http://jalesmeerut.blogspot.कॉम ये लिंक जो आपको नज़र आ रहा है मात्र एक लिंक ही नहीं है बल्कि अभिव्यक्ति है बहुत सुन्दर भावों की और वह भी'' मधुर ''भावों के साथ.श्री अमरनाथ मधुर जी का ब्लॉग जलेस मेरठ बाट जोह रहा है आप जैसे साहित्य प्रेमियों की-वे अपने प्रोफाइल में कहते हैं-
- अमरनाथ 'मधुर'
- बहुत कम मिलनसार पर जिसे चाहा खूब चाहा और अन्य से भी यही अपेक्षा की है |
- इतने कम शब्दों में अमरनाथ जी ने अपने साथ पूरे ब्लॉग जगत को जोड़ लिया है.अगर इतना कुछ पढ़ कर भी आप उनके ब्लॉग से दूर रहते हैं तो मुझे तो यही लगता है कि उनकी लेखनी साकिब ''लखनवी ''के शब्दों में यही कहेगी-
- ''किस मुहं से जबान करती इजहारे परेशानी,
- जब तुमने मेरी हालत सूरत से न पहचानी.''
- शालिनी कौशिक
- http://yeblogachchhalaga.blogspot.com
3 comments:
हार्दिक शुभकामनायें!
bahut achchhe blog se avgat karaya hai aapne .aabhar .
हार्दिक शुभकामनायें!
Post a Comment