एक नास्तिक ईश्वर और धर्म को नहीं समझ पाता। लिहाज़ा वह नैतिकता को भी कभी समझ नहीं पाता। एक नास्तिक ख़ुद भी हमेशा कन्फ़्यूज़ रहता है और पहले से कन्फ़्यूज़ लोगों को और ज़्यादा कन्फ़्यूज़ कर देता है। लोगों को कल्याण से निराश कर देना नास्तिक अपनी उपलब्धि मानते हैं।
इन बुराईयों के बावजूद वे देशभक्त हो सकते हैं। हर इंसान में अच्छाई का कोई न कोई अंश ज़रूर मौजूद होता है। ऐसे ही नास्तिक आये दिन हमसे बहस करते रहते हैं लेकिन जवाब कभी नहीं दे पाते।
देखिए एक ऐसी ही बहस-
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