आदरणीय मित्रो ,
" मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है"
" हाक थू .." मुजरेवाली इस पुलिस" पर |
* मुजरेवाली और दिल्ही पुलिस ..कोई फर्क नहीं है
" मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है"
* मुजरेवाली और दिल्ही पुलिस ..कोई फर्क नहीं है
" दिल्ली पुलिस याने वो " मुजरेवाली " है, जिससे सरकार जब चाहे मुजरा करवा सकती है ,आम आदमी के लिए " संविधान " की हर बात लागू पड़ती है मग़र उन हरामखोर और जिन पर कई संगीन गुनाहों के आरोप लगे हुवे है ऐसी " सरकार " और उनके "सांसद "पर इस देश का " संविधान " नहीं लगा सकती है दिल्ही पुलिस ..शायद कानून की सभी धाराए और सभी सेक्शन " आम आदमी " के लिए ही बने है उन सांसदों के लिए नहीं जिन पर कई संगीन जुर्म दर्ज है|"
....आगे यहाँ पर पढ़िएगा......
2 comments:
पुलिस की तो छोडिये पर हम क्या हैं हम ही तो हैं जो इन्हें कानून बनाने का अधिकार देते हैं ज़रुरत है हमारे जागने की और एक ऐसी सरकार चुनने की जो स्वयं को भी उसी श्रेणी में रखे जिसमे आम जनता है किन्तु ऐसा होता नहीं है और जब चुनने का समय आता है तो हम अपने और स्वार्थों में पड़ जाते हैं और यही कारण है की हमेशा हम मुंह की खाते हैं ..सार्थक पोस्ट आभार .
वह दिन खुदा करे कि तुझे आजमायें हम.
sahi kaha " shalini ji " aap se mai sahemat hu kintu sayad ab waqt ka takaja yahi kahe raha hai ki jago .. aur hum sab ko ab jagna hi padega "
anwar bhai .aapka tahe dil se sukriya sir ...ummid hai ki aage bhi aapki duva hum par aisi hi barsati rahegi
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