आदरणीय टीम जागरण जंक्शन,
महोदय, मैंने काफी चिंतन करने के पश्चात यह महसूस किया कि जागरण फोरम पर अधिकतर पाठक बंधू या टिप्पणी करने वाले प्रबुद्ध सज्जन लोग केवल एक पार्टी विशेष के फेवर में लेखों या टिप्पणियों को पसंद करते है विरोध में या तटस्थ लेखों या टिप्पणियों पर आगबबुला हो कर अनर्गल प्रलाप करते हुए गाली गलौच पर उतर आते है यह तो कोई उचित बात नहीं है ?
महोदय, मैंने काफी चिंतन करने के पश्चात यह महसूस किया कि जागरण फोरम पर अधिकतर पाठक बंधू या टिप्पणी करने वाले प्रबुद्ध सज्जन लोग केवल एक पार्टी विशेष के फेवर में लेखों या टिप्पणियों को पसंद करते है विरोध में या तटस्थ लेखों या टिप्पणियों पर आगबबुला हो कर अनर्गल प्रलाप करते हुए गाली गलौच पर उतर आते है यह तो कोई उचित बात नहीं है ?
चूँकि जैसा की महा कवि कबीर दास ने कहा है ” निंदक नियरे रखिये आँगन कुटी छावय | बिन पानी बिन तेल के निर्मल करे सुहाय || तो मेरे लेख और टिप्पणियां भी कबीर से प्रभावित हैं ?
चूँकि मेरे लेखों और टिप्पणियों में मेरी अपनी सोच और विचार जो मेरे अपने स्वयं के है जो कि मेरी अपनी शिक्षा, संस्कार, एवं सरकारी नौकरी प्रशासनिक अनुभव और सार्वजनिक जीवन के अनुभव पर आधार्रित होते है वह न तो किसी के विरोध में होते है और न ही किसी के फेवर में वह केवल तटस्थ श्रेणी में होते है लेकिन आपके फोरम के लोगों को पसंद नहीं आते तो ऐसे लेखों को लिखने का औचित्य क्या है ?
चूँ वर्तमान में सर्वश्री बाबु राव उर्फ़ अन्ना हजारे एवं राम सेवक यादव उर्फ़ योग गुरु बाबा राम देव के विषय में मैंने जो कुछ भी लिखा था या लिख रहा हूँ वह शतप्रतिशत अभी तक सही साबित हुआ है.
चूँकि मेरे लेखों और टिप्पणियों में मेरी अपनी सोच और विचार जो मेरे अपने स्वयं के है जो कि मेरी अपनी शिक्षा, संस्कार, एवं सरकारी नौकरी प्रशासनिक अनुभव और सार्वजनिक जीवन के अनुभव पर आधार्रित होते है वह न तो किसी के विरोध में होते है और न ही किसी के फेवर में वह केवल तटस्थ श्रेणी में होते है लेकिन आपके फोरम के लोगों को पसंद नहीं आते तो ऐसे लेखों को लिखने का औचित्य क्या है ?
चूँ वर्तमान में सर्वश्री बाबु राव उर्फ़ अन्ना हजारे एवं राम सेवक यादव उर्फ़ योग गुरु बाबा राम देव के विषय में मैंने जो कुछ भी लिखा था या लिख रहा हूँ वह शतप्रतिशत अभी तक सही साबित हुआ है.
source : जागरण जंक्शन
3 comments:
आदरणीय एस.पी.सिंह जी, आपके विचारों से सहमत हूँ.
अगर आप चाहे तो मेरे ब्लोगों पर या फेसबुक पर मेरे समूहों पर अपनी बात रख सकते हैं.
भाई अनवर जमाल खान जी, अगर मेरा उपर लिखित संदेश श्री एस.पी.सिंह जी तक पहुँचा दें आपकी बहुत मेहरवानी होगी.
आप आपने विचारो को लिखने के लिए स्वतंत्र है , विरोध तो प्रभावित करने वाली लेखनी का ही होता है |
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