संजय गाँधी की रहस्यमय दुर्घटना
इन्दिरा गाँधी संजय को अपने उत्तराधिकारी के रूप
में तैयार कर रही थीं। इसलिए इस बार उन्हें पार्टी के महामंत्री पद पर रख
दिया गया। इन्दिरा गाँधी स्वयं कांग्रेस की अध्यक्ष भी थीं, परन्तु सारे
अधिकार वास्तव में संजय गाँधी के हाथ में थे। इतना ही नहीं पार्टी के अलावा
सरकार के तमाम अधिकार भी अघोषित रूप में संजय गाँधी के हाथों में थे और वे
मनचाहे तरीके से कार्यपालिका को चला रहे थे। विपक्ष बुरी तरह हताश था,
जनता पार्टी टुकड़ों में टूट चुकी थी, इसलिए संजय गाँधी के अधिकारों को कोई
प्रभावी चुनौती नहीं थी। वैसे भी वे पर्दे के पीछे रहकर सारी गतिविधियां
चलाते थे, इसलिए किसी को सीधे उंगली उठाने का मौका नहीं मिलता था।
इसी समय संजय को हेलीकॉप्टर उड़ाने का शौक चर्राया। सफदरजंग हवाई अड्डे पर एक उड़ान क्लब है, उसकी सदस्यता लेने और हवाई जहाज उड़ाना सीखने में संजय गाँधी को कोई दिक्कत नहीं हुई, हालांकि वे हाईस्कूल की परीक्षा भी पास नहीं कर सके थे। इस क्लब के तमाम नियमों को धता बताते हुए वे अपनी मनमर्जी के कभी भी हेलीकॉप्टर उड़ाया करते थे और उसके साथ खेल किया करते थे। इनमें एक खेल यह होता था कि दूर से हेलीकॉप्टर उड़ाकर लाते हुए गोता लगाकर किसी ऊँचे पेड़ की सबसे ऊँची डाल के पत्तों को छूने की कोशिश करते थे। यह बहुत खतरनाक खेल था, पर संजय गाँधी को रोकने-समझाने वाला कोई नहीं था।
ऐसे ही एक दिन यह खेल करते हुए संजय गाँधी का हेलीकॉप्टर अनियंत्रित हो गया और वह पेड़ की डाल को छूने के बजाय जमीन से टकराया। कहने की आवश्यकता नहीं कि जमीन से टकराकर वह हेलीकॉप्टर चूर-चूर हो गया और उसको चला रहे संजय गाँधी तथा एक अन्य व्यक्ति बुरी तरह क्षत-विक्षत होकर मौत के मुँह में चले गये। वह दिन था 23 जून 1980 का।
Source : http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%B8-%E0%A4%9C%E0%A4%AF-%E0%A4%97-%E0%A4%A7-%E0%A4%95-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%B8-%E0%A4%AF%E0%A4%AE%E0%A4%AF-%E0%A4%A6-%E0%A4%B0-%E0%A4%98%E0%A4%9F%E0%A4%A8
1 comments:
आपकी इस उत्कृष्ट प्रस्तुति की चर्चा कल मंगलवार ७/८/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है |
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