हमने अपनी निजी ब्लॉग "डंके की चोट पर" कुछ ऐसी तस्वीरों को प्रकाशित किया है जिसे देखकर पत्थर दिल भी दहल जायेंगे, क्या आप उन्हें देखना चाहेंगे, यदि हाँ तो आ जाईये और बताईये क्या कोई इन्सान ऐसा भी कर सकता है. स्वागत क्लिक करें.
शोक आते ही,संपन्न कराया माँ का नेत्रदान
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शोक आते ही,संपन्न कराया माँ का नेत्रदान
2. पिता के 11 साल बाद,आज माँ का भी नेत्रदान
शाइन इंडिया के अनवरत जागरूकता अभियान से अब संभाग में कहीं पर भी किसी ...
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