यह जानने के लिए देखें :
(ऐ रसूल) क्या हमने तुम्हारा सीना इल्म से कुशादा नहीं कर दिया (जरूर किया)
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सूरए अल इन्शिरा मक्के में नाजि़ल हुआ और इसकी आठ (8) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) क्या हमने तुम्ह...
2 comments:
aur yahi param satya hai jise bade se bada satyavadi bhi sweekarna nahi chahta.
@ शालिनी जी ! आपने बिल्कुल ठीक कहा है।
शुक्रिया !
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