जब
भी प्यार की बात होती है सब लोग सिर्फ एक लड़की और एक लड़के में होने वाले
आकर्षण को ही प्यार मान लेते हैं. परन्तु प्यार वो सुखद अनुभूति है जो किसी
को देखे बिना भी हो जाती है. एक बाप प्यार करता है अपनी औलाद से, पति करता
है पत्नी से, बहन करती है भाई से, यहाँ कौन ऐसा है जो किसी न किसी से
प्यार न करता हो. चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो, प्यार को कुछ सीमित
शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता.
प्यार फुलों से पूछो जो अपनी खुशबु को
बिखेरकर कुछ पाने की चाह नही करता, प्यार क्या है यह धरती से पूछो जो हम
सभी को पनाह और आसरा देती है. इसके बदले में कुछ नही लेती, प्यार क्या है
आसमान से पूछो जो हमे अहसास दिलाता है कि -हमारे सिर पर किसी का आशीर्वाद
भरा हाथ है. प्यार क्या है सूरज की गर्मी से पूछो. प्यार क्या है प्रकृति
के हर कण से पूछो जवाब मिल जायेगा. प्यार क्या है सिर्फ एक अहसास है जो
सबके दिलों में धडकता है. प्यार एक ऐसा अहसास है जिसे शब्दों से बताया नहीं
जा सकता, आज पूरी दुनिया प्यार पर ही जिन्दा है, प्यार न हो तो ये जीवन
कुछ भी नहीं है. प्यार को शब्दों मैं परिभाषित नहीं किया जा सकता, क्योंकि
अलग- 2 रिश्तों के हिसाब से प्यार की अलग-2 परिभाषा होती है. प्यार की कोई
एक परिभाषा देना बहुत मुश्किल है. यदि आपके पास कोई एक परिभाषा हो तो आप
बताओ ?
पूरा लेख यहाँ पर क्लिक करके पढ़ें सच का सामना: यह प्यार क्या है ?:
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