सम्मान समारोह का चर्चा आजकल ज़ोरों पर है। किताब बेचने वाली एक संस्था का नाम बार बार सामने आ रहा है। उसका नाम रोज़ आ रहा है और बार बार आ रहा है और मुफ़्त में ही आ रहा है। हिंदी ब्लॉगर्स इस संस्था का जितना चर्चा कर रहे हैं, उसका उतना ही प्रचार हो रहा है। इस प्रचार के लिए यह संस्था केवल दो ब्लॉगर्स को ही ‘पे‘ कर रही है। इन धंधेबाज़ों ने ऐसा मायाजाल रचा है कि बहुत से भोले भाले ब्लॉगर्स मुफ़्त में ही इस संस्था के प्रचार में जुटे हुए हैं। यह सारा किया धरा है केवल दो नामी हिंदी ब्लॉगर्स का।
सूत्रों की बातों पर विश्वास करें तो इनमें से एक क़लमबाज़ पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने ईनाम की वह ओरिजनल सूची ही बदल दी है जिसके अनुसार वर्ष 2010 के प्रतिभाशाली ब्लॉगर्स को पुरस्कार दिया जाना था और दूसरे कलाकार के बारे में यह बात कही जा रही है कि औरत की नंगी तस्वीर अपनी पोस्ट पर लगाने के बाद वह किस मुंह से ईनाम ले और दे रहे हैं ?
एक एग्रीकटर पर भी इनका इतना प्रभाव है कि वह ऐसी पोस्ट को भी तुरंत अपने बोर्ड से हटा देता है जिसमें कि ब्लॉगिंग के नाम तमाशेबाज़ी कर रहे इन दोनों शब्द व्यापारियों की मंशा और इनके अमल की समीक्षा की गई होती है ?
आज सुबह हमारी एक पोस्ट इसी जुर्म में हटा दी गई है। कारण केवल यह है कि इस एग्रीकटर के दो तीन सदस्यों का ‘ईनाम फ़िक्स‘ है। उनके कुछ चहेतों को भी ईनाम मिलने वाले हैं। इसलिए वे नहीं चाहते कि यह बात सबके सामने आए कि यह सारी ईनामबाज़ी केवल अपने पसंद के ब्लॉगर्स को हाई लाईट करने के लिए ही की जा रही है। वर्ना क्या वजह है कि जिन शीर्षकों के अंतर्गत जो ब्लॉगर्स नवाज़े जा रहे हैं, उन्हीं शीर्षकों के अंतर्गत उनसे बेहतर ब्लॉगर्स मौजूद हैं लेकिन उनका नाम ‘ईनाम सूची‘ में नहीं है।
जिस तरह हिंदी ब्लॉगर्स की ऊर्जा को एक संस्था विशेष के प्रचार में बिना उचित मूल्य दिए खपाया जा रहा है, यह धोखाधड़ी का ही एक प्रकार है जिसे अपने सशक्त नेटवर्क के बल पर सफलतापूर्वक खेला जा रहा है।
आप भी जागरूकतापूर्वक इस पूरे ड्रामे को देखने की कोशिश कीजिए और हम भी देख रहे हैं कि आगे-आगे होता है क्या ?
हमारी वह पोस्ट जिसे आरोपियों को बचाने की गरज से हटाया गया
9 comments:
Anwar sahab...
agar aapki baat me thoda bhi sach hai to iss bhrashtachaar ke khilaaf main aapka saath dunga...
kyonki agar aisa hi hota rha to hum naye hindi bloggers ko kabhi bhi protsahan nahi mil payega...
or bahut jald hi hindi blog jagat bas chuninda bloggers ka hi ghar ban ke rah jayega...
@ माही जी ! यह बात पूरी तरह सच है । इस हक़ीक़त को सबके सामने लाने के लिए बृहस्पतिवार को मैं ब्लॉग जगत की एक हस्ती का इंटरव्यू भी पेश करने की कोशिश कर रहा हूँ । अभी तक मैं अकेला ही इनके भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ रहा था लेकिन अब आप भी साथ हैं तो अब हम एक और एक मिलकर 11 बन गए हैं ।
ये पहले ही बौखला रहे थे और अब और ज़्यादा हड़बड़ा जाएंगे ।
इनके पाखंड का सामूहिक रूप से प्रतिकार कीजिए और अपने ब्लॉग पर पोस्ट लगाएँ और फिर उस पोस्ट का आम प्रचार करें ।
ये इसी से बेनक़ाब हो जाएंगे ।
धन्यवाद ।
dhanyawad Anwar ji...
maine blog jagat ko shuru me apni pahchan ek kavi or ek lekhak ke roop me banane ke liye apnaya tha, or aaj sochta hoon ki blog jagat ko ek nayi kranti ki jaroorat hai... or iss kranti me main har dam apke sath hoon ...
jahan sach hai vahan ham bhi hain kyonki jhooth aur anyay ke khilaf ladna to hamara aarambh se shauk raha hai aur hame aapki is post me sach nazar aa raha hai isliye aapse alag jane ka to sawal hi nahi uthta.
धन्यवाद रानी लक्ष्मीबाई जी !
२०१० के सर्वाधिक चर्चित ब्लॉगर में मेरा नाम था देखते हैं कि कल्पना में मैं रहूँगा या बिसरा दिया जाऊंगा !
एकजुट हो जाओ जुल्म के खि़लाफ़ Unity is best policy
माही जी ! आपकी तरह मैं भी यहां कुछ अरमान लेकर आया था। हिंदी ब्लॉगिंग का मतलब मैं यही समझता था कि हम अपने विचार दूसरों के साथ शेयर करें और दूसरों के लेख पढ़कर हम लाभ उठाएं लेकिन धीरे-धीरे यह सच्चाई सामने आई कि जिन लोगों को लिखने का ख़ाक पता नहीं है वे यहां बड़े ब्लॉगर बने बैठे हैं और ब्लॉगर्स के चक्रवर्ती सम्राट बनने के चक्कर में हैं। मैंने तुरंत से ही उनकी मुख़ालिफ़त शुरू कर दी तो उन्होंने मेरे धर्म को कोसना शुरू कर दिया और मुझे एक और लड़ाई में उलझा दिया। ताकि मुझ पर अन्य धर्मों का विरोधी होने का ठप्पा लगाया जा सके जिससे नए ब्लॉगर्स मेरी बात पर कान ही न धरें। धीरे-धीरे मैंने ऐसे सभी लोगों के होश ठिकाने लगा दिए और कुछ जगहों पर खुद को पीछे हटा लिया ताकि मैं फ़ालतू में इन बड़े ब्लॉगर्स की साज़िश का शिकार न बनूं। मैं चाहूं तो मैं भी ख़ामोश रह सकता हूं लेकिन मुझसे अन्याय होता देखकर चुप रहा ही नहीं जाता। इस बार मैं देख रहा हूं कि औरत को सरेआम नंगा करने वाले हिंदी व्यंग्यकार अपने यार-दोस्तों की टीम को सम्मानित कर रहे हैं और खुद भी सम्मानित हो रहे हैं।
एक मशहूर एग्रीकटर की लगभग पूरी टीम को ही अहाने-बहाने से आॅब्लाइज किया जा रहा है। इस तरह औरत के सतीत्व और स्त्रीत्व को अपमानित करने वाले ये लोग तमाशेबाज़ी करके हिंदी ब्लॉग जगत में अपना नाम ऊंचा करने की फ़िराक़ में हैं। अगर ये लोग कामयाब हो गए तो नेकी-बदी और सम्मान-अपमान का पैमाना और उसकी तमीज़ ही ख़त्म हो जाएगी। इस क्राइसिस से बचाने के लिए मुझे अकेले ही आवाज़ उठानी पड़ी वर्ना ऐसा नहीं है कि मैं जोड़-तोड़ करके एक अदद सम्मान हासिल न कर सकता था। ऐसे जुगाड़ और ऐसी तकनीक मुझे भी आती है लेकिन सम्मान मेरा मक़सद नहीं है , मेरा मक़सद तो सत्य है। जो भी काम हो उसमें ईमानदारी और पारदर्शिता हो। अगर इन्होंने कोई सूची जारी कर ही दी थी तो अब पुरस्कार भी उसी के अनुरूप बांटे जाने चाहिएं थे और अगर श्रेष्ठ व्यंग्यकार को अपने द्वारा नंगा फ़ोटो लगाने पर कोई अफ़सोस है तो समस्त हिंदी ब्लॉगर्स से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांग लेते तो बात ख़त्म हो जाती। दूसरी बातों को हम भी नज़रअंदाज़ कर देते।
कार्यक्रम तो इनका होकर रहेगा क्योंकि इन्होंने एक लंबे अर्से से गुटबाज़ी करके एक नेटवर्क बना लिया है लेकिन इनका मज़ा तो ख़राब कर ही दिया जाएगा। जब ये लोग सम्मान सभा में सजकर बैठे हों तब भी इनकी एक नज़र आपकी पोस्ट पर रहनी चाहिए। इससे आइंदा इन पर दबाव बनेगा और ये इस बार की तरह हिंदी ब्लागर्स को मूर्ख बनाकर उन्हें अपमानित करने का साहस नहीं कर पाएंगे।
हमारे अंदर किसी भी मुद्दे पर कितनी भी असहमति क्यों न हो ? लेकिन हमें इनके चैधरीपने के सपने को चकनाचूर करने के लिए आपस में एकजुट होना ही पड़ेगा। जितने भी नए ब्लॉगर्स हैं, जितने ब्लॉगर्स भी गुटबाज़ी से दूर हैं उन्हें एकजुट करने के उद्देश्य से ही ‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ की स्थापना की गई है। जो लोग इस संघर्ष में मेरे साथ आना चाहते हैं यदि वे फ़ोरम में शामिल होना चाहें तो उनका स्वागत है।
http://hbfint.blogspot.com/
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एकजुट हो जाओ जुल्म के खि़लाफ़ Unity is best policy
नीति से अलग शायद ही कोई क्षेत्र बचा होगा...मुझे लगता था ब्लॉग जगत में ऐसा नहीं होगा..पर है... जो स्पष्ट झलकता है...
आदरणीय ज्ञानदत्त जी ने मेरे ब्लॉग पर टीप दी:-
"वाह झपाटा जी, आपने बहुत बढ़िया पोस्ट लिखी है. ब्लौगिंग के धंधेबाजों और फंदेबाजों का पर्दाफाश ज़रूरी है.
इस मामले में आपके हरदिल अज़ीज़ अनवर जमाल आपके साथ खड़े हैं और बाचास्पत्ती और पर्रर्रभात की बखिया दिल से उधेड़ रहे हैं. कृपया उन्हें अपना नैतिक समर्थन दें."
इसीलिये आपको इस बात पर नैतिक समर्थन दे रहा हूँ, मगर अफ़सोस इस बात का है कि आप इसे भी मिटा देंगे जमाल जी, हर बार की तरह।
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