फ़ानूस बनके जिसकी हिफ़ाज़त हवा करे / वो शम्मा क्या बुझे जिसे रौशन ख़ुदा करे Rest is rust , Work is worship.
शम्मा ए हक़ नूरे इलाही को बुझा सकता है कौन
जिसका हामी हो ख़ुदा उसको मिटा सकता है कौन
फ़ानूस बनके जिसकी हिफ़ाज़त हवा करे
वो शम्मा क्या बुझे जिसे रौशन ख़ुदा करे
जिसका हामी हो ख़ुदा उसको मिटा सकता है कौन
फ़ानूस बनके जिसकी हिफ़ाज़त हवा करे
वो शम्मा क्या बुझे जिसे रौशन ख़ुदा करे
लीजिए साहिबान ! ताज़ा दम होकर हम एक बार फिर आपके मार्गदर्शन के लिए वापस आ चुके हैं।
1 comments:
बहुत अच्छा लग रहा है. अब ब्लॉग बिल्कुल न्यूज़ पोर्टल की तरह. साथ ही एग्रीगेटर की तरह. बधाई हो अनवर भाई.
Post a Comment