हमने अपनी निजी ब्लॉग "डंके की चोट पर" कुछ ऐसी तस्वीरों को प्रकाशित किया है जिसे देखकर पत्थर दिल भी दहल जायेंगे, क्या आप उन्हें देखना चाहेंगे, यदि हाँ तो आ जाईये और बताईये क्या कोई इन्सान ऐसा भी कर सकता है. स्वागत क्लिक करें.
और तुममे से कोई ऐसा नहीं जो जहन्नुम पर से होकर न गुज़रे (क्योंकि पुल सिरात
उसी पर है) ये तुम्हारे परवरदिगार पर हेतेमी और लाज़मी (वायदा) है (71) फिर हम
परहेज़गारों को बचाएँगे और नाफ़रमानों को घुटने के भल उसमें छोड़ दें
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और तुममे से कोई ऐसा नहीं जो जहन्नुम पर से होकर न गुज़रे (क्योंकि पुल सिरात
उसी पर है) ये तुम्हारे परवरदिगार पर हेतेमी और लाज़मी (वायदा) है (71)
फिर हम पर...
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