पल्लवी सक्सेना जी बता रही हैं एक सच्ची घटना
करे कोई भरे कोई ...
कल की ही बात है मेरे शहर भोपाल में मेरे घर के पास एक दवाई की दुकान है
जिसे एक पिता पुत्र मिलकर चलाते थे ,उन अंकल से अर्थात दुकान के मालिक की
मेरे पापा के साथ बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी थी। कल अचानक पता चला कि उनके
22 साल के लड़के ने आत्महत्या कर ली। जानकार बेहद अफसोस हुआ। इस सारे
मामले के पीछे की जो कहानी मेरे पापा को उन्होंने जो सुनाई और मेरे पापा
ने जो मुझे बताया वही आपके सामने रख रही हूँ।
हुआ यूं कि उनका बेटा न जाने कैसे एक-के बाद एक कुछ स्त्रियों के चक्कर
में फंस गया उसकी ज़िंदगी में आने वाली तीनों लड़कियों में से दो ने उसे
प्यार में धोखा दिया तीसरी बार एक महिला जो खुद 2 बच्चों की माँ थी उसने
उसके साथ सहानभूति रखते हुए संबंध बनाए और एक दिन हद पार हो जाने के बाद
उसका वीडियो बना कर उस लड़के को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। बदले में
मांगी 5 लाख रुपये की धनराशि, एक दिन पुत्र ने पिता के पास आकर कहा पापा
मुझे 5 लाख रूपय चाहिए पिता ने कहा 5 क्या तुम 7 लाख ले लेना, मगर पहले
कारण तो बताओ कि आखिर तुमको इतने पैसे क्यूँ चाहिए। तब उसने अपने पापा को
सारी सच्चाई बताई अब इतने सारे पैसे आज की तारीख में कोई घर में तो रखता
नहीं है सो पिता ने कहा ठीक है मुझे दो-तीन दिन का वक्त दो मैं कुछ इंतजाम
करता हूँ और मन ही मन उन्होंने सोचा इस बहाने एक दो दिन सोचने का भी समय
मिल जायेगा कि इस मामले में और क्या किया जा सकता है, मगर हाय रे यह आजकल
की नासबरी जनरेशन उसने उस औरत और उसके पति के दवारा दी हुई धमकियों के डर
से अगले दिन ही आत्महत्या कर ली, उन अंकल के एक बेटी भी है जिसकी शादी हो
चुकी है कल तक बेटा भी था जो अब नहीं रहा। ऐसे में वो बहुत टूट गए हैं
उनका कहना है अब मैं कमाऊँ तो किसके लिए अब कमाई की न तो बहुत जरूरत है न
कोई अरमान, ऊपर से उनकी दुकान पर आने वाले लोग उनसे मुंह छुपाकर किन्तु
उन्हीं के सामने उनके बेटे के लिए अभद्र बातें करते है जिसके चलते अंकल से
सहा नहीं जाता और वो दुकान बंद करके कहीं एकांत में जाकर बहुत रोते हैं।
बच्चे आत्महत्या न करें इसके लिए माँ बाप को बचपन से ही उनके सामने उन लोगों का चरित्र नहीं आने देना चाहिए जिन्होंने समस्या पड़ने पर खुद आत्महत्या कर ली.
जिन लोगों ने आत्महत्या की है उन्हें कभी आदर्श बनाकर पेश न किया जाए. गलत लोगों को आदर्श बनाया जायेगा तो बच्चे उनके रास्ते पर चल सकते हैं.
एक सच्चे आदर्श व्यक्ति का अनुसरण किये बिना समाज का दुःख कम होने वाला नहीं है.
युवक के पिता के साथ हमारी संवेदनाएं हैं.