बता रही हैं संचिता उपाध्याय
आप चूड़ियां पहन भी नहीं सकते
संचिता उपाध्याय |
चूड़ियां पहनने का मतलब है अपने हाथ खुद बांध लेना। मर्यादा, लिहाज़ और शर्म के बंधनों में।
आप फौजी हैं। संगीन पर जाकर गोली खाते हैं। इस बात की इज़्ज़त करते हैं हम। लेकिन कभी सोचा है, आप तो सिर्फ एक बार गोली खाकर मर जाते हैं। आपके पीछे से आपकी वही बेवाएं आपकी नई पुश्त के लिए ज़िन्दगी से दो-दो हाथ करती हैं, जिनके हाथों में 'चूड़ियां' पड़ी हैं।
1 comments:
बहुत बढ़िया -
सटीक -
तर्कों में दम-
शुभकामनायें-
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