वोह नफरत करते इस जग में हम प्यार लुटाने बेठे है ..सतीश सक्सेना
वोह नफरत करते इस जग में, हम प्यार लुटाने बेठे है ..नोयडा के ब्लोगिंग सितारे जनाब सतीश सक्सेना का मुस्कुराते चेहरे के साथ यह नारा, उन्हें और दुसरे ब्लोगरों से जुदा कर देता है , भाई सतीश सक्सेना वेसे तो एक अगस्त २००५ से ब्लोगिंग की दुनिया में जोर आज्मायश कर रहे हैं लेकिन २० जुलाई २००८ को इन्होने मेरे गीत नाम से ब्लोगिंग शुरू की और फिर ब्लोगिंग की दुनिया में अपनी लेखनी ,अपने विचार और अपने स्वभाव के दम पर निरंतर आगे बढ़ते गये आगे बढ़ते गए ................
भाई सतीश सक्सेना ने २९ जलाई २००८ को पहली ब्लोगिंग ...भारत माँ के यह मुस्लिम बच्चे ...शीर्षक से की जिसमें एक भाव एक सच को उकेर कर रख दिया इसके बाद ..माँ ......के शीर्षक से माँ की भावनाएं उजागर की तो फिर प्यारी बिटिया पर ब्लोगिंग कर डाली ...भाई सतीश जी ने अब तक २४२ ब्लॉग लिखे हैं लेकिन सराहना के तोर पर इन्हें ७९८० लोगों की प्यारी प्यारी टिप्पणियाँ मिल चुकी हैं ..इनके ब्लॉग के २१६ फोलोवर्स हैं और इनके हर ब्लोगिंग आर इंसान उसे पढने के लियें मचल उठा है ,बस यही सतीश भाई की लेखनी की जीत है ..कहते हैं के एक अच्छा इंसान ही एक अछा लेखक बन सकता है एक अच्छा विचारक बन सकता है , भाई सतीश जी ने जन्म से लेकर आज तक जो सहा है जो देखा है उसे उन्होंने अपनी रचनाओं में जिवंत चित्रित कर दिखाने का प्रयास किया है .
भाई सतीश जी कहते हैं जन्म से ही खुद को अकेला पाया इसीलियें संवेदन शील हूँ ,खुद अकेला रहा इसलियें सबका अकेलापन दूर करने के लियें कुछ भी कर गुजरने को तय्यार रहता हूँ ..अकेलेपन के कारण ही जीवन में अनुशासन ,संघर्ष,ज्ञान और अन्याय के खिलाफ लढना सीखा लोगों की मदद कर खुद सुकून तलाशने वाले सक्सेना साहब कहते हैं के उन्हें झुंट से नफरत है वोह कभी किसी से मांगने से चिड़ते हैं किसी से डरते नहीं और इसीलियें उन्हें अन्याय के खिलाफ लढना आ गया है उनकी इश्वर से प्रार्थना है के वोह कभी किसी का दिल न दुखायें और सभी के कम आ सके ऐसा कुछ करिश्मा हो जाए तो दोस्तों एक ऐसे गीतकार जिनके मेरे गीत ब्लॉग में एक दर्शन ,एक साहित्य,एक रचना ,एक कविता ,एक गज़ल , एक नज़म .एक नसर, एक कसीदा, एक मर्सिया एक कहानी,एक लेख कुल मिलाकर एक साहित्य बन गया है और इस ब्लोगर का नाम इसीलियें ब्लोगिंग की दुनिया में एक अदब का नाम है ऐसे भाई सतीश को बहुत बहुत विनम्रता से नमस्कार ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
2 comments:
अकेला भाईजान अस्सलामुअलैकुम। क्या कहना है ! वाह वाह! बेहतरीन और दिलकश अंदाज़ में अपनापन दिखलाया आपने सतीश जी के साथ। उन्हें हमारा भी नमस्कार। एकदम बजा फ़रमाते हैं आप उनके बारे में।
sahmat hain ham bhi aap mse zanaab !
veerubhai .
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