नई दिल्ली।। मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह का सोमवार सुबह निधन हो गया। वह 70 साल के थे। वह मुंबई के लीलावती अस्पताल में ब्रेन हेमरेज के बाद भर्ती किए गए थे।
सोमवार सुबह 8 बजे उनका निधन हो गया। बांद्रा में रह रहे जगजीत सिंह को 23 सितंबर को ब्रेन हेमरेज के बाद हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाया गया था जहां उनकी सर्जरी की गई थी।
जगजीत सिंह के गीत सुनने के लिए यहां क्लिक करें
कई भारतीय भाषाओं में अपनी गायकी के चलते मील का पत्थर साबित हो चुके जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को हुआ था।
पद्मभूषण से सम्मानित थे जगजीत सिंह। राजस्थान के श्री गंगानगर में जन्मे जगजीत सिंह की चार बहनें और दो भाई थे। परिवार में उन्हें जीत के नाम से पुकारा जाता था। 1970- 80 के दशक के दौरान जगजीत सिंह और उनकी पत्नी चित्रा सिंह , जो खुद भी विख्यात गजल सिंगर हैं , ने भारतीय गायकी जगत में सफलता का चरम पाया। रिकॉर्डेड इंडियन म्यूजिक में सफलता के विशालतम आयाम गढ़ने वाला यह भारत का पहला कपल था।
जगजीत सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां क्लिक करें
उनकी दिल को छू लेने वाली गजलों में शामिल हैं: होठों से छू लो तुम मेरे गीत अमर कर दो , दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है , तुमको देखा तो ये ख्याल आया , अपनी मर्जी से कहां अपने सफर के हम हैं , पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है , होशवालों को खबर क्या जिन्दगी क्या चीज है आदि।
पढें : ऐसे बने वह ‘जीत’ से ‘जगजीत’
बॉलिवुड की हिट फिल्मों जैसे सरफरोश और तरकीब में भी उन्होंने गायकी दी। जगजीत सिंह न सिर्फ गायक थे बल्कि कंपोजर , ऐक्टिविस्ट और उद्योगपति भी थे। हिन्दी और पंजाबी के अलावा उन्होंने उर्दू और नेपाली में गीतों को भी अपनी आवाज दी थी।
सोमवार सुबह 8 बजे उनका निधन हो गया। बांद्रा में रह रहे जगजीत सिंह को 23 सितंबर को ब्रेन हेमरेज के बाद हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाया गया था जहां उनकी सर्जरी की गई थी।
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कई भारतीय भाषाओं में अपनी गायकी के चलते मील का पत्थर साबित हो चुके जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को हुआ था।
पद्मभूषण से सम्मानित थे जगजीत सिंह। राजस्थान के श्री गंगानगर में जन्मे जगजीत सिंह की चार बहनें और दो भाई थे। परिवार में उन्हें जीत के नाम से पुकारा जाता था। 1970- 80 के दशक के दौरान जगजीत सिंह और उनकी पत्नी चित्रा सिंह , जो खुद भी विख्यात गजल सिंगर हैं , ने भारतीय गायकी जगत में सफलता का चरम पाया। रिकॉर्डेड इंडियन म्यूजिक में सफलता के विशालतम आयाम गढ़ने वाला यह भारत का पहला कपल था।
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उनकी दिल को छू लेने वाली गजलों में शामिल हैं: होठों से छू लो तुम मेरे गीत अमर कर दो , दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है , तुमको देखा तो ये ख्याल आया , अपनी मर्जी से कहां अपने सफर के हम हैं , पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है , होशवालों को खबर क्या जिन्दगी क्या चीज है आदि।
पढें : ऐसे बने वह ‘जीत’ से ‘जगजीत’
बॉलिवुड की हिट फिल्मों जैसे सरफरोश और तरकीब में भी उन्होंने गायकी दी। जगजीत सिंह न सिर्फ गायक थे बल्कि कंपोजर , ऐक्टिविस्ट और उद्योगपति भी थे। हिन्दी और पंजाबी के अलावा उन्होंने उर्दू और नेपाली में गीतों को भी अपनी आवाज दी थी।
3 comments:
श्रद्धांजलि!
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इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
विनम्र श्रद्दांजलि।
मै गजल सम्राट जगजीत सिंह जी का फैन हूँ आज वो हमारे बीच नहीं है ईश्वर उनकी आत्मा को शांती प्रदान करे,मैंने अपने ब्लॉग में श्रद्धांजलि के रूप में चार लाइन लिखी है,शायद आपको अच्छी लगे,
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