चेहरा आईना होता है जिससे दिल के जज़्बात ज़ाहिर होते हैं. जब भी कोई इन्सान खुश होता है तो उसकी ख़ुशी उसके चेहरे से साफ़ झलकती है और वहीँ अगर वह दुखी होता है तो उसका दुःख भी उसके चेहरे से जाना जा सकता है.
अजय कुमार झा के पिता जी का देहान्त हो गया है इसका समाचार पढ़कर हमें दुःख हुआ और जब हम अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए पिताजी ब्लॉग पर पहुंचे तो पितृशोक का दुःख अजय कुमार झा जी के चेहरे से साफ़ झलक रहा था लेकिन आस पास के चेहरों पर नज़र गयी तो उन चेहरों से ऐसा कोई भाव प्रकट नहीं हो रहा था बल्कि कुछ चेहरे तो मुस्कुराते हुए नज़र रहे थे ! आखिर भला यह कौन सा अवसर था मुस्कुराने का ?
श्रधांजलि देने के लिए जब मैं जो लिंक दिया हुआ था, पर गया तो वहां की स्थिति और भी ख़राब थी. वह नुक्कड़ ब्लॉग था ! उस पर भी अजय जी के चेहरे से साफ़ परेशानी झलक रही थी परन्तु आसपास के लोगों को देखा तो लगा कि वहां भी मोडलिंग चल रही है . कुछ चुस्त लिबास में नज़र आ रहे थे तो कोई पैंट की जेब में हाथ डाले स्टाईल मारते हुए नज़र में आ रहे थे.
ब्लॉगर एक विचारशील प्राणी कहलाता है:::
मैं आप सबको इस पोस्ट के ज़रिये से बस इतना बतलाना और जतलाना चाहता हूँ कि ब्लॉगर/ लेखक/ रचनाकर्ता एक विचारशील प्राणी होता है और उससे भी ज्यादा संवेदनशील और विचारशील होता है पाठक ! इसलिए ब्लॉगर/ लेखक/ रचनाकर्ता जब कोई पोस्ट/रचना बनाये तो उसे पोस्ट के शीर्षक के लिहाज़ से ही माहौल बनाना चाहिए. किस तरह के चित्र और कैसी सजावट करनी है?
अतः मैं उक्त दोनों ही ब्लॉग के मालिकान से यह विनम्र आग्रह करना चाहता हूँ कि या तो वह इन फ़ोटो को हटा दें अथवा माहौल के लिहाज़ से फ़ोटो डालें! अगर हम दुःख के अवसर पर दुःख की संवेदना न झल्काएंगे तो क्या हमें संवेदनशील कहलाने का हक़ है???
ख़बरकर्ता: सलीम ख़ान
अतः मैं उक्त दोनों ही ब्लॉग के मालिकान से यह विनम्र आग्रह करना चाहता हूँ कि या तो वह इन फ़ोटो को हटा दें अथवा माहौल के लिहाज़ से फ़ोटो डालें! अगर हम दुःख के अवसर पर दुःख की संवेदना न झल्काएंगे तो क्या हमें संवेदनशील कहलाने का हक़ है???
ख़बरकर्ता: सलीम ख़ान
9 comments:
APKI BATON SE ASAHMAT HAONE KE KOI......KARAN NAHI DIKHTE....
SALAM.
अजय झा जी के पिताश्री को श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ!
अजय झा जी के पिताश्री को upkhabar.in ki taraf se श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ!
सलीम भाई, कभी-कभी आपकी सोच पर हमें अफ़सोस होता है. दूसरों को नसीहत बिना सोचे समझे नहीं देनी चाहिए. जरा बताईये आपने जो फोटो लगायी है उसमे क्यों मुस्कुरा रहे हैं क्योंकि यह फाइल फोटो है, उसी तरह जो फोटो वहा लगायी गयी है वह भी किसी अवसर की फाइल फोटो है न की शोकसभा की सिर्फ अजय जी को प्रदर्शित करने के लिए. और अजय जी के चेहरे पर परेशानी क्यों दिखाई देगी जब वह फाइल फोटो हो, हा यह सही है की वह फोटो नहीं लगाना चाहिए क्योंकि समाचार और फोटो का कोई तालमेल नहीं है. मैं गया तो देखा समाचार में साफ लिखा है अजय जी अभी रश्ते में है. आपको सिर्फ लोंगो की कमिया ही क्यों दिखाई देती है.
भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
डंके की चोट पर
भाई...यही तो आधुनिकता है
हरीश भाई ! मुझे पता है कि यह एक फाईल फोटो है और आप भी इस बात से सहमत हैं कि यह फ़ोटो नहीं लगनी चाहिए और मेरा पोस्ट लिखने का भी मकसद सिर्फ इतना है कि यह फ़ोटो नहीं लगाना चाहिए !
अतः आपको आपत्ति क्यूँ??
आप स्वयं कह रहें हैं कि उक्त दोनों फ़ोटो नहीं लगनी चाहिए और मैं भी कि शोकसभा में इन फ़ोटो का कोई औचित्य नहीं !!
Shoksabha
विनम्र श्रद्धांजलि
श्री अजय झा जी के पिताश्री को श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ!
इस दुःख की घड़ी में हम अजय जी के साथ हैं और बेहतरी के लिए दुआ करते हैं .
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