हमारी वाणी ने हमारे ब्लॉग 'commentsgarden.blogspot.com' को निलंबित कर दिया और सूचना आज तक भी न दी । हमारा जुर्म सिर्फ यह था कि हमने अपने ब्लॉग पर वह टिप्पणी क्यों पब्लिश कर दी , जिसे वकील साहब द्विवेदी जी ने 5 बार डिलीट मार दिया था ?
उसमें हमने द्विवेदी जी का विरोध किया था क्योंकि वे औरतों को धर्म के खिलाफ बगावत के लिए उकसा रहे थे । वे धर्म के खिलाफ बोले तो हमारी वाणी के मार्गदर्शक मंडल ने उनके ब्लॉग को निलंबित न किया और न ही उन्हें कोई नोटिस ही दिया और हम उनके खिलाफ बोले तो हमारा ब्लॉग ही निलंबित कर दिया ।
सुमन वकील साहब ने 'चूतड़' शब्द को हमारी वाणी के बोर्ड पर चमका दिया तब भी उन पर तो कोई आँच न आई। ये मार्गदर्शन मंडली कैसी अंधेरगर्दी पेल रही है ?
हमारी वाणी की पसंद नापसंद की ख़ातिर हम ईश्वर और धर्म के ख़िलाफ़ बग़ावत का बिगुल फूंकने वालों की आलोचना करना हरगिज़ न छोड़ेंगे। इस एक हमारी वाणी के ख़सम हो गए हैं पाँच और हो सकता है कि कर्ण की तरह कोई छठा इसका देवर भी हो।
'ब्लॉगप्रहरी' पर आप इस तरह की कोई चौकड़ी न पाएंगे । आप अपना ब्लॉग ख़ुद जोड़ सकते हैं । इसका मालिक कनिष्क कश्यप है। कनिष्क कश्यप अपना यार है , हमें उससे प्यार है। अभी 3 दिन पहले उन्होंने हमारे साझा ब्लॉग 'हिंदी ब्लॉगर्स फोरम इंटरनेशनल HBFI' को भी join किया है।
ब्लॉग जगत के कई साझा ब्लॉग्स के साथ हमारी वाणी ने हमारे साझा ब्लॉग को भी निलंबित कर दिया है और यह भी नहीं बताया कि कौन कौन से या मेरे सभी साझा ब्लॉग निलंबित कर दिए गए हैं ?
ब्लॉग जगत के सूत्रों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर भी नहीं बताया तो हमने अनुमान लगाया है कि हो न हो , इन सब घटनाओं के पीछे उड़नखटोले वाला पवन लाल है जो अपने जगतचिठ्ठा का भट्टा बैठ जाने के बाद से चिंतित चल रहा है और हमारे ब्लॉग जीवन के आरंभ में ही वह हमारे ब्लॉग को गाय के गोबर से उपमा दे चुका है। मैं उस पोस्ट को आज तक भूला नहीं हूं । इसे अपनी ग़लत रविश को सुधारने के लिए हम एक साल से ज्यादा दे चुके हैं लेकिन यह सुधरता हुआ नहीं लग रहा है । 'इक औरत' के ब्लॉग पर 141 टिप्पणियाँ आई हैं तो वहाँ भी यह मौजूद है । जहाँ भी इसलाम के खिलाफ कोई पोस्ट होगी वहाँ यह जरूर नज़र आता है और ऐसा करना अपनी ज़िल्लत को पुकारने के बराबर है । ऐसा मेरा मानता है । जब मैं सिर के बाल पकड़कर उसे गोबर की नाली में घसीटूंगा तो लोग देखेंगे कि उसकी आँखें चश्मे के कारण सुरक्षित रहेंगी लेकिन उसकी तोंद नाली में फंस जाएगी। ब्लॉगरी की दुनिया में कमाई उसकी सारी इज़्ज़त धूल में मिल जाएगी।
ख़ैर, हमारी वाणी की अंधेरगर्दि झेलने की हमें ज़रूरत ही क्या है जबकि हमारे पास ब्लॉग प्रहरी जैसा सक्षम एग्रीगेटर मौजूद है ?
अनवर जमाल अपना पराया नहीं देखता बल्कि वह तो केवल यह चाहता है कि वह वही बात कहे जिसे कि वह अपने मन में सत्य समझता है।
ब्लॉग प्रहरी अपनी तमाम विलक्षण सेवाओं के बावजूद आज भी उपेक्षित क्यों है ?
बताए कोई ब्लॉगर !
हम कनिष्क कश्यप जी की कोशिशों की दिल से तारीफ़ करते हैं और उन्हें यक़ीन दिलाते हैं कि ब्लॉग प्रहरी की उत्कृष्ट सेवाओं से परिचित कराने के लिए अनवर जमाल हरसंभव प्रयास करेगा।
और जिस वक़्त आसमान का छिलका उतारा जाएंगा
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और जिस वक़्त आसमान का छिलका उतारा जाएंगा (11)
और जब दोज़ख़ (की आग) भड़कायी जाएंगी (12)
और जब बेहिश्त क़रीब कर दी जाएंगी (13)
तब हर शख़्स मालूम करेगा कि वह क्...
1 comments:
anvr bhaai khub opreshn kiyaa he aapne lekin ap kisi bhi vaani ke mohtaaj nhin khudaa ne aapki shkhsiyat hi maashaa allah aesi bnayi he jiske aage sb bone hen yeh sb aapke mohtaaj he kuchh din sbr kriye inshaa alllah apne kiye pr pchhtava kr yeh aapse mafi bhi maangenge or haan blog prahri ko jo bat khiye to pliz hmen bhi to usse jod dijiye . akhtar khan akela kota rajsthan
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