होली का भाव और प्रभाव
होली के अवसर पर सभी पाठकों को शुभकामनायें. होली आती है और भक्त प्रह्लाद की याद दिलाती है. हालात कितने ही विपरीत हों और शत्रु कितना ही बलशाली क्यों न हो लेकिन अगर आपका विश्वास है कि आपका पालनहार आपका रक्षक और सहायक है तो फिर उसकी मदद आयेगी और हर जगह आयेगी. हज़रत इब्राहीम अलैहिस-सलाम को भी अल्लाह के नाशुक्रे और मुनकिर बादशाह ने बहुत तेज़ आग जलवा कर उसमें फिकवा दिया था लेकिन अल्लाह ने उन्हें बचा लिया. होली महज़ रंगों का त्यौहार ही नहीं है बल्कि यह इस बात को जानने और जांचने का भी अवसर है कि हम ईश्वर-अल्लाह पर कितना भरोसा रखते हैं?
इस बात का पता इससे चलेगा कि जब हमारे सामने कठिनाईयाँ आती है तब हम उस दयालु डाटा से शिकवा तो नहीं करने लगते या फिर मायूसी का शिकार तो नहीं हो जाते ?
होली की यह मूल भावना मन में न रहे तो हुडदंगी लोग होली को अनुशासन और संयम के बन्धन तोड डालने का दिन बनकर रख देते हैं जोकि धर्म और अध्यात्म दोनों के खिलाफ है. धर्म और नैतिकता जिन लोगों का स्वभाव है, उनके लिये होली पुरानी स्मृति को ताज़ा करती है और उनका नैतिक उत्थान करती है.
2 comments:
nice view express by you about holi and this is the real holi .thanks to nice post .
शुक्रिया शालिनी जी!
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