कल शाम रमज़ान का चांद नज़र आया लेकिन शाम से पहले दिन में ही चांद का टुकड़ा हमारी गोद में आ चुका था। हमारी एक बहन सहारनपुर में रहती हैं, उनकी सास ने ख़बर सुनकर कहा है कि इस बच्चे का नाम तो चांद मियां होना चाहिए।
नाम तो ख़ैर हमने अभी नहीं रखा है लेकिन हमने यह ख़बर ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली 2‘ में सभी ब्लॉगर भाई बहनों को कल ही दे दी थी, बिल्कुल ताज़ा ख़बर। आखि़रकार वे भी तो एक परिवार का ही हिस्सा हैं।
22 जुलाई 2010 को हमारी एक बेटी अनम का इंतेक़ाल हो गया था। जिसका अहसास इस बार भी 22 जुलाई को ताज़ा हो गया था। और उसके ठीक एक साल और एक हफ़्ते बाद हमारी गोद में एक बेटा आ गया है। यह है जन्म और मृत्यु का निर्बाध सिलसिला और एक अटल हक़ीक़त।
कुछ साल पहले सन 1998 में ऐन ईद की रात को हमारी वाइफ़ की वालिदा का इंतेक़ाल हो गया था। जब भी ईद की रात आती है तो उनका ग़म ताज़ा हो जाता है लेकिन अब रमज़ान की पूर्व संध्या पर ख़ुदा ने उन्हें एक बच्चा अता किया है। यह है ख़ुशी और ग़म का एक अजीब सिलसिला, जिसके बीच इंसान की पूरी ज़िंदगी गुज़रती है।
बहरहाल इंसान की हालतें बदलती हैं लेकिन उसका मालिक नहीं बदलता। वह एक ही है और इस जगत में उसी की योजना और उसी की इच्छा पूरी होती है। हम इंसानों को चाहिए कि हम उसकी इच्छा का सम्मान करें और उसके द्वारा किए जा रहे कामों को देखकर उसके ज्ञान से कुछ ग्रहण करें ताकि हमें मार्ग प्राप्त हो, ऐसा मार्ग जिस पर चलता भी वही है जिसने ख़ुद को टोटली उसके प्रति समर्पित कर दिया हो।
मालिक की जय हो, उसका नाम पवित्र है और वही हमारा उद्धारक है।
उसकी ओर से अवतरित ज्ञान की शिक्षा देने वाले सभी महापुरूषों की जय हो
और वह धर्म इस जग में आये जिसके लिए उन्होंने कष्ट सहे।
रमज़ान की मुबारकबाद सभी को , जो कि संयम सिखाता है
और हरियाली तीज की मुबारकबाद भी सभी को जो कि हरियाली की अहमियत की तरफ़ ध्यान दिलाता है।
मालिक इस धरती को हरा-भरा और हमें इस पर ख़ुश आबाद रखे,
आमीन !
नाम तो ख़ैर हमने अभी नहीं रखा है लेकिन हमने यह ख़बर ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली 2‘ में सभी ब्लॉगर भाई बहनों को कल ही दे दी थी, बिल्कुल ताज़ा ख़बर। आखि़रकार वे भी तो एक परिवार का ही हिस्सा हैं।
22 जुलाई 2010 को हमारी एक बेटी अनम का इंतेक़ाल हो गया था। जिसका अहसास इस बार भी 22 जुलाई को ताज़ा हो गया था। और उसके ठीक एक साल और एक हफ़्ते बाद हमारी गोद में एक बेटा आ गया है। यह है जन्म और मृत्यु का निर्बाध सिलसिला और एक अटल हक़ीक़त।
कुछ साल पहले सन 1998 में ऐन ईद की रात को हमारी वाइफ़ की वालिदा का इंतेक़ाल हो गया था। जब भी ईद की रात आती है तो उनका ग़म ताज़ा हो जाता है लेकिन अब रमज़ान की पूर्व संध्या पर ख़ुदा ने उन्हें एक बच्चा अता किया है। यह है ख़ुशी और ग़म का एक अजीब सिलसिला, जिसके बीच इंसान की पूरी ज़िंदगी गुज़रती है।
बहरहाल इंसान की हालतें बदलती हैं लेकिन उसका मालिक नहीं बदलता। वह एक ही है और इस जगत में उसी की योजना और उसी की इच्छा पूरी होती है। हम इंसानों को चाहिए कि हम उसकी इच्छा का सम्मान करें और उसके द्वारा किए जा रहे कामों को देखकर उसके ज्ञान से कुछ ग्रहण करें ताकि हमें मार्ग प्राप्त हो, ऐसा मार्ग जिस पर चलता भी वही है जिसने ख़ुद को टोटली उसके प्रति समर्पित कर दिया हो।
मालिक की जय हो, उसका नाम पवित्र है और वही हमारा उद्धारक है।
उसकी ओर से अवतरित ज्ञान की शिक्षा देने वाले सभी महापुरूषों की जय हो
और वह धर्म इस जग में आये जिसके लिए उन्होंने कष्ट सहे।
रमज़ान की मुबारकबाद सभी को , जो कि संयम सिखाता है
और हरियाली तीज की मुबारकबाद भी सभी को जो कि हरियाली की अहमियत की तरफ़ ध्यान दिलाता है।
मालिक इस धरती को हरा-भरा और हमें इस पर ख़ुश आबाद रखे,
आमीन !
13 comments:
जमाल साहब यही तो इस जिंदगी का खेल है कि कोई आता है कोई जाता है , कभी हम खुस होते है तो कभी निरास होते है , वो जख्म तो कभी नहीं भरते बस दिल इक नयी खुशी को पाकर झूम जाता है रमज़ान की मुबारकबाद सभी को , जो कि संयम सिखाता है और हरियाली तीज की मुबारकबाद भी सभी को जो कि हरियाली की अहमियत की तरफ़ ध्यान दिलाता है।
मालिक इस धरती को हरा-भरा और हमें इस पर ख़ुश आबाद रखे,
आमीन, आमीन, आमीन,
बहुत- बहुत मुबारकबादर ...।
Congrats n best wishes .
aapke chaand bete ko humara aashirvaad.jaldi hi bete ki photo post kijiye.
आपको भी बहुत-बहुत मुबारक़बाद
आपको भी बहुत-बहुत रमज़ान की मुबारकबाद
रमज़ान की मुबारकबाद
निजी और छोटे स्तर के मामलों में कुछ बार ऐसा हो सकता है
जमाल जी को साहित्याभिवादन
बहुत बहुत बधाई हो आपको
आपके कलम में तो जैसे जादू है बधाई हो आपको
आपसे एक चाहत थी की आप हमें भी अपमी ब्लाग की सदस्यता के साथ साथ ब्लाग पोस्ट करने की अनुमति प्रदान करे हमें लिंक दे कर इसी आशा के साथ
आपका अपना अनुज ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"
www.neelkamalkosir@gmail.com
जैसे तपस्या के बाद खुशी की सौगात मिलती है, वैसे ही रमजान के बाद ईद जीवन में भाईचारा और खुशियों का संचार करती है!
रोजे रखिए और अल्लाह ताला की इबादत कीजिए!
रमजान की बहुत-बहुत मुबारकवाद!
बहुत-बहुत मुबारक़बाद :-) :-)
आप सभी भाई-बहनों का बहुत बहुत शुक्रिया !
अच्छा लगा कि आप आए इस ख़ुशी के मौक़े पर !!
बेटे की और रमज़ान की मुबारकबाद. हमें भी आपके बेटे का नाम "चाँद मियाँ" ही उयुक्त लग रहा है.
masha-allah achhi kahabar pesh ki hai
......subhkamnayen............
salam.
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