पंडित श्री राम शर्मा आचार्य की जन्मशताब्दी समारोह के अवसर पर लोगों की भीड़ के कारण हुए हादसे में २२ लोगों के मारे जाने के बाद हमें इस बात पर फिर से विचार करने की ज़रुरत है कि इस तरह के बड़े आयोजन करने के लिए संस्थाएं व्यवस्था तो कर सकती हैं पर बहुत से ऐसे लोग जो केवल धर्म लाभ के लिए ऐसी जगहों पर जाते हैं और उन्हें इस तरह की संस्थाओं से कुछ भी मतलब नहीं होता है और वे इनकी गतिविधियों से पूरी तरह से अनभिज्ञ होते हैं जिनके कारण ही कई बार ऐसी अव्यवस्था फैल जाया करती है. इस बारे में अभी तक शांति कुञ्ज हरिद्वार के अनुशासन की सभी जगह तारीफ़ होती थी कि इनके कार्यकर्ता कितने भी बड़े आयोजन को बिना किसी अव्यवस्था के संपन्न कराने की क्षमता रखते हैं पर इस बार कहीं से कुछ कमी अवश्य रह गयी जिस कारण से ऐसी दुर्घटना हो गयी. इस बात पर अब शांतिकुंज में अवश्य ही मंथन किया जायेगा कि आख़िर किस स्तर पर कौन सी कमी रह गयी जिसने यह सब करा दिया
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