आजकल क्रिकेट और ब्लॉगोत्सव की चर्चाएं ब्लॉग वर्ल्ड में कई ब्लॉग्स पर हो रही हैं ।
BBLM पर 'ब्लॉगोत्सव की हक़ीक़त' खोली गई है
जबकि
'ब्लॉगरों की दुनिया' में 'ब्लॉगोत्सव के आयोजकों और प्रायोजकों की मंशा' पर ही सवालिया निशान लगाते हुए यह पूछा जा रहा है -
क्रिकेट के विश्व कप आयोजन के संदर्भ में :
हार जीत तो चलती ही रहती है , उसकी कोई बहुत ज्यादा अहमियत नहीं है । अहमियत है कारोबार की , धंधे , मुनाफे और प्रचार की जो कि उत्पादों को मिलता है खेलों के जरिए और इसीलिए कंपनियाँ खेल प्रतियोगिताओं को स्पॉन्सर करती हैं और अब इसी हेतु ब्लॉगोत्सव का आयोजन भी कोई कंपनी कर रही है ताकि बाँटने वाले रेवड़ियाँ बाँट सकें उन्हें जिन्हें वे अपना समझते हैं।
...
इन पंक्तियों को मेरी एक टिप्पणी के रूप में मेरे प्रिय प्रवीण जी की पोस्ट 'जोर का झटका धीरे से लगा' पर भी देखा जा सकता है।
BBLM पर 'ब्लॉगोत्सव की हक़ीक़त' खोली गई है
जबकि
'ब्लॉगरों की दुनिया' में 'ब्लॉगोत्सव के आयोजकों और प्रायोजकों की मंशा' पर ही सवालिया निशान लगाते हुए यह पूछा जा रहा है -
क्रिकेट के विश्व कप आयोजन के संदर्भ में :
हार जीत तो चलती ही रहती है , उसकी कोई बहुत ज्यादा अहमियत नहीं है । अहमियत है कारोबार की , धंधे , मुनाफे और प्रचार की जो कि उत्पादों को मिलता है खेलों के जरिए और इसीलिए कंपनियाँ खेल प्रतियोगिताओं को स्पॉन्सर करती हैं और अब इसी हेतु ब्लॉगोत्सव का आयोजन भी कोई कंपनी कर रही है ताकि बाँटने वाले रेवड़ियाँ बाँट सकें उन्हें जिन्हें वे अपना समझते हैं।
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इन पंक्तियों को मेरी एक टिप्पणी के रूप में मेरे प्रिय प्रवीण जी की पोस्ट 'जोर का झटका धीरे से लगा' पर भी देखा जा सकता है।
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