Dr. Anwer Jamal का कहना है:
January 11,2013 at 11:49 AM IST
मोहित जी ! असल बात यह है कि न तो आप इंद्र के पद को जानते हैं और न ही स्वर्ग की प्राप्ति के तरीक़े को।
स्वर्ग केवल सत्कर्मियों को ही प्राप्त होता है और उनमें जो सबसे श्रेष्ठ होता है, वह इंद्र कहलाता है। ऐसा पुराणों में वर्णित है।
सभी स्वर्गवासियों में सबसे ज़्यादा अच्छे इंद्र को आप अहंकारी और घमंडी कह रहे हैं ?
ये बुराईयाँ इन्द्र में नहीं थीं बल्कि उनमें थीं जिन्होंने इन्द्र का चरित्र चित्रण किया है। इसलिए अपना ज्ञान सुधारो,
‘‘इन्द्र को इल्ज़ाम न दो।‘‘
जब आपको अपने ही धर्म-नियम का पता नहीं है तो इसलाम के बारे में आप जो भी ग़लत बात कह दें, बिल्कुल नेचुरल है।
आपने कमेंट किया,
आपका शुक्रिया !
स्वर्ग केवल सत्कर्मियों को ही प्राप्त होता है और उनमें जो सबसे श्रेष्ठ होता है, वह इंद्र कहलाता है। ऐसा पुराणों में वर्णित है।
सभी स्वर्गवासियों में सबसे ज़्यादा अच्छे इंद्र को आप अहंकारी और घमंडी कह रहे हैं ?
ये बुराईयाँ इन्द्र में नहीं थीं बल्कि उनमें थीं जिन्होंने इन्द्र का चरित्र चित्रण किया है। इसलिए अपना ज्ञान सुधारो,
‘‘इन्द्र को इल्ज़ाम न दो।‘‘
जब आपको अपने ही धर्म-नियम का पता नहीं है तो इसलाम के बारे में आप जो भी ग़लत बात कह दें, बिल्कुल नेचुरल है।
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