इमाम उमैर इलयासी और मुनि चिदानंद का प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान इज़्हारे ख़याल
शामली (संवाददाता मुहम्मद सालिम, एसएनबी)। हिंदुस्तान में एक ऐसे समाज की
ज़रूरत है, जिसमें मंदिर टूटने पर मुसलमान तड़प उठें और मस्जिद तोड़े जाने पर
हिंदू उसकी हिफ़ाज़त के लिए सामने आ जाएं। यह इसलिए कि किसी भी मज़हब में
दूसरों की इबादतगाह ढहाने का हुक्म नहीं दिया गया है। मंदिर, मस्जिद,
गुरूद्वारे और गिरजाघर इस देश की साझा संस्कृति है। इन ख़यालात का इज़्हार स्वामी मुनि चिदानंद जी महाराज और ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइज़ेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमाम उमैर इलयासी ने देहरादून जाते हुए यहां संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में किया। उन्होंने कहा -‘मुल्क में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का तसव्वुर ख़त्म होना चाहिए और सब को तरक्क़ी के बराबर मौक़े मिलने चाहिएं।‘
पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा -‘हमारी इबादत के तरीक़े अलग अलग हो सकते हैं लेकिन हमारी राष्ट्रीयता एक है। हम सब हिंदुस्तानी हैं।‘
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2 comments:
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देश में एकता और अमन का पैगाम ...बहुत सराहनीय
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