गुम आदिवासियों की 3000 साल बाद घर जाने की बेचैनी
भारत में कुछ लोग प्रार्थना कर रहे हैं। उनकी तमन्ना है कि 3000 साल बाद वह किसी तरह अपने घर लौट जाएं। गुम आदिवासी कहे जाने वाले ये लोग मणिपुर पहुंच गए हैं, लेकिन वे हैं कहां के और हजारों साल अपने घर से दूर कैसे रहे। भारत हमारा देश नहीं है,' 72 साल के हानियल रुएबन जब यह कहते हैं तो उनकी आंखों से बेबसी और पराएपन का भाव छलक जाता है। वह छोटी सी कम्युनिटी के सबसे बुजुर्ग सदस्य हैं, जो मणिपुर के एक सिनेगॉग (यहूदी मंदिर) में अपने लोगों के साथ प्रार्थना करने पहुंचे हैं। ये जाति है यहूदियों की कुकी चिन मीजो और समझा जाता है कि इन लोगों को 720 ईसा पूर्व में इसराइल से भागना पड़ा। उस वक्त इसराइल पर मेसोपोटामिया सभ्यता के असीरियाई लोगों ने कब्जा कर लिया था। बाइबिल में जिन कुछेक गुम जातियों का जिक्र है, उनमें ये लोग भी शामिल होने का दावा करते हैं। रुएबन का कहना है, 'हमारे पूर्वज यहां आकर बस गए। लेकिन हमारा असली घर इसराइल है। हम एक दिन जरूर अपने घर, अपने लोगों को साथ जाकर रहने में सफल होंगे।'
भारत में कुछ लोग प्रार्थना कर रहे हैं। उनकी तमन्ना है कि 3000 साल बाद वह किसी तरह अपने घर लौट जाएं। गुम आदिवासी कहे जाने वाले ये लोग मणिपुर पहुंच गए हैं, लेकिन वे हैं कहां के और हजारों साल अपने घर से दूर कैसे रहे। भारत हमारा देश नहीं है,' 72 साल के हानियल रुएबन जब यह कहते हैं तो उनकी आंखों से बेबसी और पराएपन का भाव छलक जाता है। वह छोटी सी कम्युनिटी के सबसे बुजुर्ग सदस्य हैं, जो मणिपुर के एक सिनेगॉग (यहूदी मंदिर) में अपने लोगों के साथ प्रार्थना करने पहुंचे हैं। ये जाति है यहूदियों की कुकी चिन मीजो और समझा जाता है कि इन लोगों को 720 ईसा पूर्व में इसराइल से भागना पड़ा। उस वक्त इसराइल पर मेसोपोटामिया सभ्यता के असीरियाई लोगों ने कब्जा कर लिया था। बाइबिल में जिन कुछेक गुम जातियों का जिक्र है, उनमें ये लोग भी शामिल होने का दावा करते हैं। रुएबन का कहना है, 'हमारे पूर्वज यहां आकर बस गए। लेकिन हमारा असली घर इसराइल है। हम एक दिन जरूर अपने घर, अपने लोगों को साथ जाकर रहने में सफल होंगे।'
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