Sunday, July 24, 2011

लेडी रचना के खि़लाफ़ बोलना गुनाह है क्या ? Revamp

...क्योंकि जो भी उनकी बुराई करेगा वह उसकी सदस्यता ‘नारी‘ ब्लॉग से समाप्त कर देंगी।
ऐसा दावा किया है उन्होंने अपनी एक नई पोस्ट में।
http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2011/07/blog-post_24.html
इसी पोस्ट में उन्होंने दावा किया है कि उन महिला ब्लॉगर्स की सदस्यता भी समाप्त की जाएगी जो कि इधर उधर जाकर ‘नारी‘ ब्लॉग के बारे में सुझाव देती हैं कि इसमें यह और यह बातें और होनी चाहिएं।
यह सब काम वे कितने अर्से में करेंगी इसका कोई ज़िक्र उन्होंने इस पोस्ट में नहीं किया है। इसका ज़िक्र उन्होंने एक और जगह किया है और उसका लिंक यह है।
http://vicharonkachabootra.blogspot.com/2011/07/blog-post_23.html
ब्लॉग के लिए सलाह और सुझाव देना और साझा ब्लॉग के संचालक को उसकी ग़लत पॉलिसी पर टोकना क्या इतना बड़ा जुर्म है कि ब्लॉगर्स की सदस्यता ही समाप्त कर दी जाए ?
यह महिला ब्लॉगर्स को डराने की एक नाकाम कोशिश है या फिर अपना शक्ति प्रदर्शन ?
यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन फ़िलहाल ‘नारी‘ के रीवैम्प की तैयारी जारी है।
यह है हिंदी ब्लॉग जगत की ताज़ा हलचल जिसे आपके सामने पूरी निर्भीकता के साथ पेश कर रहा है ‘ब्लॉग की ख़बरें‘
यदि आप भी ऐसी ही कोई सूचना यहां प्रकाशित कराना चाहते हैं तो उसे भेज दीजिए ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ को एक शीर्षक लिखकर ‘ब्लॉग की ख़बरें में प्रकाशनार्थ‘
। blogkikhabren@gmail.com

11 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आज की दुनिया में सही बात कहना सपसे बड़ा गुनाह है!

पत्रकार रमेश कुमार जैन said...

हम अनपढ़, गंवार कुछ नहीं समझे कोई हिंदी में कुछ कहता या लिखता तब समझ आती. पढ़े-लिखे की लड़ाई में हम क्यों पड़े. जब सब ब्लोग्गर दूर खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं, तब हम क्यों न देखें? हम तो ठहरे वैसे भी अनपढ़, गंवार और सिरफिरा.

रविकर said...

ati har jagah varjit hai ||

kya apne putron se koi man dvesh kar sakti hai ||

utta-han kar sakti hai ,

chat se lekar niche kud sakti hai ya vishpaan bhi kara sakti hai ||

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल उद्देश्य से दी जा रही है!

Shalini kaushik said...

रचना जी की कार्य प्रणाली तो यही जाहिर करती है की उनके खिलाफ बोलना गुअनाह है किन्तु साथ ही किसी ऐसे ब्लोगर से सम्बन्ध होना भी गुनाह ही है जो उनके खिलाफ विचार व्यक्त करता है मुझे तो यही लगता है क्योंकि मैंने तो उनके खिलाफ कुछ कहा ही नहीं था उन्होंने तो मुझे शिखा के कहे पर ही बाहर कर दिया वैसे मेरे लिए यह बहुत बड़ा तोहफा है क्योंकि वैसे भी मैं बहुत से ब्लॉग से जुडी हूँ जहाँ मैं किसी भी विषय के पक्ष विपक्ष पर लिख सकती हूँ जबकि उनके ब्लॉग नारी पर तो केवल नारी के पक्ष में ही लिखा जा सकता है जबकि नारी का दूसरा पक्ष भी है और वह भी चर्चा का विषय होना चाहिए .

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

दोस्तों, आज तो कम से कम दिल से स्वीकार कर लो. भाई अनवर जमाल खान साहब बेशक धर्म से इस्लाम है.मगर उनका इरादा कभी किसी का अहित करना नहीं बल्कि सच का साथ देना और जब तक कोई सच का साथ देगा और सच का गला नहीं घोटेगा. तब तक सिरफिरा हर उस व्यक्ति के साथ खड़ा है.जिस दिन उसने सच का दामन छोड़ा.उस दिन "सिरफिरा" दामन छोड़ने में दो मिनट नहीं लगेगा.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, आप भी आज उसी द्वध्द से लड़ रही है. जिससे कुछ दिनों पहले मैंने भी "भारतीय ब्लॉग समाचार" के मंच पर लड़ा था. उस दिन सभी को डॉ अनवर जमाल खान बुरे नज़र आ रहे थें, क्योंकि उन्होंने मेरी उस पोस्ट को यहाँ "रमेश कुमार जैन ने 'सिर-फिरा'दिया शीर्षक से पोस्ट लगा दी थीं.तब मैंने भी चैटिंग को शामिल करते हुए अपनी जिम्मेदारियां की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की थीं. तब सम्मानीय और आपकी दोस्त शालिनी कौशिक ने उसी मंच पर उसको मेरी निजी मामला/ख़बरें कहकर अपमानित किया था. जब कोई ब्लोग्गर किसी के निजी दुःख और सुख में साथ नहीं दें सकते हैं. तब क्यों यह दोस्ती और भाईचारे का ढोंग? आज तक सिरफिरा ने "सच" का साथ दिया है और देता रहेगा.आज आप किन हालातों से गुजर रही हैं. मैं यह भली-भांति समझ सकता हूँ. वैसे तो आपके उस मंच पर लगी यहीं पोस्ट उस मंच के मापदंड को पूरा नहीं करती हैं. उसमें भी किसी की निजी समस्या है. उस मंच के उद्देश्य को पूरा नहीं करती हैं. मगर यहाँ पोस्ट डालने वाले भाई अनवर जमाल खान साहब की हैसियत और जिसकी यह समस्या(प्रधान संपादक-शिखा कौशिक)है, उनकी हैसियत मेरे से लाख गुना बड़ी है. आखिर यह भेदभाव क्यों? सिर्फ इसलिए मैं गरीब, लाचार, कमजोर था. गरीब, लाचार और कमजोर को कोई भी थप्पड़ मार लेता हैं. अपने से ताकतवर को मारे तब बहादुरी है. आज कहाँ गई उस मंच के मंडल और मालिक की ताकत? उस दिन एक-दो को छोड़कर बाकी मौन थें और आज भी मौन क्यों है? यानि यहाँ पर तमाशा देखने वाले ज्यादा है. बल्कि आगे बढ़कर "सच" का समर्थन करने वाले कम है. मैंने जो कहा करके दिखाया और आगे भी दिखता रहूँगा. इसका सबूत भी उन्हें ईमेल करके दे रहा हूँ. जब सच का कोई साथ ना दें तब सिरफिरा के पास आये.सिरफिरा सच के लिए अपना सिर भी कटवाने के लिए तैयार रहता है.

मैं पहले भी कहता आया हूँ और आज ब्लॉग जगत पर कह रहा हूँ कि-मुझे मरना मंजूर है,बिकना मंजूर नहीं.जो मुझे खरीद सकें, वो चांदी के कागज अब तक बनें नहीं.
दोस्तों-गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

अंकित कुमार पाण्डेय said...

यह है हिंदी ब्लॉग जगत की ताज़ा हलचल जिसे आपके सामने पूरी निर्भीकता के साथ पेश कर रहा है ‘ब्लॉग की ख़बरें‘
यदि आप भी ऐसी ही कोई सूचना यहां प्रकाशित कराना चाहते हैं तो उसे भेज दीजिए ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ को एक शीर्षक लिखकर ‘ब्लॉग की ख़बरें में प्रकाशनार्थ‘। blogkikhabren@gmail.com



maine ek khabar bheji thi use prakashit nahi kiya gaya

DR. ANWER JAMAL said...

@ अंकित जी ! आप एक रीयल स्कॉलर हैं। आपको बेवजह आरोप लगाने की आदत क्यों है भाई ?
आपका लेख कई दिन पहले प्रकाशित किया जा चुका है। निम्न लिंक पर जाएंगे तो आपको आपका लेख मिल जाएगा।
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_21.html

DR. ANWER JAMAL said...

@ आदरणीय रविकर जी ! आपने बहुत अच्छी बात कही है कि अति हर क्षेत्र में वर्जित है। अगर इस बात को समझ लिया जाए तो फिर मध्यमार्ग को जान लेना आसान होता है और बुराई के सफ़ाए के लिए यह निहायत ज़रूरी है। इसी बिन्दु को विस्तार के साथ मैंने इस लेख में समझाया है। आप इसे देखकर अपनी क़ीमती राय से ज़रूर अवगत करायें। बहुत से भाई लोगों ने इसे पढ़ा है लेकिन प्रतिक्रिया देने के बजाय न जाने ख़ामोश क्यों हैं ?
बुराई के ख़ात्मे का उपाय कैसे हो ?

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

जी हाँ, आदरणीय रचना के खिलाफ बोलना गुनाह है. वहाँ पर हिटलर जैसी तानाशाही चलती हैं. मानते है कि वो ब्लॉग की मालिक है.मेरे विचार में उनको अपना ब्लॉग सार्वजनिक ना करके, कुछ पाठकों और लेखकों के लिए सीमित कर देना चाहिए. इससे जो उनकी तारीफ के पुल बांधेगा. उसकी टिप्पणी और लेख प्रकाशित भी होंगे.हमारी टिप्पणी को सही नहीं मानती हैं तब किसकी टिप्पणी को सही कहूँ सच मानेंगी.आप मेरी टिप्पणी और लिंक यहाँ http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_5373.html पर देखें.

Anonymous said...

रमेश जी का ये वाला सुझाव बढ़िया है

‘ब्लॉग की ख़बरें‘

1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/

13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html

15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html

17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html

21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html

23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html

24- कुरआन का चमत्कार

25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?

26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata

27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1

28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो

29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत

30-
अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
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साहित्य की ताज़ा जानकारी

1- युद्ध -लुईगी पिरांदेलो (मां-बेटे और बाप के ज़बर्दस्त तूफ़ानी जज़्बात का अनोखा बयान)
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

2- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
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3- आतंकवादी कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Taliban
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4- तनाव दूर करने की बजाय बढ़ाती है शराब
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5- जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
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6- समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
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7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
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8- ख़ून बहाना जायज़ ही नहीं है किसी मुसलमान के लिए No Voilence
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9- धर्म को उसके लक्षणों से पहचान कर अपनाइये कल्याण के लिए
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10- बाइबिल के रहस्य- क्षमा कीजिए शांति पाइए
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

11- विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
http://dharmiksahity.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

12- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

13- ‘इस्लामी आतंकवाद‘ एक ग़लत शब्द है Terrorism or Peace, What is Islam
http://commentsgarden.blogspot.com/2011/07/terrorism-or-peace-what-is-islam.html

14- The real mission of Christ ईसा मसीह का मिशन क्या था ? और उसे किसने आकर पूरा किया ? - Anwer Jamal
http://kuranved.blogspot.com/2010/10/real-mission-of-christ-anwer-jamal.html

15- अल्लाह के विशेष गुण जो किसी सृष्टि में नहीं है.
http://quranse.blogspot.com/2011/06/blog-post_12.html

16- लघु नज्में ... ड़ा श्याम गुप्त...
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

17- आपको कौन लिंक कर रहा है ?, जानने के तरीके यह हैं
http://techaggregator.blogspot.com/

18- आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले -रविकर फैजाबादी

19-मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमत

20- मौत कहते हैं जिसे वो ज़िन्दगी का होश है Death is life

21- कल रात उसने सारे ख़तों को जला दिया -ग़ज़ल Gazal

22- मोम का सा मिज़ाज है मेरा / मुझ पे इल्ज़ाम है कि पत्थर हूँ -'Anwer'

23- दिल तो है लँगूर का

24- लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी - Allama Iqbal

25- विवाद -एक लघुकथा डा. अनवर जमाल की क़लम से Dispute (Short story)

26- शीशा हमें तो आपको पत्थर कहा गया (ग़ज़ल)

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