क्या भाजपा ख़ुद नहीं चाहती कि वह सत्ता में आए ? BJP
नीतीश कुमार जी ने कहा है कि पिल्ले और बुरके के बयान चुनाव में वोट नहीं दिला सकते।
नीतीश कुमार जी की बात को पहले गंभीरता से नहीं लिया गया तो अब कौन लेगा लेकिन सीनियर भाजपा नेता यशवन्त सिन्हा ने भी मोदी जी को कम बोलने की सलाह दी है। इस पर एल. के. आडवाणी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। नीतीश कुमार की तरह वह भी नहीं चाहते थे कि नरेन्द्र मोदी जी को इतना आगे लाया जाए। उनकी चाहत को उनकी महत्वाकांक्षा मान लिया गया। उग्र हिन्दु युवाओं ने सोचा कि बड़े मियां ख़ुद प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।
हक़ीक़त यह थी कि वह भाजपा को सत्ता में लाना चाहते थे और वह जानते थे कि ऐसा तब तक संभव नहीं है जब तक कि मुसलमानों और उदारवादी हिन्दुओं को साथ न लिया जाए। वह इसी के लिए कोशिशें कर रहे थे लेकिन उनकी सारी कोशिशों में उनके संघ ने ही पलीता लगा दिया।
जैसे जैसे मोदी जी उग्र हिन्दुत्व की लहर लाते जाएंगे, वैसे वैसे वह ख़ुद को सत्ता से दूर करते चले जाएंगे। जो कांग्रेस चाहती है, उसे मोदी जी ख़ुद ही संपन्न कर रहे हैं।
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