सेहत, सबके लिएडा. अनवर जमाल
( पहले देखिए शाँति, सबके लिए ) मज़दूरी, खेती, व्यापार और फ़ैक्ट्रियों में प्रोडक्शन, हम इनमें से कुछ भी नहीं कर सकते, अगर समाज में शाँति नहीं है। अगर लोग शाँति के साथ सड़कों पर आ-जा नहीं सकते, तो वे कोई रचनात्मक काम भी नहीं कर सकते। ऐसे में...
शाँति, सबके लिएडा. अनवर जमाल
आज इन्सान अपने सबसे कठिन दौर से गुज़र रहा है। विज्ञान की उन्नति ने जहां उसके पास सुविधा के साधनों का ढेर लगा दिया है वहीं उसके सामने एक मुश्किल भूल भुलैया भी बना दी है। आज इन्सान के सामने उसकी मंज़िल की साफ़ तस्वीर नहीं है। जिसके सहारे वह आगे बढ़ सके। ऐसे में...
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