आकांक्षा यादव जी ने अपने लेख में भीड़ के शोर पुकार से हटकर बात कही है और दमदार बात कही है। उनकी पोस्ट पढ़िए, आपको यक़ीनन एक अच्छी पोस्ट पढ़ने का लुत्फ़ आएगा।
इस पोस्ट पर दिए गए हमारे विचार भी आपके लिए सुरक्षित हैं
इस पोस्ट पर डाक्टर दराल साहब भी आये और अपनी हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा कि
आकांक्षा जी , यह पहली पोस्ट है जो इस विषय पर अलग नज़रिया दर्शा रही है ।
लेकिन हैरानी तो इस बात की है कि जो लोग बाकि पोस्ट्स पर वाह वाही करने में जुटे हैं , वही यहाँ अलग भाषा बोल रहे हैं ।
अगर डाक्टर दराल साहब ने अजय जी से हुए हमारे संवाद को पढ़ा होता तो वह जानते कि अन्ना हजारे जी के आन्दोलन के बारे में हमने क्या कहा है और सारी समस्याओं का हल हमने क्या बताया है ?
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