यह जानने के लिए देखें :
और जिस वक़्त आसमान का छिलका उतारा जाएंगा
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और जिस वक़्त आसमान का छिलका उतारा जाएंगा (11)
और जब दोज़ख़ (की आग) भड़कायी जाएंगी (12)
और जब बेहिश्त क़रीब कर दी जाएंगी (13)
तब हर शख़्स मालूम करेगा कि वह क्...
2 comments:
aur yahi param satya hai jise bade se bada satyavadi bhi sweekarna nahi chahta.
@ शालिनी जी ! आपने बिल्कुल ठीक कहा है।
शुक्रिया !
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