नरेन्द्र भाई मोदी का व्यक्तित्व और उनकी विचारधारा जो भी हो लेकिन पिछड़ी जाति के व्यक्ति का प्रधानमंत्री बनना और हज़ारों साल से अपना वर्चस्व बनाए रखने वाली जातियों के सदस्यों का उनके अधीन काम करना एक बड़ा बदलाव है। यह बदलाव एक दिन में और किसी एक व्यक्ति के प्रयास से नहीं आया।
आदरणीय गौतम बुद्ध ने, महावीर जैन ने, चार्वाक ने और बहुत से दूसरे सुधारकों ने सामाजिक न्याय के लिए वर्ण व्यवस्था को उखाड़ने का काम किया। वर्ण व्यवस्था के रक्षकों के उत्तराधिकारी अब समता और समरसता के लिए ख़ुशी ख़ुशी काम करते देखे जा सकते हैं। उन्हीं के एकजुट समन्वित प्रयासों के नतीजे में कल पिछड़ी जाति के एक व्यक्ति को सत्ता मिली और वे उसे ख़ुशी ख़ुशाी देखते रहने के लिए मजबूर थे.