एक इल्तिजा एक सुझाव ...
आदरणीय बन्धुवर, ब्लोगर साथियों आज बढ़े ही दुखी मन से मुझे यह सब इल्तिजा करना पड़ रही है और इस इल्तिजा के साथ साथ कुछ सुझाव भी देना पढ़ रहे हैं , मेरे भाइयों और बहनों, इन दिनों ब्लोगिंग में फिर से जिद और बहस के दोरान ब्लोगिंग की खुबसूरत दुनिया का स्वर्गिक सुख नरक में बदलता जा रहा है और इसे सिर्फ और सिर्फ आप और हम ही मिलकर रोक सकते हैं .
दोस्तों आप और में, यानि हम सब मिलकर अगर चाहें तो इस ब्लोगिंग की इस गंदगी, इस विकार को दूर कर सकते हैं , आज ब्लोगिग्न में कुछ गिनती के लोगों ने एक दुसरे की भावनाएं आहत कर ,एक दुसरे के धर्म का मजाक उढ़ा कर, कमियाँ निकाल कर, माहोल को सनसनीखेज़ बनाया जा रहा है पहले भी ऐसा हुआ है लेकिन शुक्र है खुदा का, के सभी भाइयों को सदबुद्धी आई और फिर वातावरण प्यार का बना , बिचारे का बना सद्भावनाए एक दुसरे के लियें एक दुसरे के दिल में पैदा हुईं , लेकिन कुछ दिनों से फिर इस खुबसूरत दुनिया को उजाड़ने के लियें माहोल फिर से बिगाड़ना शुरू कर दिया है एक दुसरे को निचा दिखने का प्रयास शुरू हो गया है एक दुसरे के धर्म की फजीहत कर वैमनस्यता भड़काई जा रही है यह सब तात्कालिक विचार हैं जो कुछ लोगों द्वारा केवल गुस्से में लिए गए निर्णय के तहत किया जा रहा है कुछ लोगों के इस गुस्से , बदले के इस भाव से सभी ब्लोगर सकते में हैं उनकी सांस थम सी गयी है और सभी लोग ब्लोगिंग की दुनिया में इस जहरीले धुंए से घुटन का सा माहोल होने से उकता गए हैं हालत यह हैं के गुटबाजियां बढ़ गयी हैं इस खतरनाक माहोल में अधिकतम ब्लोगर तटस्थ हैं लेकिन उनकी ख़ामोशी एक अपराध है इस माहोल को सहकर भी इसे सुधरने के प्रयास अगर नहीं किये जाते हैं तो भाई फिर तो हमें खुद के इन्सान होने पर भी शक होने लगता है एक जानवर एक कुत्ता एक दुसरे पर भोकता ही एक दुसरे पर हमला करता है से लहू लुहान करता है बस इसीलियें वोह जानवर कहलाता है और एक इन्सान छोटी मोटी मानवीय भूलों को नज़र अंदाज़ करता है जन बुझ कर अपराध करने वाले का सामूहिक विरोध करता है और हालात यहाँ तक होते हैं के उन्हें कानून के प्रावधानों के तहत दंडित भी करवाता ही .
दोस्तों इस माहोल में आज अगर हम हाथ पर हाथ धर कर बैठते हैं तो हम मानवता और राष्ट्रिता से ज्यादती कर रहे हैं देश का कानून है किसी को भी किसी के धर्म का अपमान करने का हक नहीं है कोई भी किसी के धर्म का मजाक उढ़ाकर या उसे निचा दिखाकर अगर भडकाऊ बात करता है तो उसे सजा देने का प्रावधान है और उसे सजा मिलना ही चाहिए , मेरी इल्तिजा है उन लोगों से जो मेरे छोटे या बढ़े भाई है गुस्से में आप खो बेठे हैं और देश के कानून को तमाशा बनाकर एक दुसरे के धर्म पर कीचड़ उछल रहे हैं लेकिन यह सब गंदगी अब ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है देश में साइबर कानून है और इंटरनेट की दुनिया में फर्जी आई डी बना कर या छदम नामों से फर्जी ब्लॉग बना कर अगर अपराध किया जाता है तो उन्हें पकड़ना मुश्किल काम नहीं है अगर पकड़ा जाता है तो कमसेकम सात साल और तीन लाख जुरमाना दंड है कोटा में कई कोचिंग छात्र इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं और आज उनका जीवन इन मुकदमों के कारण बेकार हो गया है यह वोह बच्चे हैं जो कोटा में अपना भविष्य बनाने आये थे और सभी बच्चे प्रभावशाली लोगों के थे लेकिन यह लोग सभी राजनेतिक और साम दाम दंड भेद के बाद भी अपने इन बच्चों को अपराध से नहीं बचा सके हैं . अगर कोई यह समझे के देश के कानून के साथ खिलवाड़ कर कोई अपराध से बच जाएगा तो उसे देश के आतंकवादियों और गद्दारों का सच देखलेना चाहिए हमारा देश ऐसे लोगों को पकड़ने और दंड दिलवाने के लियें सक्षम है में नहीं कहता के हमारे किसी भी ब्लोगर भाई को दंड मिले लेकिन मेरा यह फर्ज़ है के कोई भी ब्लोगर कोई भी फर्जी आई डी बनाकर वैमनस्यता भडकाने का अगर प्रयास करता है तो मुझे और मेरे शांत बेठे भाइयों को इस बारे में विचार करना होगा मेरे भाइयों प्लीज़ इस वातावरण को फिर से सुधार लो फिर से भाई चारे और सद्भावना का माहोल बना लोग प्यार दो प्यार लो का नारा बुलंद कर लो और एक शांत भ्रस्ताचार मुक्त भारत के निर्माण में मददगार बनो अगर किसी ब्लोगर की लेखनी से किसी की भावनाएं आहत हुई है तो में उन सभी की तरफ से आप सभी भाइयों से माफ़ी मांगता हूँ लेकिन प्लीज़ मेरी इल्तिजा स्वीकार करे और ब्लोगिंग का दम घोटू वातावरण फिर से प्यार और भाईचारे सद्भाव की फुहाल्र से मोहम्ब्बत की खुशबु से महका दो .............
अख्तर खान अकेला, कोटा, राजस्थान
अख्तर खान अकेला, कोटा, राजस्थान
5 comments:
मेरी भी इल्तिजा स्वीकार करे जिससे ब्लोगिंग का दम घोटू वातावरण फिर से प्यार और भाईचारे सद्भाव की फुहाल्र से मोहम्ब्बत की खुशबु से महक उठे! .............
sarthak post sahi aahvan..aabhar.
Beautiful suggestion !
very good ..indication and sugge..
अख्तर भाई आप की बात बिलकुल सत्य है..
ऐसा नहीं होना चाहिए,,
मगर कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन बताएँगे..
फिर कुछ लोग बोलेंगे की हमारा व्यक्तिगत निर्णय है की किस नाम से ID बनाये या ब्लॉग पर क्या नाम डाले..इसका क्या इलाज करें..कई आइसे ब्लॉग मैं भी देख रहा हूँ जो फर्जी नाम से चल रहें है..मगर कोई ऐसी सुविधा नहीं की हम रोक पायें..कई तो गालिया लिखकर जाते है मेरे ब्लॉग पर...मगर मुझे लगता है भगवन उन्हें सद्बुद्धि जरुर देगा इक दिन...जो ब्लॉग की आड़ में साम्प्रदायिकता का पोषण कर रहें हैं..
Post a Comment