केवल सम्मानित होने और सम्मानित करने के शौक़ में
और इसी के साथ हिंदी ब्लॉगर्स की पतली जेब से मोटी रक़म भी निकाल लेंगे राइट ब्रदर्स।
कौन हैं ये राइट ब्रदर्स ?
दुनिया इन्हें जिस नाम से भी जाने हम तो इन्हें अवि-रवि की जोड़ी के नाम से जानते हैं।
इनकी ठगी की पूरी दास्तान, नहीं पूरी नहीं बल्कि अधूरी दास्तान देखिए हमारे ब्लॉग पर ,
देखिये कमाने के कुछ जायज़ तरीके (वीडियो)
और इसी के साथ हिंदी ब्लॉगर्स की पतली जेब से मोटी रक़म भी निकाल लेंगे राइट ब्रदर्स।
कौन हैं ये राइट ब्रदर्स ?
दुनिया इन्हें जिस नाम से भी जाने हम तो इन्हें अवि-रवि की जोड़ी के नाम से जानते हैं।
इनकी ठगी की पूरी दास्तान, नहीं पूरी नहीं बल्कि अधूरी दास्तान देखिए हमारे ब्लॉग पर ,
बड़ा ब्लॉगर वह है जो कमाता है
और डेल कारनेगी ने कहा है कि ‘आदमी को सबसे प्यारी आवाज़ उसके नाम की आवाज़ लगती है‘
ठग इस बात को जानते हैं और वे लोगों की इसी कमज़ोरी का फ़ायदा उठाकर अपनी रददी को किताब के भाव बेच भागते हैं।देखिये कमाने के कुछ जायज़ तरीके (वीडियो)
1 comments:
आज जब पूरा समाज ही चीटिंग में लगा है तो साहित्यकार इसमें पीछे क्यों रहेंगे!
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सही कहा आपने बिना पुस्तक छपाए ही बेच भी दी!
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