत लिखेंगे ?
आप हिंदुस्तान के 2 प्रतिशत मुसलमानों को अलक़ायदा आदि का समर्थक किस आधार पर मानते हैं ?
क्या भारत सरकार ने ऐसा कोई सर्वे कराया है या आपने खुद ही अनुमान लगा लिया ?
हमें सारे धर्मों की खिचड़ी नहीं पकानी है और न ही भारतीय मुसलमानों का धर्म शेष विश्व से अलग है और न ही उनके इस्लाम का स्रोत अलग है। मानवता को आज भी अपने प्राचीन धर्म की ज़रूरत है, उसी का नाम सनातन धर्म है। हरेक चीज़ अपने लक्षणों से पहचानी जाती है। जब आप सनातन धर्म के लक्षण और इसलाम के सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे तो आप पाएंगे कि दोनों एक ही हैं। इसी एकत्व को पहचान लिया जाए तो भारत का उद्धार हो जाएगा।
कृप्या यह लिंक भी देखें और इसी ब्लॉग पर आपके अध्ययन के लिए काफ़ी कुछ है-
कमेंट्स गार्डन
जमाल भाई..
हिंदू और मुस्लिम एक माता-पिता की संतान हैं और एक ही ईश्वर की रचना हैं। ये सभी प्रेम से उपजते हैं लेकिन जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, वे प्रेम के बजाय लालच के अधीन हो जाते हैं। लालच से हरेक धर्म-मत रोकता है। जहां भी जुल्म हुआ या हो रहा है, उसके पीछे आपको लालच ही नज़र आएगा। लालच का अंजाम तबाही है, जिसे हम सभी किसी न किसी रूप में भोग रहे हैं। पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो उसके पीछे भी लालच ही था और उससे पहले हिंदू राजाओं ने सैकड़ों हज़ारों टुकड़ों में बार-बार भारत माता को बांटा तो उसके पीछे भी लालच ही था। :
सहमत हूँ मगर कुछ लोगों ने सोमनाथ को रौंदा भी था उनका भी जिकर होता तो बढ़िया रहता....
एम् ऍफ़ हुसैन भाई का क्या करें???
आप के इस पंक्ति पर मैं निरुत्तर हूँ: """राष्ट्रवाद लालच को रोकता नहीं है बल्कि बढ़ाता है""" मेरा सारा ज्ञान ब्यर्थ है आप के इस दर्शन के सामने..
अब मुझे लगता है मेरा ज्ञान गलत है.. और इस बहस को प्रारंभ करने के लिए खेद प्रकट करता हूँ..
चलिए मैंने मान लिया सारे आतंकवादी हिन्दू ही है.. कश्मीर हिन्दुओं ने किया.गोधरा हिन्दुओं ने किया..बामियान (अफगानिस्तान) हिन्दुओं ने किया..पाकिस्तान में सबसे ज्यादा हिन्दू ही तो है ..जो लाल मस्जिद से लेकर स्वात तक फैलें है..
और ये भारत सरकार क्या सर्वे कराएगी एक अफजल को तो फांसी देने की औकात नहीं ..
क्या मिलेगा तुष्टिकरण से :
नेता को मिलेगा :वोट(हलाकि ६२ सालों में सभी नेतोँ ने इस्तेमाल ही किया मुस्लिम बंधुओं को)
हरीश भाई को क्या मिल रहा है: का हरीश भाई चुनाव लड़े के मूड बनावाताडा का??
फिर भी में मान लेता हूँ की हिन्दू धर्म आतंकवाद फैलाता है और पिछले २०-२२ सालों से कश्मीर में जेहाद करने वाले हिन्दू हैं..
प्रयास करूँगा मैं एक हिन्दू आतंकवादी न बनू..
शांति के लिए वेद कुरआन The absolute पास: बहुत सुन्दर लगा ..मन प्रसन्न हो गया कलुषता जाती रही..मगर क्या हम सभी व्यक्तिगत जीवन में उतार पाएंगे ये एक प्रश्न है??
जय हिंद
@ मित्र आशुतोष ! आपने कहा कि
'फिर भी मैं मान लेता हूं कि सारा आतंकवाद हिन्दू ही फैलाते हैं ।'
भाई जो बात आपसे मानने के लिए कही नहीं जा रही है , आप उसे मानने की हठ क्यों कर रहे हैं ?
ग़ज़नवी का या मक़बूल फ़िदा का भी कोई ज़िक्र पोस्ट में नहीं था तो उनका ज़िक्र क्यों कर देता ?
अब आपने छेड़ा है तो आप ज़रा ध्यान दीजिए कि ग़ज़नवी ने अपने राज्य में मौजूद पत्थर के बामियान बुद्ध को तो छेड़ा तक नहीं और सोमनाथ के मंदिर पर हमला करने के लिए भारी कष्ट उठाकर इतनी दूर तक बार बार आया । कारण केवल लालच था । मक़बूल फ़िदा ने भी केवल माल और शोहरत के लालच में ही हिंदू देवी की नग्न तस्वीर बनाई । इस्लाम के अनुसार मंदिर लूटना भी हराम है और तस्वीर बनाना भी । नंगी तस्वीर बनाना तो और भी बड़ा पाप है और किसी की धार्मिक हस्ती का नंगा चित्र बनाना तो 'फ़ित्ना' है जो कि बहुत बड़ा जुर्म और गुनाह है अल्लाह की नज़र में । दोनों ही लालच में पड़ गए और इस्लाम से हट गए। वे लालच से बच जाते तो इन जघन्य जुर्मों से भी बच जाते।
लेकिन दुख होता है यह देखकर कि मक़बूल फ़िदा की हरकत पर वावेला मचाने वाले तब चुप रहते हैं जब देवी देवताओं की नंगी मूर्तियाँ हिंदू खुद बनाते हैं और चौराहों पर खुलेआम स्थापित करते हैं। उनके लिए तो वे चंदा भी देते हैं ।
देवबंद में त्रिपुर बाला सुंदरी का एक प्राचीन मंदिर है । उसमें भी देवी की नंगी मूर्ति है और यह चलन हिंदुओं में आम है । अगर मक़बूल फ़िदा का काम ग़लत है तो क्या उसी काम को ख़ुद करना सही है ?
अमेरिका दुनिया में जहाँ भी तेल आदि हड़पने के लिए जो अनाचार कर रहा है उसके पीछे उसका राष्ट्रवाद और लालच ही तो है , ईसा मसीह तो इन कामों से रोकते हैं ।
गाँधी जी को भी गोली एक राष्ट्रवादी ने ही मारी है , हिंदू धर्म तो रोकता है इस तरह किसी की जान लेने से।
अगर कोई राष्ट्रवादी होना चाहे तो वह किसका अनुसरण करे ?
1. गाँधी जी के राष्ट्रवाद का
2. सावरकर और गोडसे के राष्ट्रवाद का
3. दयानंद जी के राष्ट्रवाद का
4. विवेकानंद जी के राष्ट्रवाद का
5. सुभाषचंद्र बोस के राष्ट्रवाद का
या फिर
6. मौलाना आज़ाद और अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ के राष्ट्रवाद का
किसका राष्ट्रवाद ठीक है और किसका ग़लत और क्यों ?
इन प्रश्नों पर भी विचार किया जाना आवश्यक है।
आपने मेरा लेख पसंद किया आपका शुक्रिया !
हम एक एक बिन्दु लें---
१-कट्टरता--सापेक्षिक भाव होना चाहिये..यदि कोई शिव को गाली देता है तो हिन्दू को कट्टर होना ही चाहिये, क्योंकि इससे गलत तथ्यों व लोगों को प्रश्रय मिलता है अन्याय व अत्याचार को सहने वला भी दोषी होता है...यदि कोई मांस-भक्षण नहीं करता तो उसे कट्टर होना ही चाहिये मांस भक्षण के लिये बाध्य करन्र वाले विचार से....हां हमारे धर्म को न मानने वालों को हलाल करो, वे काफ़िर हैं,यह भाव अवश्य ही अनावश्यक कट्टरता है ...
२-हिन्दू धर्म में कुरीतियां हैं-- तो उन्हें हिदू धर्म वालों को ही सुलझाना चाहिये, भागकर अन्य धर्म अपना लेना कट्टरता , अकर्मण्यता, लालच, अपौरुषता है।
३- सही है हम हिन्दू जीवन शैली भूल गये हैं और तथाकथित सेक्यूलर वाद पर चल रहे हैं जो गलत व अनुचित राह है...इसीलिये सारे द्वन्द्वों की स्थिति है...वहां तो कण कण मेन प्रेम है --वेद कहता है ...मा विदिष्वावहै...जीव मात्र से द्वेष न करो...
४- प्रेम का इस्लामिक रूप --गले लगाना जो आपने बताया वह सतही है...वहां भी शिया व सुन्नियों के अलग अलग पूजा स्थल हैं...झगडे हैं, मार-काट होती है , हिन्दुओं में इतना विभीषिका नहीं...
५- गले लगाना व हाथ मिलाना ( ईसाइयों में)-- अवैग्यानिक तरीके हैं..जो इन्फ़ेक्शन , रोग के कीटाणुओं को ट्रान्सफ़र करते हैं..दूर से हाथ जोडना ही उचित वैग्यानिक तरीका है...छूआछूत भी एक वैग्यानिक तथ्य है , क्या आप एक सफ़ाई-कर्मी के साथ खाना खाना पसन्द करेंगे, आप तो जहां सामान्य जनता जाती हैवहा न जाकर पांच सितारा होटल में जाना पसंद करते है....आजकल खूब प्रयोग जुमला..क्लास क्या है...आज जो रोगाणु अन्य( प्रोफ़ेशन= जाति)वाले व्यक्ति को हानि नहीं पहुंचाते वे आपको तुरन्त रोग दे सकते हैं....क्यों हस्पताल के क्रोस-इन्फ़ेक्शन जटिल होते हैं...स्टेर्लाइज़ेशन, मास्क का प्रयोग आदि का यही कारण है...
६-सभी का खून एक सा नहीं होता--अन्यथा सीधा -सीधा क्यों नहीं चढा दिया जाता....अलग अलग वर्ग के होते हैं खून, उपवर्ग भी होते हैं...यह वैग्यानिक तथ्य है....
गुरुदेव धन्यवाद..
आभार आप का जो आप ने अनुभव को हम सभी से साझा किया..
@ डाक्टर श्याम गुप्ता जी ! आप कह रहे हैं कि हिन्दू धर्म को जानने के लिए अनंत ज्ञान की ज़रुरत है और अनंत ज्ञान के बिना हिन्दू धर्म को नहीं जाना जा सकता .
इसका मतलब तो यह हुआ कि दुनिया में आज तक कोई भी आदमी हिन्दू धर्म को जानने वाला न तो पहले कभी हुआ है और न ही आज है और न ही कभी हो सकता है क्योंकि मनुष्य का ज्ञान न तो आज तक अनंत हुआ है और न ही कभी हो सकता है.
आप खुद हिन्दू धर्म के बारे में ऐसी भ्रामक बात कह रहे हैं जो कि किसी शंकराचार्य ने या किसी भी हिन्दू आचार्य ने आज तक नहीं कही है. हमें गलत बताने की झोंक में आप अपने कथन पर गौर ही नहीं करते कि मैं क्या कह रहा हूँ ?
१- कृपया बताएं कि क्या आपको हिन्दू धर्म का पूर्ण और सही ज्ञान है ?
२- क्या आपको अनंत ज्ञान प्राप्त है ?
Please see this link
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/04/lord-shiva-and-first-man-shiv-ji.html?showComment=1302787808466#c3523521964311969139
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