बिना तहलका डॉट कॉम की मदद के ही जे. जे. जासूस के स्टाइल में इस घोटाले के मुल्ज़िमान को बेनक़ाब किया जा रहा है निहायत सलीक़े से, बड़े खूबसूरत तरीक़े और पूछा जा रहा है कि जो आदमी औरत के नंगे फ़ोटो लगाकर मनोरंजन करने-कराने का इतिहास रखता हो, क्या वह सम्मान पाने का पात्र हो सकता है ?
क्या ऐसा ब्लॉगर किसी को सम्मानित करने का कोई हक़ वास्तव में रखता है ?
कौन है वह आदमी जिसने हिंदी ब्लॉग जगत को पहली बार बताया कि ‘छिपकलियां छिनाल नहीं होतीं‘ ?
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2 comments:
जाते हैं इन लिंकों पर!
व्यस्तता के कारण देर से आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ.
आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् और आशा करता हु आप मुझे इसी तरह प्रोत्सन करते रहेगे
दिनेश पारीक
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