प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के बावजूद भी कुपोषण की दर में इजाफा होने को शर्मनाक बताया.
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को यहां बच्चों में भूख तथा कुपोषण की समस्या पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि जीडीपी में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद कुपोषण की ऊंची दर पूरी तरह अस्वीकार्य है और यह राष्ट्र के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि आज देश में छह वर्ष से कम आयु के करीब 16 करोड बच्चे हैं। ये 16 करोड़ बच्चे ही कल देश का भविष्य हैं।
ये ही किसान, शिक्षक, डाटा आपरेटर और सेवा प्रदाता आदि बनेंगे। कुपोषण की ऊंची दर के साथ कोई देश एक स्वस्थ भविष्य की उम्मीद नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री ने रिपोर्ट को इस अर्थ में चिंताजनक और उत्साहवर्द्धक दोनों बताया कि नौ राज्यों के 112 जिलों में 73000 परिवारों से बातचीत पर आधारित यह सर्वेक्षण एक ओर जहां कुपोषण की ऊंची दर की जानकारी देती है, वहीं यह भी बताती है कि इनमें से 100 जिलों में पिछले सात साल में हर पांचवें बच्चे का वजन पर्याप्त उचित अनुपात में बढा है।
ये ही किसान, शिक्षक, डाटा आपरेटर और सेवा प्रदाता आदि बनेंगे। कुपोषण की ऊंची दर के साथ कोई देश एक स्वस्थ भविष्य की उम्मीद नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री ने रिपोर्ट को इस अर्थ में चिंताजनक और उत्साहवर्द्धक दोनों बताया कि नौ राज्यों के 112 जिलों में 73000 परिवारों से बातचीत पर आधारित यह सर्वेक्षण एक ओर जहां कुपोषण की ऊंची दर की जानकारी देती है, वहीं यह भी बताती है कि इनमें से 100 जिलों में पिछले सात साल में हर पांचवें बच्चे का वजन पर्याप्त उचित अनुपात में बढा है।
Source : http://www.amarujala.com/national/nat-Embarrassing-for-the-nation-high-rate-of-malnutrition-21291.html
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