ग़ज़लगंगा.dg: ग़म की धूप न खाओगे तो खुशियों की बरसात न होगी: ग़म की धूप न खाओगे तो खुशियों की बरसात न होगी . दिन की कीमत क्या समझोगे जबतक काली रात न होगी . जीवन के इक मोड़ पे आकर हम फिर से मिल...
कल रात, गांधी यानी महात्मा गांधी मेरे ख्वाब में आये, यह मेरा भ्रम था, या
सचमुच का मेरा सपना, पता नहीं
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कल रात, गांधी यानी महात्मा गांधी मेरे ख्वाब में आये, यह मेरा भ्रम था, या
सचमुच का मेरा सपना, पता नहीं , लेकिन बात सो टका सही है, महात्मा गांधी कुछ
खुश ...