संजय दत्त की सज़ा के मुद्दे पर एक चर्चा पर मुख्तलिफ़ दिलचस्प रायें देखनी हों तो देखें-
संजय दत्त : अभिनेता या अपराधी !
-महेन्द्र श्रीवास्तव
मेरा मानना है कि अगर आर्मस एक्ट के मामले में संजय सजा काटते हैं तो देश में एक संदेश जाएगा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, देश में कानून सबके लिए बराबर है और देश का कानून सख्त भी है। संजय से पूरी हमदर्दी होने के बाद भी मैं यही कहूंगा कि अगर उसकी सजा माफ होती है तो देश में एक गलत संदेश जाएगा, इसके अलावा ये एक नजीर भी बन जाएगी। इसे आधार बनाकर आगे भी लोग सजा माफी की मांग करने लगेंगे।
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इस पर हमने आदरणीय श्रीवास्तव जी से संवाद किया तो यह सिचुएशन बनी-
- @ आदरणीय महेन्द्र जी !Reply
आपका शेर अच्छा लगा.
अतः अपनी ताज़ा कहानी आपको हदिया (भेंट) करता हूँ.
आप भी बताएं कि यह कैसी लगी ?
एक प्राचीन प्रेत का देशी उपदेश
...क्योंकि.....
संजय दत्त को माफ़ कैसे किया जा सकता है ?
उन्होंने कभी सीखना ही नहीं चाहा कि क़ानून का सम्मान कैसे किया जाये ?
महाराष्ट्र में अभी एक साहब 'हृदय सम्राट' होकर मरे हैं. उनके भतीजे से लेकर बेटे तक सभी क़ानून का पालन किया करते थे. उनका पूरा संगठन क़ानून के पालन के लिये ही जाना जाता है. उनके पास कोई गैर क़ानूनी हथियार होता तो क्या उन्हें क़ानून सज़ा न देता ?
अगर आदमी के पास कोई संगठित दल न हो तो उसे बहुत फूंक फूंक कर क़दम रखना चाहिये.
...क्योंकि यहाँ क़ानून का राज है.