रंजीत कुमार अपने ब्लॉग 'दो पाटन के बीच' पर बता रहे हैं कि
ताज़ा ख़बर (एक टिप्पणी , 28 फ़रवरी 2013)
चर्चामंच पर इस पोस्ट का लिंक दिया गया है-
संगम" (चर्चा मंच-912)
चर्चामंच के कारण ही हम इस पोस्ट तक पहुंच सके। चर्चामंच ख़ुद इस तरह के लिंक देता है और अगर ऐसे लिंक दूसरा दे तो चर्चामंच के निर्माता और चर्चाकार ऐतराज़ जताते हैं। उनके ऐतराज़ देखिए एक ऐसी ही पोस्ट के लिंक देने पर। नीचे दिए गए शीर्षक को क्लिक कीजिए-
बाबुल तेरे देश में
नेपाल के सुनसरी जिले के एक गाँव की इस लड़की को इस्सलिये अपने घर से घरनिकाला दे दिया गया क्योंकि यह ऋतुस्रावा थी . गाँव के लोगों का कहना है कि मासिक स्राव के दौरान लडकी अशुद्ध होती है इसलिए उसे घर में न रहने का अधिकार है न खाने का और न सोने का.
Source : http://www.koshimani.blogspot.in/2008/06/blog-post_24.html
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ताज़ा ख़बर (एक टिप्पणी , 28 फ़रवरी 2013)
चर्चामंच पर इस पोस्ट का लिंक दिया गया है-
संगम" (चर्चा मंच-912)
चर्चामंच के कारण ही हम इस पोस्ट तक पहुंच सके। चर्चामंच ख़ुद इस तरह के लिंक देता है और अगर ऐसे लिंक दूसरा दे तो चर्चामंच के निर्माता और चर्चाकार ऐतराज़ जताते हैं। उनके ऐतराज़ देखिए एक ऐसी ही पोस्ट के लिंक देने पर। नीचे दिए गए शीर्षक को क्लिक कीजिए-
अंतिम संस्कार के रीति रिवाज की जानकारी दे रही हैं Shagun Gupta
बुद्धिजीवियों का यह व्यवहार विचित्र भी है और निराशाजनक भी।
बुद्धिजीवियों का यह व्यवहार विचित्र भी है और निराशाजनक भी।
5 comments:
स्वच्छता तो पैमाना है ही,रजस्वला रहने के दौरान,महिलाओं की ऊर्जा भी निम्नतम स्तर पर होती है। यदि आप ऊर्जावान न हों,तो आपसे होने वाले काम और उसके परिणाम पर भी उसका असर पड़ता है। इसलिए,पारम्परिक रूप से,इस अवधि में महिलाओं को रसोई से दूर रखने की परम्परा है। इसकी शुरूआत उन लोगों ने की थी,जो अंतस के विभिन्न तलों पर ऊर्जा की मौजूदगी और उसके उतार-चढ़ाव का भान कर सकने में सक्षम थे।
इस अवधि में अधिक विश्राम की जरूरत होती है,जिससे वंचित रखना क्रूरता है।
@ कुमार राधा रमण जी ! शायद आपने पोस्ट को ध्यान से पढ़े बिना ही अपनी राय दी है . कृपया देखें -
'गाँव के लोगों का कहना है कि मासिक स्राव के दौरान लडकी अशुद्ध होती है इसलिए उसे घर में न रहने का अधिकार है न खाने का और न सोने का.'
क्या यह सरासर ज़ुल्म नहीं है ?
आपने इस पर कुछ नहीं कहा .
is tarah ke kaam se dharm ka kya rista.yeh murkh logon ka kaam hai.ajkal educated log aisa nahi kar rahe hai.hindu dharm ka koi manya kanoon nahi hai lekin kucch log janta ki agyanta ka fayda uthate hue andhkar me dalkar fayda uthate hai 99 percent sadhu isi koti me ate hai.
I said that it is the real injustc .
My name is Mohit Vajpay I told you
jo log aisa karte hain unhe roka jaye ye annya hain ki ladki bebas nahin hoti hain . becase usmw shan karne ki chamta hoti hain . but in
this world every person want to son and daugthter
kumar radharaman - aap jo keh rahe hain wo sahi hai. masik dharm ke dauraan mahila ka khoon saaf ho raha hota hai - jisase sharirik taur par kamzori, aur maansik taur par chidchidapan rehta hai.. is vajah se mahila ko zyada se zyada aaraam karna chahiye, aur rasoi se door rehna chahiye... lekin ghar se nikaal dena, khaana nahi dena - ye to bilkul ulta ho gaya.
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