हमारी भेजी गयी शिकायत पर आज द्विवेदी वकील साहब ने एक पोस्ट बनाई है .
1. शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान प्रकट नहीं की है।
2. शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान छुपाई है।
यह अफ़वाह क्यों फैलाई जा रही है ?2. शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान छुपाई है।
यह शिकायत जिस ईमेल द्वारा भेजी गई थी उसमें शिकायतकर्ता का नाम ही नहीं बल्कि उसकी जाति तक साफ़ साफ़ लिखी हुई है। सुबह को शिकायत भेजने के बाद जब उसे कोई रेप्लाई नहीं मिला तो उसने इसका ज़िक्र ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर भी किया है।
हमारीवाणी के अंधे मार्गदर्शक और उनके औंधे फैसले
वर्चुअल दुनिया में हक़ ए इज़्हारे राय की आज़ादी के लिए लड़ने वाला अनवर जमाल कभी छिप के शिकायत नहीं किया करता। वह आँखों में आँखें डालकर शिकायत करता है।ताज्जुब है कि ‘मार्गदर्शक‘ को नज़र ही नहीं आया कि शिकायतकर्ता का नाम क्या है ?
जबकि सारा ब्लॉग जगत शिकायतकर्ता को भी जानता है और इस बात को भी कि उसकी शिकायत का अंजाम होना क्या है ?
क्योंकि आप खुद कह रहे हैं कि ‘संकलक को बलॉगरों के ‘‘बहुमत‘‘ की अपेक्षाओं के अनुरूप विकसित किया जाए और उस का सौंदर्य बना रहे।‘
बहुमत मीन्स हिन्दू ?
यही तो सारी शिकायत है .
ये जनाब फरमाते हैं किएक ही पोस्ट कई ब्लॉग्स पर एक ही समय में डाली जाती है जिस से संकलक का सौन्दर्य नष्ट होता है , किसी अन्य ब्लॉगर का हक भी मरता है.
हमने तो फेसबुक पर यह देखा है कि एक ही पोस्ट हज़ार जगह पडी है और फेसबुक नहीं मानती कि उसका सौन्दर्य नष्ट हो रहा है.
एक ही आदमी का फोटो लाखों जगह दिखाई देता है , उसे भी फेसबुक अपनी सुन्दरता को नष्ट करने वाला नहीं मानता.
भारत का पहला फेसबुक है 'ब्लॉगप्रहरी'.
वह भी ऐसी कोई बात नहीं मानता.
अंतर्राष्ट्रीय फेसबुक हो या भारतीय फेसबुक , दोनों ही के अंधे मार्गदर्शक नहीं हैं इसीलिये वे ऐसे औंधे नियम नहीं बनाते .
क्या वे ब्लॉगर्स के बहुमत की अपेक्षाओं का ध्यान नहीं रखते ?
ब्लॉगर्स के बहुमत की आड़ लेकर मुसलमानों का शिकार किया जा रहा है और इस तंगनज़री में वे बेचारे हिन्दू ब्लॉगर्स भी पिस रहे हैं जिन्होंने हिंदी में ब्लॉगिंग करने की गलती की और जिन्होंने साझा ब्लॉग बनाने की गलती की.
जनाब खुशदीप जी फरमाते हैं कि'हमारी वाणी के लिए हर वक्त मैग्नीफाइंग ग्लास लेकर सभी ब्लॉगरों की पोस्ट पर नज़र रख पाना भी संभव नहीं है'
भाई साझा ब्लॉग वाले ब्लॉगर्स भी हर दम कंप्यूटर पर सवार नहीं रहते कि पोस्ट आते ही तुरंत जान लें कि किसने कौन सी पोस्ट कितने ब्लॉग्स पर डाली है ?
बहुत जगह तो बिजली सही नहीं आती और बहुत जगहों पर कनेक्टिविटी की प्रॉब्लम है .अगर पानी के जहाज़ में कोई एक भी सूराख हो जाए तो यह नहीं कहा जाता कि यह सूराख बहुमत कि भावनाओं की मंशा पूरी करेगा .
इसी तरह की बेहकीक़त बातें देर सवेर हमारी वाणी का बड़ा गर्क करेंगी.
इस ब्लॉग को निलंबित किया जाना भी इन अंधे मार्गदर्शकों की ही कारस्तानी है.
जबकि इस ब्लॉग पर कॉपी पेस्ट नहीं की जाती बल्कि केवल पोस्ट का लिंक देकर यह बताया जाता है कि किस ब्लॉगर ने कहाँ क्या लिखा है ?
अगर किसी ने पूरी पोस्ट डाली है तो हमने उन्हें टोका भी है और उनकी पोस्ट्स को हटाया भी है और आज फिर बताये देते हैं कि इस ब्लॉग पर आप या तो सूचना दें या फिर अपनी पोस्ट का विज्ञापन करें . आप उस पोस्ट का सारांश दें और पोस्ट का लिंक दे दें.
कोई सूचना केवल इसी ब्लॉग के लिए लिख रहे हैं तो आप जितना लंबा चाहे लिखें. ऐसा करेंगे तो आपके ब्लॉग तक भी पाठक पहुंचेंगे और यह ब्लॉग अपने नाम को भी सार्थक करता रहेगा. अश्लील सामग्री यहाँ न दर्शाई जाए.
हमारीवाणी के मार्गदर्शकों का विरोध में मनोज पाण्डेय जी की पोस्ट
0 comments:
Post a Comment