आप देख सकते हैं इस पोस्ट पर यह पूछते हुए कि
दिवंगत अमर रहे, इसलिए मृत्यु की पुष्टि होते ही परिजन करवाते है,नेत्रदान
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दिवंगत अमर रहे, इसलिए मृत्यु की पुष्टि होते ही परिजन करवाते है,नेत्रदान
2. चिकित्सक पिता का पुत्र ने और दादी माँ का पौत्र ने कराया नेत्रदान
हाडोती संभाग...







1 comments:
भाई जान मेहनत से सब कुछ संभव है और भाई अनवर डोक्टर साहब जो महनत कर रहे हैं उससे कोई भी कामयाबी असम्ब्भव हो ही नहीं सकती इंशा अल्लाह कामयाब ही होंगे .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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