कुल मिलाकर बात यह है कि जनता मनमोहनी अर्थव्यवस्था और प्रशासन से खासी परेशान है। महंगाई, भ्रष्टाचार, निजीकरण, राष्ट्रीय संपत्ति और संसाधनों की सरकार के सरंक्षण में काॅरपोरेटी लूट और बढ़ते अमेरिकी दखल से जनता त्रस्त है लेकिन उसके पास और विकल्प भी अभी कहां हैं?
अमलेन्दु उपाध्याय
http://hastakshep.com/?p=15177
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1 comments:
भाईजान !
किस किसकी चिंता करे, किसकी किस युवराज |
शादी की देरी करे , मम्मी से नाराज ||
8------8-------8--------8------8
बेगाने की शादियाँ, अब्दुल्लाई साज |
पशोपेश में था पड़ा, जब नाचा युवराज |
Bhutan wedding 12 20111013
भूटान-नरेश की शादी
जब नाचा युवराज, पैर इक थिरके ज्यादा |
दूजा रुक-रुक जाय, याद कर बिसरा वादा |
कह नरेश समझाय, समझ पैरों के माने |
ताक नहीं कैरियर, बुला "दुल्हन" बेगाने ||
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