बेहतरीन शायरी है और उसमें एक संदेश भी है कि आदमी को अपनी ज़ुबान का सही इस्तेमाल करना चाहिए और सही इस्तेमाल यह है कि आदमी सच बोले।
देखिए-
देखिए-
बोल, यह थोड़ा वक़्त बहुत है
जिस्म-ओ-जुबां की मौत से पहले
बोल कि सच ज़िंदा है अब तक
बोल, जो कुछ कहना है कह ले
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/unlocked-mouth.html |
4 comments:
बहुत खूब...बधाई ||
sach kaha hai fiaz sahab ne ...aabhar
bahut achcha.
waah ,kya khub kaha hai
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